कांकेर लोकसभा भाजपा प्रत्यासी नागपुर यूनिट से छत्तीसगढ़ बस्तर मे मेन लिड करते हुवे धर्म के आधार पर डीलिस्टिंग करने की मांग आखिर कर ही दिए, जो आर.एस.एस का एजेंडा ही है, डी लिस्टिंग से जिसकी जय्दा हिस्सेदारी हो जायेगी उसकी ख़त्म पारी, और यही चाहते है कांकेर भाजपा प्रत्यासी, निंदनीय विचार - नरेन्द्र भवानी / छ.ग.यु.म /कांग्रेस नेता

कांकेर लोकसभा भाजपा प्रत्यासी नागपुर यूनिट से छत्तीसगढ़ बस्तर मे मेन लिड करते हुवे धर्म के आधार पर डीलिस्टिंग करने की मांग आखिर कर ही दिए, जो आर.एस.एस का एजेंडा ही है, डी लिस्टिंग से जिसकी जय्दा हिस्सेदारी हो जायेगी उसकी ख़त्म पारी, और यही चाहते है कांकेर भाजपा प्रत्यासी, निंदनीय विचार - नरेन्द्र भवानी / छ.ग.यु.म /कांग्रेस नेता
कांकेर लोकसभा भाजपा प्रत्यासी नागपुर यूनिट से छत्तीसगढ़ बस्तर मे मेन लिड करते हुवे धर्म के आधार पर डीलिस्टिंग करने की मांग आखिर कर ही दिए, जो आर.एस.एस का एजेंडा ही है, डी लिस्टिंग से जिसकी जय्दा हिस्सेदारी हो जायेगी उसकी ख़त्म पारी, और यही चाहते है कांकेर भाजपा प्रत्यासी, निंदनीय विचार - नरेन्द्र भवानी / छ.ग.यु.म /कांग्रेस नेता

कांकेर लोकसभा भाजपा प्रत्यासी नागपुर यूनिट से छत्तीसगढ़ बस्तर मे मेन लिड करते हुवे धर्म के आधार पर डीलिस्टिंग करने की मांग आखिर कर ही दिए, जो आर.एस.एस का एजेंडा ही है, डी लिस्टिंग से जिसकी जय्दा हिस्सेदारी हो जायेगी उसकी ख़त्म पारी, और यही चाहते है कांकेर भाजपा प्रत्यासी, निंदनीय विचार - नरेन्द्र भवानी / छ.ग.यु.म /कांग्रेस नेता

कांकेर भाजपा प्रत्यासी बस्तर कलेक्टर से मील 5 अनुसूची व पेसा एक्ट का गलत हवाला देते हुवे विशेष धर्म को मानने वालों के शव दफन पर मान. उच्च न्यायालय के निर्णय को ही मानने को त्यार नहीं उल्टा विपरीत शब्दों का उपयोग कर निजी भूमि पर शव दफ़न का किये है विरोध, तो भाजपा सरकार व जिला प्रशासन मिलकर इस समस्या का करें समाधान, बंद करें यह लाशों पर गन्दी राजनीति, मृत शरीर को भी संविधान मे उसका अपना है अधिकार, मांग करने वाले साथी कभी संविधान मे भी डाले नजर दिखेगा मानवता - नरेन्द्र भवानी /छ.ग.यु.म./कांग्रेस नेता

