पूरे जिले में एक तरफ चल रहा था मतदान तो दूसरी तरफ बसंतपुर के ग्रामीणों ने कर दिया चुनाव का बहिष्कार विद्युत विभाग की लापरवाही और रोड की खस्ता हाल को बताया कारण क्या कहते हैं ग्रामीण जानें पढ़े पूरी ख़बर




बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र में 7 मई को मतदान चल रहा था और दुसरी ओर इसी लोकसभा क्षेत्र के मस्तूरी ब्लॉक अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बसंतपुर में चुनाव का बहिष्कार ग्रामीणों द्धारा किया गया कारण था वर्षो से खस्ता हाल पड़ी रोड आपको बताते चले कि छत्तीसगढ़ में सरकार तो बदल जाती हैं भाजपा फिर कांग्रेस फिर भाजपा आ गईं पर यहां की रोड ग्रामीणों के लाख कोशिश के बाद भी नहीं बन रही हैं ग्रामीण बताते हैं कि सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट काट कर थक गए मस्तूरी से बिलासपुर जिला मुख्यालय में ऐसी कोई कार्यालय नही होगा जहां हम लोग इस रोड की समस्या को लेकर नही गए हों पर पिछले 10 वर्षो से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा हैं पर रोड में सुधार नहीं हों रहा हैं इसी कारण सभी ग्रामीणों ने बैठक कर मतदान नहीं करने का निर्णय लिया मालुम हों की इस गांव में सिर्फ पांच वोट पड़े,ग्रामीण अपनी मूलभूत सुविधाओं जैसे सड़क,नहर, बिजली आपूर्ति की समस्या गिनाकर गांव की उपेक्षा करने का आरोप लगाते रहे । अधिकारियों के समझाने पर कुछ मान जाते फिर अचानक मतदान नहीं करने पर अड़ जाते । दिन भर मान मनौव्वल के बाद भी बसंतपुर के ग्रामीण नहीं माने और लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत
आने वाले सभी विधानसभा के लोग लोकतंत्र का पर्व मना रहे थे। कुछ बुजुर्ग जो ये कहते भी सुने गए हमें वोट डालने दो हो सकता है ये हमारी आखरी चुनाव हो
चुनाव का बहिष्कार करने के लिए गांव के युवा, महिला और बुजुर्गो ने पहले समर्थन तो किया फिर जैसे ही अधिकारियों ने लोकतंत्र के इस महापर्व में शामिल होकर अधिकार का प्रयोग करने की बात कही तो गांव में कुछ बरिष्ठजन मतदान के लिए तैयार हो गए। पिछले 10 वर्षों में मस्तूरी में कई अधिकारी बदले सरकार भी बदल गई पर ना तो अधिकारियों ने सुनी और ना ही सरकार ने ग्रामीणों की रोड की समस्या बिजली की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है ग्रामीण विद्युत विभाग के जूनियर इंजीनियर से बहूत नाराज नजर आए वो कहते हैं कि कभी भी छोटी बड़ी समस्या आती हैं तो नीचे गांव की लाईट को बंद कर दिया जाता हैं और इनके कर्मचारियों को फ़ोन लगाओ तो उठाते भी नही जब इनकी इच्छा होती हैं बनाने आते हैं नही होती तो ग्रामीणों को कई कई रात दिन बिना बिजली के जीना पड़ता हैं जिसके वजह से ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया,यही हाल केवटाडीह भुतहा का भी है यहां के ग्रामीण भी चुनाव का बहिष्कार करने के लिए चुनाव के पहले एकजुट हुए थे पर सरपंच के समझाइस के बाद यहां के लोग शांत हो गए समस्या यहां भी रोड की ही है देखना होगा मस्तूरी में बैठे अधिकारी और सुशासन की सरकार कब इन ग्रामीणों की समस्या दूर करते हैं
बहिष्कार की जानकारी मिलने पर मौके पर हम लोग पहुंचे। पूरे दिन मान मनौव्वल का सिलसिला चलता रहा। ग्रामीणों को समझाने पर मान जाते फिर अचाकन विरोध में उतर जाते। चुनाव बहिष्कार करने की ठोस वजह पता नहीं चला।
अमित सिन्हा
एसडीएम मस्तूरी