गोड़वाना समाज उपक्षेत्र दुगली में मनाया गया नवाखाई मिलन पर्व,कार्यक्रम में सम्मिलित हुए 16 गांव के आदिवासी समाज के समाजिकजन...




छत्तीसगढ़ धमतरी,नगरी....आदिवासी समाज की परंपरा और संस्कृति को आखिर क्यों दुनिया की प्राचीनतम संस्कृति का दर्जा देते है। आखिर दुनिया की संस्कृति से अलग क्यों मानी जाती है।आदिवासी समाज की कई ऐसे परंपराएं हैं जो प्रकृति से जुड़े हैं ऐसे ही परांपरिक पर्व है नवाखाई पर्व जिस पर्व में आदिवासी समाज भादों के नवमी तीथि को साल की प्रथम फसल की धान की अन्न को अपनी पेन पुरखा,प्रकृति शक्ति को अर्पण कर मनाया जाता है दुसरे दिवस ठाकुर जोहरनी पर्व मनाने के बाद क्षेत्रीय स्तर पर समाजिकजन मिलन पर्व मनाते हैं.रविवार को गोड़वाना समाज उपक्षेत्र दुगली क्षेत्र के समाजिकजनों व्दारा नवखाई ठाकुर जोहरनी मिलन पर्व गोहाननाला की पावन प्राँगण पर मनाया गया। जहा आदिवासी समाज ने पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाया। नवाखाई त्योहार एक कृषि से ही जुड़ा त्योहार नहीं अपितु प्रकृति शक्ति आस्था से जुड़ा पर्व है। नुआ का अर्थ नया और खाई का अर्थ खाना होता है इस दिन समाज के बुजुर्गो द्वारा अपने इष्ट देवी देवताओं को पूजा अर्चन कर धान की नई फसल की अन्न को चिवड़ा में मिलाकर पेनपुरखा और प्रकृति शक्ति को अर्पित कर सेवा अर्जी किया जाता और उसे प्रसाद के रूप ने पूरे परिवार समाज के साथ बैठकर ग्रहण करते है धमतरी जिला के नगरी ब्लाक आदिवासी बाहुल्य ब्लाक है जहाँ दुगली क्षेत्र में नवाखाई का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया जहा हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग एकत्रित हुए। आदिवासी मांदरी नर्तक दल और विशेष वेशभूषा से सजे आदिवासी समाज के युवायुवतीयाँ ने मांदरी नृत्य में झूमते नजर आए।इस दौरान पेसाकानून विशेषज्ञ अश्वनी कांगे ने पेसाकानून पर अपनी विचार आदिवासी समाज को बाँटे।समाजिकजनों ने समाजिक संगठन मजबूती,अपनी परंपरा संस्कृति को संरक्षित रखने के साथ शिक्षा पर जोर देने पर विचार समाजिकजनों को दिए। कार्यक्रम के दौरान आर.एन.ध्रुव प्रदेश अध्यक्ष अनु.जनजाति शा.सेवक संघ,छ.ग.मयाराम नागवंशी उपक्षेत्रीय अध्यक्ष गोडवाना समाज उपक्षेत्र दुगली, मनोज कुमार साक्षी जिला पंचायत सदस्य धमतरी, लोकेश्वरी नेताम जिला पंचायत सदस्य गरियाबंद,दिनेश्वरी नेताम अध्यक्ष जनपद पंचायत नगरी,बंशीलाल सोरी,घासीराम नेताम,शिवप्रसाद नेताम,तुलसीराम राम मंडावी,महेन्द्र नेताम,रामकुंवर मंडावी, सोपसिंग मंडावी, मकसुदन मरकाम, भैय्यालाल ध्रुव,हीरा मरकाम,जगन्नाथ ध्रुव, रोहित दिवान,बिच्छल मरकाम,मानसाय मरकाम,दशरत नेताम,चिन्ताराम तुमरेटी,हेमंत तुमरेटी,रोहित कोमरे,अशोक साक्षी,विष्णु पद्दा,अविनाश मशराम,बुधराम नेताम,नारायण नेताम, राजाराम वट्टी की आतिथ्य में कार्यक्रम संपन्न हुई ।