जहां मर्ज़ी चलाओ नेट : भारत में आ रहा स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट…..जानिए चंद सेकेंड्स में कैसे सैटेलाइट से मिलेगा हाई-स्पीड इंटरनेट…पढ़े पूरी खबर……




डेस्क : एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक का हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट जल्द ही भारत में भी उपलब्ध होगा। इस संबंध में रेगुलेटर से अप्रूवल की प्रक्रिया चल रही है। खुद मस्क ने इसके संकेत दिए हैं। इस सर्विस के भारत में उपलब्ध होने के बाद दूरदराज के इलाकों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट का लाभ उठाया जा सकेगा, जहां इस समय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क उपलब्ध नहीं है।
इस समय भारत में वायरलेस इंटरनेट के नाम पर वायमैक्स सर्विसेस और मोबाइल इंटरनेट उपलब्ध है, पर यह सैटेलाइट से डायरेक्ट लिंक न होकर टेरेस्टेरियल नेटवर्क से जुड़ा है। इस वजह से जिन इलाकों में टॉवर्स नहीं होते, वहां इंटरनेट सर्विसेस नहीं मिल पाती। इतना ही नहीं वायमैक्स से मिलने वाला इंटरनेट भी काफी स्लो होता है।
सैटेलाइट से इंटरनेट कैसे मिलता है? आप इसका फायदा कैसे उठा सकते हैं? इसके लिए मस्क की कंपनी क्या कर रही है? क्या और भी कंपनियां इस तरह इंटरनेट सर्विसेस प्रोवाइड करना चाहती हैं? आइए जानते हैं इन प्रश्नों के जवाब-
भारत में कब उपलब्ध होगा सैटेलाइट से इंटरनेट?
- अगले साल भारत में एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक का सैटेलाइट इंटरनेट उपलब्ध हो जाएगा। भारत में अभी रेगुलेटर से अप्रूवल की प्रक्रिया चल रही है। स्टारलिंक की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार 99 डॉलर यानी करीब 7,200 रुपए में इसकी प्री-बुकिंग शुरू हो चुकी है। यह अमाउंट पूरी तरह से रीफंडेबल है।
- कुछ दिन पहले मस्क से एक ट्विटर हैंडल OnsetDigital (@Tryonset) ने पूछा कि स्टारलिंक सर्विसेस भारत में कब लॉन्च होंगी? इस पर मस्क ने जवाब दिया कि ‘रेगुलेटर से अप्रूवल की प्रक्रिया पर काम चल रहा है।’ साफ है कि जल्द ही भारत में सैटेलाइट से हाई-स्पीड इंटरनेट मिलने लगेगा, जो इस समय ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूके, कनाडा, चिली, पुर्तगाल, यूएसए समेत 14 देशों में मिल रहा है। इस समय स्टारलिंक ब्रॉडबैंड ने दुनियाभर में 90 हजार सब्सक्राइबर्स हासिल कर लिए हैं।
स्टारलिंक से सैटेलाइट इंटरनेट की स्पीड क्या होगी?
