21वीं सदी में भी मस्तूरी जनपद पंचायत का ग्राम पंचायत खोंदरा कनेक्टिविटी से दूर सार्वजनिक वितरण प्रणाली बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई सूचनाओं के आदान-प्रदान में यहाँ बड़ी समस्या सरपंच शुरेश दास महंत समस्या दूर करने की लगातार कर रहे प्रयास पढ़े पूरी खबर




ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी में भी हमारे देश में आज भी ऐसे कई गांव है जहां दूरसंचार की समस्याएं बरकरार है ऐसा ही एक गांव मस्तूरी ब्लाक का ग्राम पंचायत खोंदरा है जो चारो तरफ से जंगल से घिरा हुआ होने के कारण यहाँ कनेक्टिविटी की बड़ी समस्या है जहां आज भी किसी भी नेटवर्क का सिग्नल नहीं मिल पाता इसके वजह से आस पास के गांव वालो को कई बड़ी समस्याओ का सामना करना पड़ता है कोरोना काल में जहाँ पुरे देश में सभी कार्य ऑनलाइन किया जा रहा था पढाई से लेकर मीटिंग सभी कार्य पर यहाँ के बच्चो का पढाई बंद हो चूका था चुकी यहाँ नेटवर्क नहीं होने के कारण ऑनलाइन पढाई मुमकिन ही नहीं था वही दूसरी तरफ आजकल पी डी एस से वितरण प्रणाली भी ऑनलाइन कर दिया गया है जिसमे भी यहाँ बड़ी समस्या हो रही है लोगो को मोबाइल के माध्यम से सुचना की आदान प्रदान करने के लिए गांव से बहार 3 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है तब जाकर संभव हो पाता है खोंदरा सरपंच शुरेश दास महंत जब से सरपंच बने है इसके लिए मेहनत कर रहे है की किसी तरह यहाँ इस समस्या को दूर किया जाये इसके लिए उन्हीने कुछ महीने पहले बिलासपुर जिलाधीश से मिलकर इस समस्या से अवगत करा कर इसे दूर करने के लिए लिखित में आवेदन भी दिया गया था पर अभी तक इसमें अमल नहीं हुआ है हालांकि कलेक्टर साहब ने आश्वासन जरूर दिया था अब देखना होगा की इनकी समस्या कब दूर होती है और कब ये गांव मोबाइल कनैक्टिविटी से जुड़ पाएंगे
भारत में दूरसंचार
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक लोग रहते हैं. उन्हें विशेष जानकारी और बेहतर संचार सुविधाएं प्रदान करनी होंगी. शहरी क्षेत्रों में अधिक टेलीफोन काम कर रहे हैं. मोबाइल फोन के प्रसार के साथ, ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राहकों की संख्या बढ़ रही है.