रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) के सबसे बड़े प्रोजेक्ट कमल विहार में सुरक्षा के नाम पर लोगों के साथ धोखा हो रहा है.
In Kamal Vihar, the biggest project of Raipur Development Authority (RDA), people are being cheated in the name of security.




NBL, 16/04/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. In Kamal Vihar, the biggest project of Raipur Development Authority (RDA), people are being cheated in the name of security.
रायपुर NBL 2022: रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) के सबसे बड़े प्रोजेक्ट कमल विहार में सुरक्षा के नाम पर लोगों के साथ धोखा हो रहा है। यहां लोगों के साथ अक्सर लूट और चोरी की घटनाएं हो रही हैं। रात को कमल विहार से निकलना रहवासियों को खतरे से खाली नहीं लग रहा है। यह स्थितियां बीते कुछ महीनों में काफी बदल गई है, पढ़े विस्तार से..।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि सुव्यवस्थित कालोनी के नाम पर कमल विहार में बिल्डरों से महंगी जमीन खरीदी और मकान बनाया लेकिन यहां असामाजिक तत्वों का डेरा लगा रहता है। आरडीए से कई बार पुलिस चौकी के लिए दबाव बनाया गया। पुलिस चौकी तो दूर की बात है यहां पेट्रोलिंग की गाड़ियां भी नजर नहीं आती है। लोगों का कहना है कि जमीन लेने के पहले आरडीए ने कमल विहार में दो पुलिस चौकी खोलने का वादा किया था। रात होते ही यहां असामाजिक तत्वों का डेरा लगा रहता है।
आरडीए ने कहा-कई सामान चोरी
आरडीए के अधिकारी भी मानते हैं कि कमल विहार में लगातार चोरी की घटनाएं हो रही हैं। यहां कई सामानों की चोरी हो चुकी है। सोलर लाइट से बैटरी गायब है। स्ट्रीट लाइटों की केबल चोरी हो रही है। गार्डनों की सुरक्षा के लिए लगाई गई लोहे की जाली निकाल ली गई है।
490 करोड़ के कर्ज में डूबा आरडीए
कमल विहार के विकास कार्याेें के लिए सेंट्रल बैंक से लिए गए 490 करोड़ रुपये का कर्ज आरडीए अभी तक नहीं चुका पाया है। इस मामले को लेकर आरडीए के खिलाफ सेंट्रल बैंक ने कोर्ट में भी याचिका दायर की है। बैंक ने आरडीए के खिलाफ ऋण वसूली अधिकरण (डीआरटी) में भी मामला दायर किया है। इस संबंध में बीते महीने वन टाइम सेटलमेंट के लिए बैठक हुई थी, लेकिन बात नहीं बनी। दरअसल, आरडीए ने कमल विहार के विकास के लिए 600 करोड़ तक का कर्ज लिया है, जिसमें सिर्फ ब्याज की राशि ही जमा की जा रही है।
कमल विहार रेसीडेंशियल सोसायटी संचालक आशीष भट्टाचार्य ने कहा, कमल विहार में सुरक्षा की मांग को लेकर कई बार आरडीए के आला अधिकारियों से मुलाकात की चुकी है। रात को स्ट्रीट लाइट बंद रहती है। आरडीए को इस मामले पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। रात को यहां असामाजिक तत्वों का डेरा बना रहता है।
कमल विहार सेक्टर-1, निवासी सुनील मालवीय ने कहा, सुरक्षा के नाम पर कमल विहार में कुछ भी नही है। पुलिस की गाड़ियां कभी नजर नहीं आती है। आरडीए ने बिल्डरों से महंगा प्लाट बेचा लेकिन कालोनी की सुरक्षा के लिए किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की। इससे लोग काफी भयभीत है। रात को लोग सुनसान गलियों से आने-जाने से कतराने लगे हैं।
कमल विहार सेक्टर-2, निवासी गौरव दिवेदी ने कहा, कमल विहार कैंपस के भीतर बने घरों में भी असामाजिक तत्वों का डेरा बना हुआ है। इसकी शिकायत मैंने टिकरापारा थाने में की है। यह बिल्कुल सच है कि कमल विहार इन दिनों असामाजिक तत्वों का डेरा बना हुआ है। रात को अलग-अलग सेक्टर में शराबियों को अड्डा बना रहता है।
कमल विहार सेक्टर-4 निवासी शिवानी शर्मा ने कहा, कमल विहार में दिन को भी अपराधियों का डेरा लगा रहता है। बीते दिनों कमल विहार में असामाजिक तत्वों ने मेरा पर्स छीन लिया, जिसमें मोबाइल और एटीएम कार्ड था। इसकी शिकायत मैंने थाने में दर्ज कराई है। आरडीए सहित पुलिस प्रशासन को इस पर गंभीरता बरतनी चाहिए।
पुरानी बस्ती सीएसपी राजेश चौधरी ने कहा, पुलिस चौकी का फैसला राज्य सरकार स्तर का है। चोरी या अन्य घटनाएं होने पर शिकायतों के आधार पर पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी। कमल विहार में सुरक्षा को लेकर प्रशासन गंभीर है।
आरडीए एसई प्रभारी महिमाशंकर पांडे ने कहा, कमल विहार के सेक्टर-9 में पुलिस चौकी के लिए अलग से जमीन आरक्षित की गई है। इस संबंध में आरडीए ने डीजीपी को वर्ष 2016-17 में चिठ्ठी लिखी थी। जनवरी-फरवरी में आरडीए ने फिर से पुलिस प्रशासन से चौकी के लिए मुलाकात की। टिकरापारा, सेजबहार और माना थाने से लगातार पेट्रोलिंग की मांग की गई है।
प्रोजेक्ट का नाम- कमल विहार (आरडीए)
कुल क्षेत्रफल-1600 एकड़
प्रोजेक्ट की शुरूआत- वर्ष 2009-10
कुल लागत- लगभग 1000 करोड़
कुल आबादी का लक्ष्य 70-80 हजार
वर्तमान में पुलिस चौकी-0
वर्तमान में सुरक्षा गार्ड- 0