Kisan Vikas Patra: पैसा होगा डबल! इस स्कीम में मात्र 1000 रुपये से शुरू करे निवेश...मिलेंगे और भी कई जबरदस्त फायदे...देखे डिटेल्स...
Kisan Vikas Patra: Money will be double! Start investing in this scheme with just Rs 1000... you will get many more amazing benefits... see details...




Kisan Vikas Patra:
नया भारत डेस्क : पोस्ट ऑफिस की स्कीम्स हमेशा से आम लोगों के बीच काफी लोकप्रिय रही हैं। पोस्ट ऑफिस छोटे गांवों से लेकर बड़े शहरों में मौजूद हैं। जिसके चलते हर आम आदमी अपनी छोटी जमाओं को पोस्ट ऑफिस में जमा कर निवेश पर शानदार रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। पिछले कुछ समय में ब्याज दर बढ़ने के कारण निवेशकों के लिए यह एक अच्छा आकर्षक विकल्प बन गया है। बैंकों के साथ पोस्ट ऑफिस भी एफडी योजनाएं ऑफर करते हैं और पोस्ट ऑफिस सरकारी होने के कारण बैंकों के जितने ही भरोसेमंद माने जाते हैं। ऐसे में अगर आप नई एफडी कराने की योजना बना रहे हैं, तो बढ़ती ब्याज दर के कारण ये एक अच्छा मौका हो सकता है। आज हम आपको ऐसी पोस्ट ऑफिस एफडी स्कीम के बारे में बताने जा रहे हैं कि जिसमें 123 महीनों में पैसा डबल हो जाएगा। (Kisan Vikas Patra)
किसान विकास पत्र :
किसान विकास पत्र (KVP) पोस्ट ऑफिस की ओर से चलाई जाने वाली एक लोकप्रिय एफडी स्कीम है। सरकार की ओर से हाल में किसान विकास पत्र पर मिलने वाली ब्याज में इजाफा किया गया था, जिसके अब इस एफडी योजना में 123 महीने यानी 10 साल 3 महीने में पैसा डबल हो रहा है।
18 वर्ष से अधिक का कोई भी नागरिक इस योजना में निवेश कर सकता है। इसके अलावा कोई भी अभिभावक नाबालिग के आधार पर केवीपी करा सकते हैं। केवीपी में आप 1,000 रुपये के न्यूनतम निवेश के शुरुआत कर सकते हैं और इसमें अधिकतम निवेश की कोई भी सीमा नहीं है। बता दें, केवीपी में निवेश करने पर आपको इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत आयकर में छूट मिलती है। (Kisan Vikas Patra)
किसान विकास पत्र पर ब्याज दर :
आरबीआई की ओर से पिछले कुछ महीनों में ब्याज दरों को तेजी से बढ़ाया गया है, जिसके बाद बैंकों के द्वारा भी एफडी पर ब्याज को बढ़ाया जा रहा है। इस वजह से सरकार ने सितंबर में तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर ) के लिए छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को 0.30 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है। इस बढ़ोतरी में केवीपी पर दी जाने वाली ब्याज को 0.1 प्रतिशत बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है, जो पहले 6.9 प्रतिशत थी। (Kisan Vikas Patra)