गीता-पुराण में, मोहम्मद साहब ने कुरान में, सबने यही नियम कानून बनाया कि जीवों पर दया करो, रहम करो, सत्य बोलो...

गीता-पुराण में, मोहम्मद साहब ने कुरान में, सबने यही नियम कानून बनाया कि जीवों पर दया करो, रहम करो, सत्य बोलो...
गीता-पुराण में, मोहम्मद साहब ने कुरान में, सबने यही नियम कानून बनाया कि जीवों पर दया करो, रहम करो, सत्य बोलो...

गीता-पुराण में, मोहम्मद साहब ने कुरान में, सबने यही नियम कानून बनाया कि जीवों पर दया करो, रहम करो, सत्य बोलो

महात्माओं के लिखे धार्मिक ग्रंथों पुस्तकों को उनके पास जाकर समझो और करो पालन

यदि आप सोचो कि साधन सुविधा होने का बाद काम करेंगे तो समय निकल जाएगा

उज्जैन (मध्य प्रदेश) : इस वक़्त के पूरे कामिल फ़क़ीर, मुर्शिद ए कामिल, रूह को निजात मुक्ति मोक्ष दिलाने वाले, बेइंतहा रूहानी दौलत के मालिक, खुदा का पैगाम सबको सुनाने वाले, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त महाराज ने 29 अक्टूबर 2023 प्रातः उज्जैन (मध्य प्रदेश) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि गुरु पर भरोसा विश्वास करना चाहिए। हमको तो है। जरूरत पड़ेगा तो सब हो जाएगा। जैसे-जैसे जरूरत पड़ेगी, सब होता चला जाएगा। अब आप यह सोचो कि साधन-सुविधा हो जाए तो हम काम करें, तब तो समय निकल जाएगा। अभी काम करने का समय है। लोगों को जगाने, बताने, समझने का समय है। क्योंकि यह कलयुग है। कलयुग अपने प्रभाव असर में आ रहा है। कलयुग की परिभाषा क्या है? दीमक चढ़ जाय ग्रंथों को, ब्राह्मण परतियां तोड़े। बधिक हो जाए क्षत्रियगण, शूद्र सेवा से मुख मोड़ें। सूखे नदिया, धंसे पर्वत, विजय तब हमारी हो।

यह धार्मिक ग्रंथ, महात्माओं की वाणियां, किताबें किस लिए बनाई गई

ताकि इसको लोग पढ़ें और इसके अर्थ को समझे। न समझ में आवे तो इनको लिखने वाले (उस स्तर के) महात्माओं के पास जाएं। महात्मा उनको समझाएंगे। जब समझ में आ जाए तो जो चीजें उसमें लिखी हुई है, उसका पालन, अनुकरण किया जाए।

जीवों पर दया करोगे तभी सच्चिदानंद मिलेगा

नियम कानून, जैसे परिवार, समाज, देश का है, ऐसे ही वेद, गीता, पुराणों, धार्मिक ग्रंथों सब में है। जब हजरत मोहम्मद साहब ने इस्लाम धर्म को चलाया तो कुरान शरीफ बनाया। उसमें भी नियम कानून है। लेकिन जितने भी जानकार आए, जितने भी धर्मों का प्रचार विस्तार हुआ, सब लोगों ने एक ही तरह की बात बताई है कि जीवों पर दया, रहम करो, सत्य बोलो, असत्य मत बोलो। जब सत्य बोलोगे तभी सच्चीदानंद मिलेगा, नहीं तो उनसे दूर हो जाओगे। जब दया करोगे तो- दया धर्म तन बसे शरीरा, ताकर रक्षा करें रघुवीरा। दया धर्म को अपनाओ तब रघुवीर प्रभु रक्षा करेंगे, प्रभु मिलेंगे। दया करो भगवान मिलेंगे, रहम करो रहमान मिलेंगे।

जानवरों के मांस को खाने की वजह से बुराइयां मनुष्य करने लग गया

भगवान की खोज तो लोग करते हैं। भगवान से मिलना भी चाहते हैं। चाहे परमार्थ या चाहे स्वार्थ के लिए, इच्छा तो करते हैं कि भगवान मिल जाए। नहीं कुछ है तो यही कहेंगे कि भगवान मिल जाएंगे तो रोटी-रोजी तो दे देंगे, पुत्र दे देंगे, परिवार में बढ़ोतरी कर देंगे, रोग ठीक कर देंगे- भगवान इसलिए मिल जाए। कोई यह सोचता है कि इस दुनिया को भगवान ने बनाया है तो दुनिया बनाने वाला ही अगर मिल जाएगा तो हमारे काम आसान हो जायेंगे, रोटी-रोजी में बरकत मिल जाएगी, आपस में प्रेम, परिवार पैदा हो जाएगा। चाहे इसी (स्वार्थ के) लिए भगवान को लोग चाहते, खोजते हों लेकिन वो इसलिए नही मिलते क्योंकि जिससे उनको पुकार लगाते हैं, वही चीज़ गंदी है। मुंह, अंतरात्मा से आवाज लगते हैं, अंदर में भगवान खुदा को याद भी करते हैं, लेकिन हुजरा, बैठने का सिंहासन ही गंदा है। जीव हत्या किया, मांस खाया, उससे बने खून का असर रोम-रोम में है। खून, मांस के असर से रोवें (शरीर, अंग) बनते बढ़ते हैं। तो जानवरों के खून का असर आया। जानवरों की बुद्धि सही नहीं होती। कुछ भी काम कर बैठते हैं। ऐसे ही मनुष्य भी हर तरह की बुराइयों को करने लग गया। पशुओं से भी ज्यादा खराब कर्म आदमी करने लगा।