Karnataka News: अल्पसंख्यक आयोग की कार्यवाहक अध्यक्ष ने कहा,भगवत गीता कोई धार्मिक किताब नहीं, बल्कि दर्शन की किताब है। इस पर विदेशों में भी अध्ययन किए जा रहे हैं, और हिजाब विवाद पर कही ये बात.

Karnataka News: Acting Chairperson of Minorities Commission said, Bhagvad Gita is not a religious book but a book of philosophy. Studies are being done abroad on this as well, and said this on the hijab controversy.

Karnataka News: अल्पसंख्यक आयोग की कार्यवाहक अध्यक्ष ने कहा,भगवत गीता कोई धार्मिक किताब नहीं, बल्कि दर्शन की किताब है। इस पर विदेशों में भी अध्ययन किए जा रहे हैं, और हिजाब विवाद पर कही ये बात.

NBL,. 26/03/2022, Lokeshwer Prasad Verma,.. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की कार्यवाहक अध्यक्ष सैयद शहजादी ने शुक्रवार को कहा कि भगवत गीता कोई धार्मिक किताब नहीं है। उन्होंने कहा कि यह दर्शन शास्त्र पर आधारित किताब है, पढ़े विस्तार से...। 

कुछ दिन पहले ही गुजरात सरकार ने गीता को स्कूल पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने का एलान किया था।


गुजरात सरकार ने पिछले सप्ताह राज्य विधानसभा में इस बात की घोषणा की थी कि भगवत गीता को राज्य के सभी स्कूलों में शिक्षण वर्ष 2022-23 से छठी से 12वीं कक्षा तक पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इसके कुछ दिन बाद ही कर्नाटक की सरकार ने भी ऐसा ही रुख प्रदर्शित किया था।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि स्कूल पाठ्यक्रम में भगवत गीता को शामिल करने का फैसला विचार-विमर्श करने के बाद लिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि भगवत गीता सही मायनों में नैतिक मूल्यों की शिक्षा प्रदान करती है और भारतीय संस्कृति में इसका बहुत महत्व है।

गीता को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने के फैसले को लेकर शहजादी ने कहा कि मेरा निजी विचार यह है कि गीता कोई धार्मिक किताब नहीं है, यह दर्शन की पुस्तक है। उन्होंने कहा, 'इसे दर्शन के नजरिए से देखा जा सकता है। इतना ही नहीं, इस पर विदेशों में भी अध्ययन किए जा रहे हैं।'

इस सवाल पर कि कुरान या अन्य धार्मिक किताबों को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल नहीं किया जा रहा है, शहजादी ने कहा कि हम किसी को रोक नहीं रहे हैं। हम चाहते हैं कि एक-दूसरे के धर्म के प्रति लोगों में सम्मान की भावना मजबूत हो। हम चाहते हैं कि सभी धर्मों की पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएं।

शहजादी ने कहा, 'मेरे निजी विचार में, हमने किसी से भगवत गीता या कुरान पढ़ने के लिए नहीं कहा है। कोई व्यक्ति क्या पढ़ना चाहता है यह उसकी इच्छा पर निर्भर करता है। हम गीता को दर्शन के नजरिए से देख सकते हैं, यह कुछ ऐसा है जो हमारे देश और इसकी पहचान से जुड़ा हुआ है।'

हिजाब विवाद पर किया अदालत के फैसले का समर्थन
वहीं, हिजाब मुद्दे को लेकर शहजादी ने कहा कि देश आपकी या मेरी भावनाओं पर नहीं चलता है। देश संविधान के आधार पर चलता है। अदालत ने आदेश जारी किया है और हमें इसका पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि यह अदालत का फैसला है और इसको स्वीकार किया जाना चाहिए।