- स्टारलिंक से सैटेलाइट इंटरनेट इस समय बीटा (टेस्टिंग) वर्जन में है। जहां तक स्पीड की बात है, डाउनलोड 50 एमबीपीएस से 150 एमबीपीएस के बीच है। यह लो-लेटेंसी इंटरनेट सर्विसेस 20 मिली सेकेंड्स से 40 मिली सेकेंड्स का समय लेता है। लेटेंसी यानी वह समय है जो डेटा एक पॉइंट से दूसरे तक पहुंचाने में लगता है।
- अमेरिका में स्पीडटेस्ट इंटेलिजेंस के नंबर बताते हैं कि स्टारलिंक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड 97.23 एमबीपीएस डाउनलोड स्पीड दे रहा है, जबकि 13.89 एमबीपीएस अपलोड स्पीड। अमेरिका में वायर्ड ब्रॉडबैंड एवरेज डाउनलोड स्पीड 115.22 एमबीपीएस और अपलोड स्पीड 17.18 एमबीपीएस के आसपास है।
- यूएस एयरफोर्स ने स्टारलिंक का इस्तेमाल कर 600 एमबीपीएस की स्पीड भी हासिल की है। यह साफ नहीं है कि आम लोगों के लिए जो इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध होगा, क्या वह इतनी तेज स्पीड से इंटरनेट सर्विसेस दे सकेगा। स्टारलिंक के लिए सैटेलाइट स्थापित कर रही मस्क की स्पेस रिसर्च एजेंसी स्पेसएक्स ने भी कहा है कि ग्राहक 50 से 150 एमबीपीएस की स्पीड की उम्मीद कर सकते हैं।
- अगस्त में स्पीडटेस्ट ऐप बनाने वाली ओकला (Ookla) ने कहा था कि स्टारलिंक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड की स्पीड कई देशों में वायर्ड ब्रॉडबैंड की स्पीड के बराबर पहुंच गई है। वहीं, कुछ देशों में तो इसने वायर्ड ब्रॉडबैंड को भी पीछे छोड़ दिया है।
सैटेलाइट ब्रॉडबैंड यानी क्या? यह अभी मौजूद नेटवर्क से कैसे अलग है?
- यह कोई नई टेक्नोलॉजी नहीं है। हम इसी तरह की टेक्नोलॉजी सैटेलाइट टीवी (d2h) देखने और GPS लोकेशन लेने में कर ही रहे हैं। समस्या यह है कि पारंपरिक सैटेलाइट्स बहुत दूर होते हैं, इस वजह से उससे ली जाने वाली सर्विसेस सीमित होती हैं।
- सैटेलाइट से ब्रॉडबैंड इंटरनेट देने के लिए मस्क की कंपनी ने सैटेलाइट्स को लोवर अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थापित किया है, ताकि हाई-स्पीड इंटरनेट मिल सके। सैटेलाइट्स लेजर के जरिए डेटा ट्रांसमिट करते हैं। यह फाइबर ऑप्टिक ब्रॉडबैंड की तरह ही है, जिसमें लाइट की स्पीड से डेटा ट्रैवल करता है।
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सैटेलाइट्स से आप तक कैसे पहुंचेगा इंटरनेट?
- सैटेलाइट का यह बड़ा समूह धरती के किसी भी हिस्से से बीम इंटरनेट कवरेज को संभव बनाएगा। कंपनी का कहना है कि इसके सैटेलाइट्स का नेटवर्क यूजर्स को हाई-स्पीड, लो-लेटेंसी इंटरनेट कवरेज मुहैया कराएगा। लेटेंसी का मतलब उस समय से होता है जो डेटा को एक पॉइंट से दूसरे तक पहुंचाने में लगता है।
- स्टारलिंक किट में स्टारलिंक डिश, एक वाई-फाई राउटर, पॉवर सप्लाई केबल्स और माउंटिंग ट्राइपॉड होता है। हाई-स्पीड इंटरनेट के लिए डिश को खुले आसमान के नीचे रखना होगा। iOS और एंड्रॉइड पर स्टारलिंक का ऐप मौजूद है, जो सेटअप से लेकर मॉनिटरिंग प्रक्रिया को पूरा करता है।
- बीटा किट की कीमत 499 डॉलर (36 हजार रुपए) है। 99 डॉलर (7 हजार रुपए) के मासिक सब्सक्रिप्शन पर इसे लिया जा सकता है। इंटरनेट आप तक पहुंचे, इसके लिए जरूरी है कि रेगुलेटर इसकी मंजूरी दे। भारत में दूरसंचार विभाग ने स्टारलिंक को आवश्यक लाइसेंस के लिए आवेदन करने को हरी झंडी दे दी है, ताकि जल्द से जल्द भारत में भी सैटेलाइट इंटरनेट उपलब्ध हो सके