Angaar Moti Temple: मनोकामना पूरी करने वाली मां अंगारमोती के मंदिर में लगा आस्था का मेला…मछुआरों के जाल में फंसकर निकली थी मां अंगारमोती…पढ़िए वनदेवी अंगारमोती की रहस्यमय कहानी….

Angaar Moti Temple: मनोकामना पूरी करने वाली मां अंगारमोती के मंदिर में लगा आस्था का मेला…मछुआरों के जाल में फंसकर निकली थी मां अंगारमोती…पढ़िए  वनदेवी अंगारमोती की रहस्यमय कहानी….
Angaar Moti Temple: मनोकामना पूरी करने वाली मां अंगारमोती के मंदिर में लगा आस्था का मेला…मछुआरों के जाल में फंसकर निकली थी मां अंगारमोती…पढ़िए वनदेवी अंगारमोती की रहस्यमय कहानी….

छत्तीसगढ़ धमतरी.... दंडकारण्य का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले धमतरी में हमेशा से ही दैवीय शक्तियों का वास रहा है. देवी के विभिन्न रूपों के साथ-साथ अंगारमोती माता के प्रति यहां के लोगों में अगाध श्रद्धा है. नवरात्र के दौरान माता अंगारमोती के दर्शन के लिए यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है...

अभी शारदीय नवरात्र चल रहा है और पूरा धमतरी जिला भक्ति के रंग में रंगा हुआ है. अंगारमोती माता के दरबार में भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है. मां अंगारमोती ‘यथा रूप तथा गुणों वाली’ है. मान्यता है कि मां सदियों से इस शहर की रक्षा करती आ रही हैं. कहा जाता है कि मां के दरबार में आने वाले हर भक्त की मनोकामना मां जरूर पूरा करती हैं और यहां से कई निराश या खाली हाथ नहीं लौटता...

गंगरेल बांध के पास मां अंगारमोती का मंदिर है. बताया जाता है कि चंवरगांव में मां अंगारमोती का 600 साल पुराना मंदिर था. लेकिन गंगरेल बांध के बनने के बाद गांव में स्थित मंदिर डूब गया था. लोग कहते हैं कि इसके बाद डूब के क्षेत्र चंवरगांव के बीहड़ में माता स्वयं प्रकट हुईं और अपने तेज से इलाके को अलौकिक कर दिया. चमत्कारों वाली माता के नाम से प्रसिद्ध माता के भक्तों ने 1972 में गंगरेल बांध के पास मां अंगारमोती को स्थापित किया. मंदिर में अंगारमोती माता के अलावा शीतला माता, दंतेश्वरी माता और भैरव बाबा भी स्थापित हैं....

मान्यता है कि श्रद्धा के साथ जो भक्त यहां नारियल बांधता है, मां उसकी मुराद जरूर पूरा करती हैं. यहां नवरात्र में भक्त मनोकामना ज्योत भी जलाते हैं....

अंगारा ऋषि की पुत्री हैं अंगारमोती मां

माना जाता है कि मां अंगारमोती अंगारा ऋषि की पुत्री हैं. आपको बता दे कि ये सभी वनदेवियों की बहन मानी जाती हैं. इन्हें प्रकृति और हरी-भरी वादियों से विशेष लगाव है. इन्होंने बताया कि माता बहुत चमत्कारी हैं और इनके आशीर्वाद से निःसंतान महिलाओं की सूनी गोद भरी है...

मां विंध्यवासिनी की बहन मानी जाने वाली अंगारमोती मां की कृपा सदियों से भक्तों पर बरसती आ रही है. श्रद्धालु भी अपनी अगाध श्रद्धा से माता की आराधना करते रहे हैं...यहां दोनों नवरात्र में यहां भक्त मनोकामना ज्योत जलवाते हैं। शहर के अलावा दुर्ग, रायपुर, कांकेर सहित अन्य जिलों के भक्त यहां ज्योत जलवाते हैं