जैसे दुनिया के कामों में मेहनत करते हो ऐसे ही इधर भी करो तो तकलीफें दूर होंगी और अंदर का रास्ता साफ़ होगा, खुलेगा...




जैसे दुनिया के कामों में मेहनत करते हो ऐसे ही इधर भी करो तो तकलीफें दूर होंगी और अंदर का रास्ता साफ़ होगा, खुलेगा
प्रभु का जागृत नाम जयगुरुदेव बोलते रहना, ये आपको बुराईयों से बचाएगा
उज्जैन (म.प्र.) : तकलीफें दूर करने का पक्का इलाज बताने वाले, इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त महाराज ने 23 अक्टूबर 2023 प्रात: उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि प्रेमियों! आज यह चीज लेकर के जाओ कि हमको, दूसरों के लिए भी कुछ करना है। जो असली चीज है- नामदान, भजन, ध्यान और सुमिरन करने का जो तरीका आपको बताया गया, उसको बराबर करते रहो। जयगुरुदेव नाम जो इस समय का प्रभु का वर्णनात्मक नाम, प्रभु का जागृत नाम, मुंह से लेने वाला नाम है, इसको बराबर बोलते रहना, याद करते रहना। यह आपको बुराइयों से दूर मुड़ेगा, आपकी बुरी आदतों को छुड़ाएगा। जयगुरुदेव नाम की ध्वनि बोलते रहना, लोगों को बुलवाते रहना। जिन-जिन लोगों के घरों में तकलीफें हैं, आप लोग जयगुरुदेव नाम की ध्वनि बराबर बोलते रहना, उससे तकलीफों में कमी आएगी।
इस जगह का इतना असर है कि यहां आने से कुछ न कुछ फायदा सबको होगा
आप चल पड़ते हो कि चलेंगे, वहां कहेंगे, हमारी तकलीफ दूर हो जाएगी। कुछ न कुछ फायदा होता है। इस जगह का इतना असर है, यह गुरु महाराज के नाम का आश्रम, यह बाबा जयगुरुदेव आश्रम उज्जैन की धरती, यहां पर आने से भी लाभ मिलता है। कुछ भी न कह पावे, ऐसे ही मन में रहकर चले जाएं तब भी कुछ न कुछ फायदा होता है।
आपको विश्वास नहीं होता है कि इतनी बड़ी तकलीफें, साधारण तरीके से कैसे जायेगी
लेकिन मन नहीं मानता और फायदा भी हो जाए तो विश्वास नहीं होता। तब कहते हैं गुरु महाराज से भी कहते थे और हमसे भी कहते हैं। बता दिया जाता है लेकिन करते नहीं हो। विश्वास आपको नहीं होता है कि इतनी तकलीफ, साधारण तरीके से कैसे ठीक हो जाएगी। जो आपको करने के लिए कह दिया जाए, उसको विश्वास के साथ करो। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि डॉक्टर किसी मरीज को गोली लिख देता है। एक गोली खाने से मरीज को फायदा नहीं हुआ तो फिर दूसरी गोली दे देता है। उससे भी फायदा नहीं हुआ तो कोई पीने की दवाई बता देता है, उससे फायदा हो जाता है। कोई न कोई दवा से फायदा हो जाता है। तीन दवा मालूम हो गई। आप कहो कि हम एक ही गोली खाएंगे, दूसरी दवा जो बताया, उसी को खाएंगे, तीसरी जो पीने के लिए दिया, इसको नहीं पियेंगे तो कहां से तकलीफ जाएगी? जब पुराना मर्ज होता है, ज्यादा तकलीफ देता है तब कई दवा साथ चलाई जाती है। ऐसे ही जो पुराना मर्ज है, पुरानी तकलीफ है, कैसे भी आपके आई, ज्यादा दिनों से है, बाप-दादा भी उसी तकलीफ में चले गए, आपके सामने भी वही तकलीफ आ गई तो वह एक दवा से कैसे ठीक होगी? तो मानलो कोई