बच्चे को अंडा खिलाओ तो उसका दिल दिमाग बुद्धि कमजोर होती जायेगी - सन्त बाबा उमाकान्त




बच्चे को अंडा खिलाओ तो उसका दिल दिमाग बुद्धि कमजोर होती जायेगी - सन्त बाबा उमाकान्त
बच्चे दिव्यांग न हो इसके लिए क्या परहेज रखना चाहिए
पुष्कर (राजस्थान) : मां के गर्भ में जीव द्वारा प्रभु से किया गया वादा जो बाहर आने पर पड़ने वाले माया के पर्दे की वजह से भूल गया है, उसे याद दिलाने वाले, छोटा-मोटा परहेज बता कर जीवन भर की परेशानी से बचाने वाले, अंडे जैसी गन्दी चीज के बारे में फैली ग़लतफ़हमी को दूर कर बच्चों के शारीरिक और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने वाले, इस समय के युगपुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त महाराज ने 26 अप्रैल 2023 प्रातः अमरेली (गुजरात) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि जीव अधोमुखी जब रहे थे (यानी जब मां के गर्भ में थे) तब जठराग्नि, यानी जैसे चाहे कितने भी गर्म पानी में चावल डाल दो जल्दी घुलता नहीं है लेकिन पेट में जाते ही तुरंत पचाव शुरू हो जाता है तो तब (गर्भ में) पेट की जठर अग्नि में तपते रहे। उल्टे पड़े हुए थे मां के पेट में, सिर नीचे था पैर ऊपर था। तू ही तू तूत्कार थी, बराबर या प्रभु या प्रभु बाहर निकालो, (इस शरीर को) तैयार करो, जल्दी करो का अजपा़ जाप जैसे अजपा़ जाप, नाम ध्वनि लगातार बोलते हैं, ऐसे ही जपते ही रहे लेकिन बाहर आकर भ्रम गए और बहुत उठाये पाप। बाहर आकर के भूल-भ्रम के, काल-माया के देश में उसको (प्रभू को) भूल गए। आज आपको उसी को याद दिला रहा हैं।
बच्चे दिव्यांग न हो इसके लिए क्या करें
महाराज ने 4 जून 2023 प्रात: पुष्कर, अजमेर (राजस्थान) में बताया कि बच्चे लूले, लंगड़े, अंधे क्यों हो जाते हैं? मां की कमी की वजह से। मां के आचार-विचार में कोई कमी रह जाती है। बच्चों में बुद्धि में कमी क्यों रह जाती है? क्योंकि खुद मां की बुद्धि सही नहीं रहती है, उनकी विचार भावनाएं अच्छी नहीं रहती है। इसीलिए तो कहा जाता है सुमिरन ध्यान भजन बच्चियों को कराने की आदत डालो। इसलिए जब उनके पेट में बच्चा आवे तो भी सुमिरन ध्यान भजन करती रहे और बच्चा सही से बन जाए।
पेट में बच्चा खंडित न होने के परहेज
बहुओं के पेट में जब बच्चा आता है तब माताएं बता देती हैं कि गर्म चीज मत खाना, ऐसी चीज मत खाना कि बच्चा खंडित हो जाए, निकल जाए। बता देती हैं कि अब पुरुष से दूर होना, अपने पति के पास मत सोना। बच्चा पैदा करने वाला कोई भी काम मत करना। साफ-साफ बता देती हैं। और जो गर्भवती माताएं यह परहेज कर ले जाती है, खुली हवा वायु जैसे मिलती है, तो ये सारे तत्व प्रकृति में मनुष्य शरीर के लिए, वे जब उनके पास रहते हैं तो बच्चा बढ़िया ठीक से बनकर के बाहर निकल आता है। तो यह तत्व अंदर में काम करते हैं।
बच्चे को अंडा खिलाओ तो उसका दिल दिमाग कमजोर होता जाएगा
अंडा गंदी चीज है। यह माताएं मासिक धर्म होती है। खराब खून इकट्ठा हो जाता है, बच्चा बन जाता है। मुर्गियों का खराब खून, उनकी लेट्रिन पेशाब का खराब हिस्सा, जब इकट्टा हो जाता है, अंडा बन जाता है। अंडा बड़ी गंदी चीज है। अंडा, बुद्धि खराब करता है, बदन में गर्मी लाता है और बदन की ताकत निकाल देता है। अंडा मत खाना। बच्चों को, बच्चियों अंडा मत खिलाना। ये सोचोगे कि अंडा खिलाने से बच्चे तंदुरुस्त हो जाएंगे तो बजाय उसके, बच्चे और कमजोर होते चले जाएंगे। शरीर भले ही मोटा हो जाए लेकिन दिल-दिमाग उनका और कमजोर होता जाएगा, बुद्धि उनकी भ्रष्ट होती चली जाएगी। इसलिए अंडा न तो खाना और न ही बच्चों को खिलाना। बुद्धि किससे बनती है? खून से बनती है। जो खाते हैं उसी का खून बनता है, उसी से बुद्धि बनती है। अंडा अच्छी चीज नहीं है।