कांकेर जिले के चारामा मे ग्रामीण मसीही संघठन के बिच पहुंचे छत्तीसगढ़ युवा मंच के संस्थापक व कांग्रेस नेता नरेन्द्र भवानी, कहा देश संविधान से चलता है, छत्तीसगढ़ राज्य के हर गांव शहर मे जिला प्रशासन को कराना चाहिए संविधान का परीपालन - नरेन्द्र भवानी




कांकेर जिले के चारामा मे मसीही संघटन के समाज प्रमुखो के सभा मे पहुंचे नरेन्द्र भवानी बतौर मुख्यअतिथि , कहा ग्रामीण संघटन के हजारो सदस्य है कब्रिस्तान से वंचित दूरभाग्य,जिला प्रशासन करें कब्रिस्तान की व्यवस्था, सदस्य कचरा के बिच नदी किनारे लाश दफन करने को मजबूर , हो रहा मौलिक अधिकार का हनन बिलकुल नहीं होगा बर्दास्त, जल्द करूँगा संविधान के अधिकारो का रक्षा धरना आंदोलन प्रदर्शन - नरेन्द्र भवानी
कांकेर जिले के चारामा मे ग्रामीण मसीही संघठन के बिच पहुंचे छत्तीसगढ़ युवा मंच के संस्थापक व कांग्रेस नेता नरेन्द्र भवानी, कहा देश संविधान से चलता है, छत्तीसगढ़ राज्य के हर गांव शहर मे जिला प्रशासन को कराना चाहिए संविधान का परीपालन - नरेन्द्र भवानी
जगदलपुर : मामले मे छत्तीसगढ़ युवा मंच के संस्थापक व कांग्रेसी नेता नरेन्द्र भवानी ने बयान जारी करके बताया है की आज दिनांक 30 अप्रेल को कांकेर जिले के चारामा मे मसीही समाज के ग्रामीण संघठन समाज प्रमुखो के सभा मे बतौर मुख्यअतिथि उपस्थित होने का सौभाग्य प्राप्त हुवा जहां जिले के लगभग सभी गांव के मसीह समाज प्रमुख उपस्थित रहें !
भवानी ने सभा को सम्भोधित करते हुवे कहा है की इस भारत देश मे बाबा भीमराव अम्बेडकर का संविधान चलता है, डरने की किसी को भी जरूरत नहीं है, हर वर्ग के लोगो को प्राप्त है संविधान का मौलिक अधिकार बस हम सबको अपने अधिकारो को जानना है संविधान को पड़ना है, समाज के सदस्यों से किया अपील संघटित रहो अपने वोट का कीमत को समझो और संघर्षशील बने रहो ताकि कोई हमारा संविधान से मिले अधिकारो को छिनने का सोच भी ना संके !
भवानी ने आगे कहा है की सभा के दौरान समाज प्रमुखो का हुवा शिकायत प्राप्त कई वर्षो से जिले के ग्रामीण इलाका के मसीही समाज के सदस्यों के लिए नहीं है कोई कब्रिस्तान, सभी शवो को कचरे के बिच नदी किनारे भोर के पहली किरण मे छुप के डर के माहौल मे किया जाता आ रहा है दफ़न बेहद अमानवीय कृत्य हो रहा है जिले मे, लोगो के मौलिक अधिकारो का हनन बिलकुल बर्दास्त नहीं, जल्द ही करूँगा पहल इन हजारो लोगो को मिले कब्रिस्तान नहीं तो अब से गांवो मे समाज के सदस्यों का होगा मृत्यु तो शव गांव मे ही रहेगा नहीं जाएगा कही और दूसरे जगह, जिला प्रशासन करें जल्द त्यारी नहीं तो आगे जो होगा उसका जवाब देहि स्वयं जिला प्राशासन ही होगा हम नहीं !
वही भवानी ने आगे शव के दफन कफ़न मामले मे बस्तर जिले मे आए हाई कोर्ट फैसला को आड़े लाते हुवे बोलें है की संविधान मे मिले अनुच्छेद 21 के तहत अधिकारो का उल्लेख करते हुवे मसीही मानने वाले का शव उनके ही गांव उनके निजी भूमि पर दफन होना चाहिए यह मृत शरिर का अधिकार है का आदेश जारी करते हुवे अपना फैसला सुनाया जिसके बाद तीन दिन तक का शव विरोध के बाद हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुवे पुलिस प्राशासन कराया उनके ही निजी भूमि शव को दफन, तो फिर कांकेर जिले मे यह क्या हो रहा है,वह भी वर्षो से समाज के सदस्यों का मौलिक अधिकारो का किया जा रहा है हनन बेहद ही चिंता जनक व जांच का विषय !