कुंवरपुर में सरस्वती पूजा व मातृ-पितृ पूजन दिवस में बच्चों ने मां-पिता के पखारे पांव,की पूजा, छलक आए आंखों में आंसू

कुंवरपुर में सरस्वती पूजा व मातृ-पितृ पूजन दिवस में बच्चों ने मां-पिता के पखारे पांव,की पूजा, छलक आए आंखों में आंसू
कुंवरपुर में सरस्वती पूजा व मातृ-पितृ पूजन दिवस में बच्चों ने मां-पिता के पखारे पांव,की पूजा, छलक आए आंखों में आंसू

लखनपुर सितेश राम सिरदार:–लखनपुर विकासखण्ड के प्राथमिक व माध्यमिक शाला कुंवरपुर में 14 फरवरी दिन बुधवार को स्कूलों में बच्चों ने मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाया , बच्चे अपने-अपने माता-पिता के साथ आए थे। कार्यक्रम में सर्वप्रथम बसंत पंचमी पर माँ सरस्वती जी की पूजा अर्चना की गई। सभी बच्चों ने पुष्पांजली अर्पित कर अगरबत्ती, नारियल, माँ सरस्वती के चरणों में भेंट किए। व माथे पर टिका लगाकर सभी बच्चों ने मां सरस्वती जी की वंदना के साथ आरती की ततपश्चात प्रसाद, मिष्ठान का वितरण किया गया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए बच्चों ने अपने माता-पिता का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन किया। तत्पश्चात चरण धोए, माता-पिता की आरती की, बच्चे जिस समय अपने माता-पिता के पूजन के दौरान गले लगे सभी का हृदय द्रवित हो गया। इस दौरान बच्चों और उनके माता-पिता के आंखें भर आई। पूजन के सामूहिक दृश्य से सभी आनंदित हुए। छात्रों एवं पालको को मातृ पितृ दिवस के बारे में जानकारी दिया गया।वहीं सामाजिक कार्यकर्ता सितेश राम सिरदार ने मातृ पितृ दिवस के बारे में गांव वालों को बताया की 2007 में मातृ पितृ दिवस सबसे पहले मनाया गया था। माता-पिता प्रत्यक्ष रूप से ईश्वर के रूप हैं। हमारी भारतीय संस्कृति में माता-पिता को भगवान माना जाता है. हिन्दू संस्कृति में हम अपने माता पिता को पूजा करते है. माता-पिता ने हमारे पालन पोषण में कितना कष्ट उठाया है, हमारे लिए कितना त्याग किया है। इनकी पूजा-अर्चना व सेवा करने से छोटे-से-छोटा व्यक्ति भी महान बन जाता है। ऐसे देवस्वरूप माता-पिता का जहाँ आदर-पूजन होता हो वहां की धरती माता भी अपने आपको सौभाग्यशाली मानती है। आज के दिन देशभर में मातृ-पितृ पूजन दिवस भी मनाया जा रहा है। सनातन, संस्कृति और संस्कारों का यह एक बहुत बड़ा महत्व है। और साथ में यह भी बताया गया कि माता और पिता को

बच्चों के साथ समय बीताना चाहिए। उनसे बातें करनी चाहिए। संतान को अपने माता- पिता से प्रतिदिन कुछ देर उसके विचारों को साझा करनी चाहिए। माता-पिता का भी बच्चों के प्रति मित्रवत व्यवहार हो।

माता-पिता भी अपने संतान पर विश्वास रखें, उनका हौसला बढ़ाए। माता-पिता की सेवा कर हम अपना सिर्फ कर्तव्य का निर्वहन है, कार्यकर्म समाप्ति पश्चात जम्मू कश्मीर में श्रीनगर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकी हमले को आज पांच साल पूरे हो गए हैं। उस हमले में आतंकीयों ने 350 किलो विस्फोटक से भरी एस.यू.व्ही. बस से भिड़ा दी थी। इस हमले में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स के 40 जवान शहीद हो गए थे। उन शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी। कार्यक्रम को सफल बनाने में मिडिल स्कूल प्रधानअध्यापक मुराली लाल कुशवाहा, व शिक्षिका सीमा मैडम,अंजना, मीना गुप्ता,तारा सोनी, व ग्रामवासी नूरी पैकरा, प्रमिला सिंह, तुलमती, सविता, सहित गांव के अन्य लोग व स्कूल के सभी बच्चों ने अपना अपना योगदान दिया।