सरकारी स्कूलों का हाल बेहाल भदौरा प्राथमिक स्कूल में 9:30 बजे तक नहीं पहुंचे शिक्षक क्या ऐसे में बनेगा बच्चों का भविष्य क्या कर रहे हैं बी ई ओ ऑफिस में बैठे अधिकारी और क्यों लगातार लापरवाह शिक्षकों को दी जा रही है सह पढ़ें पूरी खबर




बिलासपुर//सरकारी स्कूलों में बदहाली का एक और नज़ारा आज सुबह भदौरा के बस्ती अंदर के प्राथमिक शाला में देखने को मिला जहां सफाई कर्मचारी के भरोसे दोनों शिक्षक स्कूल को छोड़ गए दोनों ही शिक्षक सुबह 9:30 बजे तक स्कूल नहीं पहुंचे थे हालांकि जब हमने सफाई कर्मचारी से शिक्षकों के बारे में पूछताछ करना चाहा तो उन्होंने कुछ भी बोलने से बचने का प्रयास किया पर यह जरूर बताएं कि कहीं शायद काम में फंसे होंगे इसीलिए नहीं आए हैं पर ग्रामीणों का राय शिक्षकों के पक्ष में नहीं है ग्रामीण बताते हैं कि स्कूल में शिक्षक कभी टाइम पर नहीं आते ना ही यह शिक्षा की मंदिर को सवारने का कार्य कर रहे हैं पालक भी उनके कार्यों से नाखुश नजर आ रहे हैं ऐसे शिक्षक जिनके भरोसे सैकड़ो बच्चे इस स्कूल में अध्यनरत हैं उनके भविष्य के साथ यह शिक्षक खिलवाड़ कर रहे हैं अब जरा सोचिए स्कूल लगे 2 घंटे बीत गए पर दोनों प्रभारी प्रधान पाठक चंद्र शेखर यादव और सहायक शिक्षक द्वारिका प्रसाद राठौर अभी तक स्कूल नहीं पहुंचे तो इनसे ईमानदारी की क्या ही उम्मीद की जा सकती है इनको लगता है कि इनके ऊपर बैठे अधिकारी भी सुस्त हो चुके हैं जिसके वजह से लगातार लापरवाही इनके द्वारा बरती जा रही हैं देखना होगा अब ऐसी लापरवाही सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में बैठे उच्च अधिकारी इन पर क्या एक्शन लेते हैं
क्या हैं बी ई ओ का कार्य
ब्लॉक लेवल पर सबसे बड़े शिक्षा अधिकारी को ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर या खंड शिक्षा अधिकारी कहते हैं. खंड शिक्षा अधिकारी का काम अपने ब्लॉक में आने वाले सभी स्कूलों का निरीक्षण करना और कोई कमी पाए जाने पर जिला प्रशासन को सूचित करना है