महिलाओं में एचआईवी एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ी आज एड्स दिवस "असमानताओं को समाप्त करें, एड्स खत्म करें"

महिलाओं में एचआईवी एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ी आज एड्स दिवस

 

नारायणपुर 30 नवम्बर। राज्य के एनएफएचएस-5 के आंकड़ों में यह बात सामने आई है कि पहले जहाँ 20 प्रतिशत महिलाओं को ही एचआईवी एड्स की जानकारी थी वहीँ अब 23 प्रतिशत महिलाओं को एचआईवी एड्स के बारे में पर्याप्त जानकारी है। इसके अतिरिक्त पहले 57 प्रतिशत महिलाएं ही जानतीं थीं कि शारीरिक सम्बन्ध के दौरान कंडोम के प्रयोग से एचआईवी एड्स से बचा जा सकता है वहीँ अब लगभग 76 प्रतिशत महिलाओं को इस बारे में पता है। 

 

विश्व भर में 1 दिसंबर एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। एड्स दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को एचआईवी के प्रति जागरुक करना है। साल 2021 में विश्व एड्स दिवस की थीम “असमानताओं को समाप्त करें, एड्स खत्म करें” रखी गई है। विश्व एड्स दिवस पहली बार 1988 में मनाया गया था। एड्स एक ऐसा संक्रमण है जिसे लेकर आज भी पूरा विश्व बड़ी समस्या से जूझ रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व एड्स दिवस के प्रतीक के रुप में लाल रिबन की एक नॉट को मान्यता दी है। इसलिए हमेशा एड्स संबंधी सभी जानकारी और पोस्टर आदि पर रेड रिबन की नॉट जरुर बनाई जाती है।

 

एड्स नियंत्रण के जिला नोडल अधिकारी डी.के.कश्यप ने बताया, “एचआईवी उन चुनिंदा संक्रमण या बीमारियों में से एक है जो आज भी लाइलाज है। वर्तमान समय में इससे बचने का सबसे उपयुक्त तरीका है, "जागरुकता" एचआईवी एड्स के प्रति जागरुकता से किसी भी व्यक्ति को संक्रमित होने से बचाया जा सकता है। जिला अस्पताल नारायणपुर में एचआईवी जांच की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है। काउंसलर रीना पात्रा के द्वारा जांच में संक्रमित पाए गये मरीजों की काउंसलिंग की जाती है उसके बाद मरीजों को उनके इलाज के लिये जगदलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाता है। यह सारी प्रक्रिया निजता का अधिकार के अंतर्गत गोपनीय रखी जाती है। 2012 से नवम्बर 2021 तक कुल 70 संक्रमित रजिस्टर्ड है , जबकि अप्रैल 2021 से नवम्बर तक 3 नए मरीज मिले हैं।

 

एचआईवी एड्स के संक्रमण से बचने के लिए लोगों को यह पता होना बेहद जरूरी है कि आखिर वह क्या कारण हैं जो किसी व्यक्ति को एचआईवी संक्रमित बनाते हैं। इसके लिए लोगों को संक्रमित इंजेक्शन, संक्रमित रक्त, असुरक्षित यौन सम्बन्धों से बचना चाहिए। कभी भी इंजेक्शन लगवाने से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि सीरिंज नई हो। इंफेक्टेड शेविंग रेजर या अन्य उपकरण के सीधे इस्तेमाल से बचना चाहिये।

 

एचआईवी एड्स के लक्षण

गले में खराश होना,लंबे समय तक खांसी रहना, बार-बार सांस फूलना, लंबे समय तक बुखार रहना,हमेशा सरदर्द रहना, मांसपेशियों में दर्द, रात को सोते समय पसीना आना, शारीरिक कमजोरी आना, तेजी से वजन घटना, त्वचा पर लाल चकत्ते, लगातार दस्त होना, मुंह के छालें, तबीयत में सुधार न होना, वजन का अचानक से घटते जाना।

 

एचआईवी इंफेक्शन से बचने के लिए हर बार यौन संबंध बनाने से पहले कंडोम का उपयोग करें। एचआईवी का वायरस ट्रांसमिटिड ब्लड या रियूज इंजेक्शन सिंरिंज के जरिए भी फैल सकता है, इसलिए हमेशा ब्लड लेते समय नई सिरिंज का ही उपयोग करें। एचआईवी वायरस हाथ मिलाने, साथ खाना खाने और साथ रहने से दूसरे में नहीं फैलता है, इसलिए एचआईवी पीड़ित से भेदभाव न करें।