माँ स्कंदामाता का उल्लेख मार्कण्डेय पुराण में किया गया, आइए जानते है डॉ सुमित्रा अग्रवाल से...




माँ स्कंदामाता
डॉ सुमित्रा अग्रवाल
सेलिब्रिटी वास्तु शास्त्री
कोलकाता : माँ स्कंदामाता का उल्लेख मार्कण्डेय पुराण में किया गया है, जहाँ उन्हें देवी दुर्गा के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस ग्रंथ में उनकी शक्तियों और लीलाओं का वर्णन है।
देवी भागवत :
देवी भागवत में भी माँ स्कंदामाता का विशेष उल्लेख है। यहाँ उनकी पूजा विधियों और उनके दिव्य स्वरूप का वर्णन किया गया है।
दुर्गा सप्तशती (चंडी पाठ) :
दुर्गा सप्तशती में माँ स्कंदामाता का वर्णन है। इस ग्रंथ में माँ के विभिन्न रूपों का वर्णन किया गया है और माँ स्कंदामाता को विशेष रूप से पूजा जाने वाला देवी रूप माना जाता है।
नवरात्रि उपासना विधि :
स्कंद पुराण में भी माँ स्कंदामाता का उल्लेख है, जहाँ उनके साथ भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की कथा और उनकी महिमा का वर्णन किया गया है।
जब देवी पार्वती ने तपस्या के द्वारा भगवान शिव से माँग की कि उन्हें पुत्र प्राप्ति हो, तो भगवान शिव ने उन्हें आश्वासन दिया।
इसके बाद, देवी पार्वती ने भगवान कार्तिकेय को जन्म दिया।
देवी पार्वती कार्तिकेय की माँ स्कंदामाता के रूप में पूजी जाती है और उन्हें मातृत्व का प्रतीक माना जाता है।
माँ स्कंदामाता को पद्मासन देवी कहा जाता है क्योंकि वे अक्सर पद्मासन (कमल की मुद्रा) में विराजमान दिखाई देती हैं।
माँ स्कंदामाता को विशेष रूप से सफेद रंग के फूल चढ़ाए जाते हैं।