कुंवरपुर खार में 85%खेती हुई पूर्ण किसानों के चेहरे खिले तो वही दूसरी जगह 3 सप्ताह से बारिश नहीं होने के कारण फसल सूखने की स्थिति में।

कुंवरपुर खार में 85%खेती हुई पूर्ण किसानों के चेहरे खिले तो वही दूसरी जगह 3 सप्ताह से बारिश नहीं होने के कारण फसल सूखने की स्थिति में।
कुंवरपुर खार में 85%खेती हुई पूर्ण किसानों के चेहरे खिले तो वही दूसरी जगह 3 सप्ताह से बारिश नहीं होने के कारण फसल सूखने की स्थिति में।
कुंवरपुर खार में 85%खेती हुई पूर्ण किसानों के चेहरे खिले तो वही दूसरी जगह 3 सप्ताह से बारिश नहीं होने के कारण फसल सूखने की स्थिति में।

लखनपुर//सितेश सिरदार✍️

 

लखनपुर समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रो में लगभग 20 दिनों से बारिश नहीं होने से किसान मायूस है। समय से पहले इस साल 15 जून के आसपास भारी बरसात होने के कारण किसानों के चेहरे खिल गए थे। बारिश जल्द गिरने के कारण किसानों ने धान की नर्सरी तैयार कर ली थी। लखनपुर में कुंवरपुर जलाशय के अंतर्गत आने वाले किसानों द्वारा नहर होने के कारण खास कुंवरपुर में 85% समय पर रोपाई एवं बुआई कर लिया गया है।लेकिन असिंचित क्षेत्र केंवरी, केवरा, बेलदगी, अमदला, चांदो, टपरकेला, भरतपुर , गोरता, गणेशपुर, राजपूरी, नवापारा , सहित अनेक ग्राम में धान की खेती नहीं हो पाई है । मक्का ,दलहन ,तिलहन की फसलों को भी बारिश ना होने के कारण उसका भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

 

किसान इन दिनों बादल की तरफ टकटकी लगा कर एवम निराश होकर देख ही रहे थे। कि मंगलवार रात को अचानक मौसम का रुख बदला और रात में रिमझिम बारिश आई जिससे रोपाई बोआई में दरारें पड़ी थी,उसमें जान आई । पिछले 3 सप्ताह से बारिश नहीं होने से खेत में दरारे आ गई थी। धान की फसल सूखने की कगार में थे। जिसके कारण किसानों के माथे पर चिंता निराशा की लकीर खिच गई थी। 3 सप्ताह भर से वर्षा बंद होने से खेती किसानी का काम थम गया था । रोपाई बोआई बतर के लिहाज से पर्याप्त वर्षा नहीं होने से खेती दिनोदिन पिछड़ती जा रही थी। मगर बुधवार को दोपहर में क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई और किसान खुश नजर आ रहे हैं।

 

किसानों के द्वारा महंगे हाइब्रिड धान, मक्का बीज क्रय कर बोआई तो कर दी गई है । लेकिन लगातार 3 सप्ताह से बारिश नहीं होने के कारण फसल सूखने की स्थिति में है। कुछ लोगों के द्वारा नदी,नाला,ट्यूवेल से सिंचाई कर रोपाई कार्य किए जा रहा हैं। इधर किसानों को समय पर यूरिया खाद उपलब्ध नहीं कराए जाने से किसान खुले बाजार से यूरिया खाद लेने को मजबूर हैं। 1 वर्ष पूर्व बेलदगी में चार करोड़ पचास लाख की लागत से निर्मित जलाशय का नहर टूट जाने के कारण भरतपुर, गोरता, गणेशपुर में पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिससे उन किसानों का भी रोपाई कार्य बिछड़ गई है, भरतपुर के किसानों द्वारा प्रशासन से मांग की गई है की क्षतिग्रस्त नहर की मरम्मत कराई जाए। जिससे किसान भाईयों का फसल अच्छा हो सके।