जगदलपुर : मामले मे छत्तीसगढ़ युवा मंच के संस्थापक व कांग्रेस पार्टी नेता नरेन्द्र भवानी ने बयान जारी कर कांकेर लोकसभा से भाजपा प्रत्यासी के शव दफन पर रोक व डीलिस्टिंग की मांग पर, बयान जारी करते हुवे कहाँ है की, यह नेता नहीं नागपुर यूनिट के मेन छत्तीसगढ़ बस्तर के लिड मे आर. एस. एस. के सेनापति है, जिनका नाता गोडसे से है गोडसे वादी है, और मै ऐसा इसीलिए कह रहा हूँ, क्यूंकि इनके द्वारा धर्म के आधार पर डीलिस्टिंग की मांग की जा रही है, और ऐसा हुवा तो बस्तर के आधे से ज़्यदा सीटें आदिवासी आरक्षण से जो सुरक्षित है, ऊन सीटों से आदिवासी वर्ग हाथ धो बैठेगा, और यह बात आर. एस. एस. बहुत अच्छे से जानती है, और इसी लिए पुरे बस्तर संभाग मे जो गांव गांव विशेष धर्म मसीही ईसाई को केवल मान रहें है,अपने जात कास्ट से कही नहीं गए है , उन्हें मार कर डरा कर कहते है , बनना है तो लीगल कागज़ मे बन जाओ तो तुम्हे कुछ नहीं होगा जैसा फरमान सुनाकर उन्हें दूसरे तरफ डावर्ड करके खुद ही आदिवासीयों की संख्या कम करने का प्रयास किया जा रहा है,और बादमे डीलिस्टिंग की मांग धर्म के आधार पर करने का भी काम किया जा रहा है, जिससे बड़ी संख्या मे आदिवासी साथी की जाती वार संख्या कम हो जायेगी और इससे फायदा ऊपर नागपुर यूनिट मास्टर माइंड को जायेगी, जिसके बाद यही लोग बस्तर के जंगल, खनिज, सम्पदा पर डोरे डालेंगे और इनका मकसद होगा पूरा, इसी मिशन पर कर रहें है काम जो है विचारणीय कोई धर्म का काम नहीं कर रहें यह भाजपा प्रत्यासी नेता क्यूंकि कोई भी धर्म मानव को सताने लाश पर राजनीति करने का शिक्षा नहीं देता।

वही भवानी ने कहाँ है की भाजपा प्रत्यासी का कहना है की विशेष धर्म से जुड़ें लोग मान.उच्च न्यायालय मे गलत जानकारी देकर निजी भूमि पर शव दफन का फैसला लेकर आए है, इसके फैसले के खिलाफ न्यायालय जाएंगे ऐसा इनका कहना है, मै बताना चाहूंगा की यह लोगो का काम ही झूठ बोलना है,क्यूंकि इनके आका पुरे देश मे झूठ के आधार पर अपनी सामराज्य जमाऐ हुवे है, बस्तर जिले के गांव छिंदबहार मे ईश्वर कोर्राम जो आदिवासी थे ना ईसाई थे ना हिन्दू थे, किन्तु वह बुजुर्ग अपने संवैधानिक अधिकार अनुरूप मसीही ईसाई को मानते थे, और उसी संविधान मे मिले अधिकार अनुरूप यह भी तय करता है की मृत व्यक्ति के परिवार से जुड़ें लोग किस आस्था के साथ किस विधि के साथ अपने मृत परिजनों का अंतिम संस्कार करना चाहते है, वह निर्णय उनके परिवार का होता है, किसी समाज या किसी संघठन का नहीं क्यूंकि यह देश संविधान से चलता है, मुख फरमान से नहीं, और इसी कारण इस मामले मे मान उच्च नयायालय ने अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुवे, मानव हित मे निजी भूमि पर शव दफ़न करने का निर्णय लिए, किसी झूठ फरेब जानकारी देने से अगर न्यायालय मे न्याय मील जाता तो कई दोषी लोग आज बहार होते, यह धर्म के ठेकेदार कांकेर भाजपा प्रत्यासी बिना सर पैर बयान दें देते है, जिसका कोई आधार नहीं, पेसा एक्ट मे बना हर नियम सम्मानीय है, पर यह भाजपा नेता यह नहीं जानते की कोई भी कानून नियम से लिया गया निर्णय तब तक प्रभाव शील नहीं होगा जब तक की संवीधान से मिले अधिकारो को ठेस ना पहुंचाता हो, और यह लोग 5 अनुसूची और पेसा एक्ट को भी गलत तरीका से पेस कर विशेष धर्म मानने वाले लोगो का मौलिक अधिकारो को हनन करने का प्रयास किया जा रहा है जो गलत है।

वही भवानी ने कहा है की,बस्तर मे विशेष मसीही मानने वाले वर्ग के सदस्यों से कहना चाहता हूँ, की जब तक भारत देश मे बाबा भीमराव अम्बेडकर का भारतीय संवीधान जीवित है तब तक आप लोगो को किसी से भय खाने का कोई जरूरत नहीं,अपने संवैधानिक अधिकारो को जाने और संघटित रहें।