मलेरिया से बचाव के लिए घरों में किया जाएगा दवा का छिड़काव 16 जून से 300 से अधिक गाँवों में मनाया जाएगा मलेरिया माह

मलेरिया से बचाव के लिए घरों में किया जाएगा दवा का छिड़काव  16 जून से 300 से अधिक गाँवों में मनाया जाएगा मलेरिया माह

जगदलपुर 8 जून। बस्तर में मानसून के दस्तक देने के साथ ही मलेरिया का प्रभाव बढ़ने लगता है। इसलिए मलेरिया डेंगू और चिकनगुनिया आदि मच्छर जनित रोगों से लोगों को बचाने के लिए प्रति वर्ष जून में दवाई का छिड़काव कराया जाता है। मलेरिया निरोधक माह में परजीवी उन्मूलन एवं रोग प्रबंधन के तहत त्वरित निदान एवं पूर्ण उपचार के लिए प्रत्येक स्तर पर व्यवस्था भी की जा रही है। जिले के 300 से अधिक गांव में 16 जून से कीटनाशक का छिड़काव किया जाएगा। छिड़काव होने के कम से कम 5 दिवस पहले संबंधित ग्रामीण स्वास्थ्य समिति एवं मितानिन द्वारा समुदाय में कीटनाशक छिड़काव की सूचना दी जाएगी ताकि छिड़काव दल द्वारा प्रत्येक घरों के सभी कमरों में छिड़काव किया जा सके। 

 

 

     मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ डी राजन ने बताया, “जून में मच्छर का प्रजनन अधिक होता है एवं वयस्क मच्छर लगभग 1 माह तक जीवित रहते हैं। मलेरिया के मच्छर स्थिर जल में पनपते हैं इसलिये अपने घर या आसपास पानी जमा न होने दें। जमा हुआ पानी में जला हुआ मोबिल ऑयल अथवा मिट्टी का तेल अवश्य डालें एवं नालियों को साफ रखें।उन्होंने बताया मलेरिया मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। खून के जरिए शरीर में घुसते ही विषाणु यकृत (लीवर) तक पहुंच जाता है। लीवर में मलेरिया का विषाणु परिपक्व हो जाता है और बच्चे पैदा करने लगता है। विषाणुओं की संख्या बढऩे के साथ ही शरीर बीमार होने लगता है। शुरुआत में रोगी को शरीर में दर्द के साथ बुखार, सिरदर्द, उल्टी या गले में सूखे कफ की शिकायत होती है। ऐसा होने पर अगर खून की जांच कराई जाए तो मलेरिया का पता आसानी से चल जाता है। लापरवाही की जाए या समय से इलाज न किया जाए तो रोगी की हालत गंभीर भी हो सकती है” ।

 

 

70 प्रतिशत मामले घटे 

 

     बस्तर संभाग में मलेरिया मुक्त अभियान का तीसरा चरण दिसम्बर 2020 से जनवरी 2021 तक चलाया गया था। इस दौरान प्रत्येक ग्राम में स्वास्थ्य कार्यकर्ता व मितानिन द्वारा घर-घर जाकर जांच की गई व जांच के दौरान मलेरिया पॉजिटिव पाए गए लोगों का तत्काल इलाज भी शुरू किया गया था। इस अभियान के तहत बस्तर जिले में 2.24 लाख लोगों की जांच की गई, जिनमें 1,818 लोग मलेरिया पॉजिटिव मिले थे विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बस्तर संभाग में मलेरिया के मामलों में 70% तक कमी आई है। 

 

 

मलेरिया व डेंगू से बचाव के उपाय

 

- रुके हुये पानी के स्थानों को मिटटी से भर दें। यदि संभव हो तो उसमें मिट्टी का तेल या डीजल, जला हुआ मोबिल आयल डालें।

 

- घर में कूलर, गमलों, छतों पर पड़े पुराने टायर, पशु पक्षियों के पीने का पात्र एवं निष्प्रयोज्य सामग्री तथा नारियल के खोल प्लास्टिक की बोतल आदि में जल एकत्रित न होने दें।

 

- सोते समय मच्छरदानी अथवा मच्छर भगाने की क्रीम का प्रयोग करें जहां तक संभव हो पूरी आस्तीन की कमीज पहने। शरीर के अधिक से अधिक हिस्से को ढक कर रखें ।

 

- तेज बुखार होने पर चिकित्सक से संपर्क करें। मलेरिया की शंका होने पर नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर जांच कराएं।