Loan Recovery Complaint : लोन वसूली के नाम पर नहीं चलेगी 'दादागिरी'! लागू हुआ नया नियम, ऐसे करें उसका समाधान...
Loan Recovery Complaint: 'Dadagiri' will not work in the name of loan recovery! The new rule came into force, this is how to solve it... Loan Recovery Complaint : लोन वसूली के नाम पर नहीं चलेगी 'दादागिरी'! लागू हुआ नया नियम, ऐसे करें उसका समाधान...




Loan Recovery Complaint :
नया भारत डेस्क : जीवन में अनिश्चितता बनी रहती है इसलिए कभी-कभी हालात ऐसे भी आ जाते हैं कि कर्ज चुकाने में परेशानी हो. हालांकि, बैंक या अन्य वित्तीय संस्था से लिया लोन चुकाना भी जरूरी होता है और बैंक अधिकारी लगातार ग्राहकों से संपर्क करते हैं. लेकिन कई बार देखने में आया है कि बैंक के रिकवरी एजेंट लोन उगाही के नाम पर गलत व्यवहार करते हैं. ऐसे में जरूरी है कि लोन लेने वाले हर ग्राहक को अपने अधिकारों के बारे में पता हो. (Loan Recovery Complaint)
यदि आपके साथ बैंक रिकवरी एजेंट दुर्व्यवहार करता है तो आप डरिये मत बल्कि इसके खिलाफ आवाज उठाएं. इस मामले पर आरबीआई ने कुछ नियम बनाए हैं. इनके तहत अगर कोई बैंक ग्राहकों को लोन के पैसे न चुकाने की स्थिति में डराता-धमकाता है तो ग्राहक इसकी शिकायत पुलिस से कर सकते हैं, साथ ही पेनल्टी भी मांग सकते हैं. (Loan Recovery Complaint)
1. लोन लेने वालों को यह साबित करने के लिए कि उन्हें परेशान किया जा रहा है, रिकवरी एजेंट के सभी मैसेज, ईमेल और कॉल के रिकॉर्ड को सेफ करके रखना होगा क्योंकि ये शिकयत करने में मदद करेगा. (Loan Recovery Complaint)
2. लोने लेने वाला रिकवरी एजेंट के खिलाफ सभी सबूतों के साथ अपने लोन अधिकारी या बैंक से संपर्क कर सकते हैं। लोन लेने वाला तब एजेंट के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है. (Loan Recovery Complaint)
3. कर्जदार भी थाने जाकर रिकवरी एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं. यदि पुलिस सहायता नहीं देती है, तो व्यक्ति अदालत में अपील कर सकता है. इससे कर्जदारों को बैंक से अंतरिम राहत मिल सकती है और उनके किए गए बुरे बर्ताव के लिए मुआवजे की मांग कर सकता है. यदि रिकवरी एजेंट उधारकर्ता के कैरेक्टर को बदनाम करने की कोशिश करता है, तो व्यक्ति एजेंट और लोन देने वालों के खिलाफ मानहानि का मामला दायर कर सकता है. (Loan Recovery Complaint)
4. यदि इन तरीकों से उत्पीड़न से कोई राहत नहीं मिलती है, तो उधारकर्ता सीधे भारतीय रिजर्व बैंक से संपर्क कर सकता है. केंद्रीय बैंक कुछ समय के लिए उस एरिया में रिकवरी एजेंटों को नियुक्त करने से लोन देने वाले बैंक को रोक सकता है. लगातार उल्लंघन के मामले में आरबीआई प्रतिबंध का समय और एरिया बढ़ा सकता है. (Loan Recovery Complaint)
5. भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि संस्थाएं रिकवरी एजेंटों की सर्विस एक्शन के लिए जिम्मेदार हैं. यह सभी कमर्शियल बैंकों जैसे सहकारी बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और ऑल इंडिया फाइंनेशियल इंस्टीट्यूट पर लागू होता है. (Loan Recovery Complaint)
हैरेसमेंट के मामले बढ़े
जानकारी के मुताबिक, कोरोनाकाल के टाइम में रिकवरी एजेंट्स की ओर से हैरेसमेंट के मामले बढ़े हैं. क्योंकि कोविड की वजह से बहुत से लोन लेने वाले लोगों के कारोबार बंद होने की वजह ईएमआई चुकाना तक मुश्किल हो गया. बैंकों के ऊपर लोन रिकवर करने का दबाव बढ़ा और यह दवाब फिर रिकवरी एजेंट्स पर शिफ्ट हुआ. जब आत्महत्या तक की शिकायतें आने लगी तो आरबीआई ने गाइडलाइन जारी करते हुए लोन रिकवरी के नए नियम बनाए. साथ ही नियम फॅालो न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश जारी किये. (Loan Recovery Complaint)
ये है शिकायत का तरीका
यदि कोई रिकवरी एजेंट आपको फोन कर धमकाता है तो तुरंत अपने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराएं. अगर पुलिस शिकायत लिखने से इनकार करती है तो कोर्ट में उस बैंक के खिलाफ सिविल इंजक्शन फाइल करें. अदालत में मानहानी के तहत संबंधित बैंक व रिकवरी एजेंट पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही कोई रिकवरी एजेंट यदि आपको सुबह 9 बजे से पहले या शाम को 7 बजे के बाद कॅाल करता है तो उसकी शिकायत रिजर्व बैंक इंडिया को भी मेल के माध्यम से कर सकते हैं. आपकी शिकायत का तत्काल निवारण किया जाएगा. (Loan Recovery Complaint)