पर्ची मिल गई, कुछ करने के लिए प्रेमियों ने बता दिया, उसको करने लग गए, कहे बहुत दिन से कर रहे हैं, नाम ध्वनि कर रहे लेकिन फायदा नहीं हो रहा। तो जैसा आपको कहा गया, आप नाम ध्वनि लगातार सुबह-शाम रोज बोल रहे हो? यह तो अपने से ही पूछो। आपको कहा गया, सुमिरन ध्यान भजन करो। सुमिरन, ध्यान, भजन भी करने लग गए तो फायदा अपने को हो गया लेकिन परिवार में है। परिवार में किसी को तकलीफ हुई, तो उसकी बात कहने लगते हो कि लड़का बीमार हो गया, औरत बीमार हो गई या नुकसान हो गया, गाय भैंस बीमार हो गई, दूध देना बंद कर दिया आदि- यह सब कहने लगते हैं। अरे भाई, पूरा परिवार नामदानी है तो सबसे भजन ध्यान क्यों नहीं कराते हो? भजन ध्यान कराओ। बच्चियों! अगर आप रोटी बना कर बच्चों को खिलाती हो तो आपका अधिकार है, आप उनसे (सुमिरन, ध्यान, भजन) करा भी सकती हो। यदि बच्चे छोटे हैं तो नाम ध्वनि तो बुलवा ही सकती हो।
कुछ पूर्व जन्म के, कुछ इस जन्म के बने कर्म नाम ध्वनि से कटेंगे तब अंदर का रास्ता हो जाएगा साफ़
छोटे-छोटे बच्चे जयगुरुदेव नाम ध्वनि बोलते हैं, किसके यहां के बोलते हैं? जो बच्चियां यह नियम बना देती हैं कि नाम ध्वनि होने के बाद ही भोजन खाने को मिलेगा, उनके घरों से तकलीफें धीरे-धीरे जाती हुई दिखाई पड़ती हैं। इसी (आई हुई भक्तों की भारी भीड़) में मिल जाएंगे, जो लगातार ध्यान भजन कर रहे हैं, पूरा परिवार जो नाम ध्वनि सुबह-शाम बोल रहे हैं, और यदि कोई युक्ति बताई गयी उसको भी कर रहे हैं, तो उनके घरों से तकलीफें धीरे-धीरे जाती हुई दिखाई पड़ रही हैं। बता रहे हैं की बरकत भी दिखाई पड़ने लग गई। बीमारियों में भी बहुत राहत मिलने लग गई। टेंशन हो जाता था, समझ में नहीं आता था क्या करें, उसमें भी फायदा दिखाई दे रहा। अगर शरीर कमजोर है, शरीर को तकलीफ है, धन की कमी है, कोई परेशानी है, मुकदमे बाजी है तो भजन, भक्ति भी नहीं हो पाती है, भगवान भी भूल जाते हैं इसलिए यह भी जरूरी है, इसको ठीक कर लो। जब ध्यान भजन करने लग जाओगे तो वह कर्म जो बाधा डालते हैं, कुछ पिछले जन्मों के, कुछ इस जन्म में बन गए, वो भी उसी से कटेंगे तो अंदर का रास्ता भी साफ हो जाएगा। इसलिए जो बात बताई गई, उसको करो, करते ही रहो।
बहुत पुराना मर्ज, तकलीफ है, समय लगता है, करते रहो, धीरे-धीरे कष्ट जाएंगे
कहते हो बहुत दिन से कर रहा हूं, कुछ नहीं फायदा हो रहा है। ऐसे लोग भी मिलते हैं जो चाहते हैं कि जल्दी फायदा हो जाए। पुराना मर्ज इतना जल्दी जाएगा? कोई गहरा दाग लगा है तो एक बार में धोने से छूटता है? नहीं छूटता है। बार-बार रगड़ाई करनी पड़ती है। बस यही सोच लेते हो कि एक बार कह देंगे, आना-जाना बंद हो जाएगा, कुछ करना नहीं पड़ेगा, मुफ्त में चाहते हो। मुफ्त में कैसे होगा? अरे कुछ तो करो। बिजनेस व्यापार करते हो, पूंजी लगते हो तब तो कमाते हो, पढ़ाई में दिन-रात एक करते हो तब तो नौकरी मिलती है, घर में धन आता है ऐसे ही। इसलिए बराबर आप करते रहो।