मितानिन करेंगी मानसिक रोगियों की पहचान मितानिन ट्रेनरों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में दी गयी जानकारी

मितानिन करेंगी मानसिक रोगियों की पहचान मितानिन ट्रेनरों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में दी गयी जानकारी

नारायणपुर 25 दिसम्बर। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत नारायणपुर एवं ओरछा ब्लॉक के मितानिन ट्रेनर (MTs) के लिए एक दिवसीय कार्यशाला 'मानसिक स्वास्थ्य स्क्रीनिंग' का आयोजन किया गया। जिसमें मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित होने वाले विकार, लक्षण कारणों के बारे में 30 से अधिक मितानिन ट्रेनर को दो पाली में विस्तार से जानकारी दी गई। 

इस सम्बन्ध में क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट प्रीति चांडक ने बताया, "कार्यशाला आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य, मितानिन ट्रेनर को मानसिक रोगियों की पहचान करने सम्बन्धी जानकारी देना था। ताकि वह अपने क्षेत्र की सभी मितानिन को मानसिक रोगियों की पहचान करने के  के बारे में बताएं। फिर वह मितानिन अपने ग्राम में रहने वाले मानसिक रुप से अस्वस्थ मरीजों  की पहचान कर (स्क्रीनिंग कर) जिला अस्पताल के स्पर्श क्लिनिक में रेफर कर सकें।“

मानसिक रोगियों की पहचान कैसे करें
मानसिक रोगियों के बारे में समझने से पहले मानसिक रोग के बारे में जानना जरूरी है। जब एक व्यक्ति ठीक से सोच नहीं पाता, उसका अपनी भावनाओं और व्यवहार पर काबू नहीं रहता, तो ऐसी हालत को मानसिक रोग कहते हैं। मानसिक रोगी आसानी से दूसरों को समझ नहीं पाता और उसे रोज़मर्रा के काम ठीक से करने में मुश्किल होती है। मानसिक रोगी की पहचान करना थोड़ा कठिन है क्योंकि, हर व्यक्ति में मानसिक बीमारी के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसे कौन-सी मानसिक बीमारी है। मानसिक रोग किसी को भी हो सकता है। अगर मानसिक रोगी अच्छी तरह अपना इलाज करवाए, तो वह ठीक हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि मानसिक रोगी की पहचान समय रहते की जाए।

मानसिक रोगी की पहचान के प्रमुख लक्षण
मानसिक रोगी की पहचान के लिए मानसिक रोग के लक्षण, उसके प्रकार, परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। 
    ●    उदास महसूस करना
    ●    बेचैन होना या ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में कमी
    ●    अत्यधिक भय या चिंता या अपराध की भावनाएं महसूस करना
    ●    मनोदशा में अत्यधिक बदलाव
    ●    दोस्तों और अन्य गतिविधियों से अलग होना
    ●    थकान, ऊर्जा में कमी या नींद की समस्याएं (नींद न आना या बहुत ज्यादा नींद आना)
    ●    वास्तविकता से अलग हटना (भ्रम)
    ●    दैनिक समस्याओं या तनाव से निपटने में असमर्थता
    ●    शराब या नशीली दवाओं का सेवन
    ●    खाने की आदतों में बड़ा बदलाव
    ●    अत्यधिक क्रोध या हिंसक व्यवहार
    ●    आत्महत्या का विचार करना ।