लाला जगदलपुरी जिला ग्रंथालय प्रभारी सुशील साहू ने पाठको में पुस्तकालय के प्रति रुचि लाने लिखी कविता...

लाला जगदलपुरी जिला ग्रंथालय प्रभारी सुशील साहू ने पाठको में पुस्तकालय के प्रति रुचि लाने लिखी कविता...
लाला जगदलपुरी जिला ग्रंथालय प्रभारी सुशील साहू ने पाठको में पुस्तकालय के प्रति रुचि लाने लिखी कविता...

लाला जगदलपुरी जिला ग्रंथालय प्रभारी सुशील साहू ने पाठको में पुस्तकालय के प्रति रुचि लाने लिखी कविता

जगदलपुर : सोशल वर्क में इंटर नेशनल यूनिवर्सिटी लंदन से डी लिट् की उपाधि प्राप्त डाक्टर सुशील कुमार साहू लाला जगदलपुरी जिला ग्रंथालय के प्रभारी पद पर पदस्थ है l 

चलो पुस्तकालय चलें शीर्षक पर पुस्तकालय व पाठको के संदर्भ में लिखी कविता

वक्त मिला है तो जरूर पुस्तकालय जाउँगा,आज नहीं तो कल बदलकर दिखलाऊँगा। 
चल पुस्तकालय चल, चल पुस्तकालय चल,
पढ़ेंगे बढ़ेंगे और गढ़ेंगे देश नया अपना ।।

चल पुस्तकालय मन लगा पढ़ाई मे,
रत रहोगे पढ़ाई में तो मिलेगी रती। 
रत रहोगे रती में तो मिलेगी माँ सरस्वती,
चल पुस्तकालय चल बढ़ायेंगे अपना ज्ञान ।।

जानेंगे इतिहास, संस्कृति, सभ्यता, धर्म और ग्रन्थ,पढ़ेंगें पुस्तकालय में भाषा, विज्ञान,और गणित । 
साहित्य कहानी व्यापार और कृषि, पढ़कर पुस्तक बनेंगे चरित्रवान और गुणवान ।
बदलेगा सोच हमारी करेंगे नया आविष्कार,
चल पुस्तकालय चल,चल पुस्तकालय चल ll

पुस्तकालय हमें सिखायेगा भाईचारे देश प्रेम और विश्व बन्धुत्व की भावना, बतायेगा हमें देश के उन महान सपूतों की कुर्बानी की कहानी।
कर दिया जो प्राण न्योछावर हो गये बलिदानी, 
देश के लिए किया समर्पण तन मन धन अपना ll

चलो पुस्तकालय कुछ पढ़ लिखकर पूरा करें सपना,
जागेंगे हम और जगायेंगे नया भारत बनायेंगे ।। 

बुराईयों और कुरीतियों को पढ़कर पुस्तक दूर भगायेंगे,
मानवता की नवनिर्माण कर होगी उन्नती और प्रगति । पुस्तक पढ़कर विकास करेगा देश हमारा और आयेगी नयी जागृति,
पुस्तकालय सिखाती है जीने की कला और जीवनोपयोगी हुनर ।।

पढ़कर पुस्तक बढाउँगा ज्ञान अपना ज्ञान के दम पर फिर से विश्व गुरु बनाउँगा,
दुनिया को झुकाउँगा देश भक्ति भाईचारे सेवा सद्भावना और सहयोग की भावना जगाउँगा l 
चल पुस्तकालय पढ़ बढ़ और गढ़ भारत का नवनिर्माणकर ll

पुस्तक जैसा सच्चा साथी होता नहीं कोई,
किसी को गुमराह और धोखा नहीं देता कभी, 
पुस्तकालय में जन्नत होता है, होते हैं साक्षात दर्शन महापुरूषों की ।।

जाउँगा पुस्तकालय सबको बुलाउँगा, दादा दीदी भाईया और बहना।
सब पढ़ेंगे मन पसंद किताबें अपना,पढ़ेंगे बढ़ेंगें और गढ़ेंगे देश नया अपना ।।

वक्त मिला है तो जरूर पुस्तकालय जाउँगा,आज नहीं तो कल बदलकर दिखलाउँगा ।

चल पुस्तकालय चल, चल पुस्तकालय चल,
पढ़ बढ़ और गढ़ भारत का नवनिर्माण कर,
चल पुस्तकालय चल, चल-चल पुस्तकालय चल ।

डॉ0 सुशील कुमार साहू
(डी.लिट ऑनर्स)
लाला जगदलपुरी केन्द्रीय ग्रन्थालय
जगदलपुर
मो:- 79879-27422