CG- पति का दूसरी महिला के साथ अफेयर: आरक्षक का महिला पुलिसकर्मी के साथ अवैध संबंध, आयोग के फटकार के बाद पति बच्चों को देगा 6 हजार रुपये प्रतिमाह.....
रायपुर। पुलिस आरक्षक पति का महिला पुलिसकर्मी के साथ अवैध संबंध है। महिला आयोग के फटकार के बाद पति बच्चों को 6 हजार रुपये प्रतिमाह देगा। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य बालो बघेल ने आज राज्य महिला आयोग कार्यालय शास्त्री चौक रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की। एक प्रकरण में आवेदिका ने अपने पति के विरुद्ध शिकायत आयोग में प्रस्तुत की है।




Husband affair with another woman, Constable illegal relationship with a female policeman
रायपुर। पुलिस आरक्षक पति का महिला पुलिसकर्मी के साथ अवैध संबंध है। महिला आयोग के फटकार के बाद पति बच्चों को 6 हजार रुपये प्रतिमाह देगा। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य बालो बघेल ने आज राज्य महिला आयोग कार्यालय शास्त्री चौक रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की। एक प्रकरण में आवेदिका ने अपने पति के विरुद्ध शिकायत आयोग में प्रस्तुत की है।
आरक्षक पति पीटीएस माना में पदस्थ है। दूसरी महिला वह भी कॉन्स्टेबल है। उसके साथ अवैध संबंध रखे हुए हैं और पत्नी पर लगातार तलाक के लिए दबाव बनाया जाता है। इसके साथ ही सभी के सामने गला दबाकर जान से मारने की भी कोशिश किया गया है। इस स्तर पर आवेदिका के बच्चे भी सुनवाई में उपस्थित हुए। उन्होंने बताया कि अनावेदक द्वारा उनके मां के साथ दुर्व्यवहार व मारपीट करता है। हमसे ना तो मिलता है और ना ही हमे समय देता है।
आवेदिका की बेटी 7 वर्षीय हैं उसने आयोग को बताया कि अनावेदक पिता वीडियो कॉल में अनावेदिका दूसरी महिला के साथ स्पीकर पर बात करता है जिसे दोनो बच्चों ने देखा है। इस स्तर पर अनावेदिका दूसरी औरत को आयोग ने समझाइश दिया कि सिविल सेवा आचरण संहिता का उल्लंघन है। इस पर उनकी नौकरी भी जा सकती है। यह समझाइश दिए जाने पर अनावेदिका दूसरी महिला ने सहमति जताई है।आयोग के निर्देशों का पूरी तरह से पालन करने का भरोसा दिया है।
आयोग ने अनावेदक को बच्चों को 6 हजार रुपये प्रतिमाह भरण पोषण देने के निर्देश देते हुए इस प्रकरण को 6 माह की निगरानी में रखा है।आगामी सुनवाई में इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा। एक अन्य प्रकरण में विभिन्न न्यायलयों बीके द्वारा अनावेदक को 7 वर्षीय पुत्र को आवेदिका को देने का आदेश दिया गया था। जिसका पालन अनावेदक ने नही किया और जानबूझकर सुनवाई में उपस्थित नही हो रहा है। इस स्थिति में आयोग द्वारा थाना प्रभारी को पत्र प्रेषित कर अनावेदकगणों को एएसआई के साथ आगामी सुनवाई में उपस्थिति कराने के निर्देश दिए गए।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने पिछली सुनवाई में कहा था कि जहां वह रह रही है वह मकान उसका हैं और उसका टैक्स पटा रही है। आज की सुनवाई में अनावेदिका उपस्थित हुई और वह उस मकान पर 22 वर्षों से निवासरत है। अनावेदिका ने बताया कि नजूल की जगह है वह टैक्स पटा रही है। ऐसी दशा में उभय पक्ष चाहे तो दोनो पक्षो को अपने हक के लिए न्यायालय में जाने की सलाह देते प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका की बेटी की मृत्यु संदिग्ध परिस्थितियों में होने के कारण आवेदिका को शक है उसकी बेटी की मृत्यु का कारण अनावेदक है। आवेदिका की बेटी व अनावेदक की 2 संतान है। जिससे अनावेदक मिलने नही देता व बात भी नही करने देता जिसकी शिकायत आवेदिका ने किया है। इस स्तर पर बच्चों से बात किया गया बच्चों ने बताया कि अनावेदक ने हमे सिखाया कि नाना नानी से बात ना करे।
बच्चे उनसे मिले शीतकालीन या ग्रीष्मकालीन छुट्टी में नाना नानी के पास जाने को इच्छुक हैं। साथ ही बच्चों ने बताया कि घटना दिनांक को उसकी माँ को उल्टी हुई थी उसके बाद हॉस्पिटल ले जाते समय उसकी मृत्यु हुई थी। दोनो पक्षों को आयोग द्वारा समझाइश दिया गया कि बच्चों के हित में परिवारजनों से समय समय पर मिलने व उनके परवरिश बेहतर तरीके से हो। इस समझाइश के साथ इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में पति पत्नी को आयोग द्वारा विस्तार से सुना गया। विवाह के 2 माह दोनो साथ में रहे उसके बाद से दोनो के बीच विवाद होते रहा जिसमे आवेदिका छत से कूदकर जान देने की कोशिश भी की है। इस स्तर पर इस प्रकरण को दोनो को सम्बंध सुधारने की समझाइश देते हुए 6 माह की निगरानी के साथ अनावेदक पति पत्नी के बैंक खाते में प्रतिमाह 6 हजार रुपये भरण पोषण राशि देने के निर्देश दिए हैं।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के पति के मृत्यु के पश्चात उनकी टाटा सफारी गाड़ी को अनावेदक ने 1 लाख 50 हजार के एग्रीमेंट में रखा था। परन्तु गाड़ी का नाम ट्रांसफर नही किया है, और गाड़ी का क़िस्त आवेदिका द्वारा पटाया गया है। अनावेदक ने गाड़ी बेचकर किसी अन्य को कब्जे में भी दे दिया है, और गाड़ी का अता पता नही है। इससे स्पष्ट है कि अनावेदक ने दोनो ओर से धोखाधड़ी किया है पहले आवेदिका से खरीदकर और किसी अन्य को बेचकर दोनो के साथ अनावेदक ने हेराफेरी किया है।
अगर गाड़ी एक्सीडेंट होता है तो उसकी जिम्मेदारी आवेदिका की हो जाएगी। इस स्तर पर आयोग ने तत्काल अनावेदक को सुनवाई में उपस्थित थाना गोलबाजार के कॉन्स्टेबल को सुपुर्द किया गया है। अनावेदक को पुलिस थाना ले जाकर पूछताछ एवं गाड़ी का पता कर कल दिनांक को आयोग कार्यालय में उपस्थित होने कहा गया है आवेदिका की संतुष्टि पर इस प्रकरण का निराकरण किया जाएगा।
आयोग की अध्यक्ष डॉ नायक ने अपने कार्यकाल की आज 150वीं जनसुनवाई की। रायपुर की आज 79वीं जनसुनवाई में कुल 29 प्रकरण रखे गये थे। इनमे से 7 प्रकरण नस्तीबद्ध किये गए, शेष प्रकरण को आगामी समय मे सुनवाई की जाएगी।