मानवता इस पूरी दुनिया में जीवित रहने और दूसरों पर विश्वास रखने का मूल मंत्र है.
Humanity is the basic mantra to survive in this whole world and have faith in others




NBL, 08/07/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. Humanity is the basic mantra to survive in this whole world and have faith in others.
मानवता इस पूरे संसार में जीवित रहने और दूसरों पर विश्वास रखने का मूल मंत्र है और जीवन जीने की शैली बहुत ही सुगन तब हो जाती है, जब विश्वास और दया नाम का यह मंत्र लोगों के दिलों में जीवित रहता है। मानवता सिर्फ और सिर्फ लोगों की मदद करना ही नहीं होता बल्कि मानवता जीवों पर दया दिखाना भी होता है, पढ़े विस्तार से... पृथ्वी पर जीवित सभी जीवों में सबसे सर्वश्रेष्ठ और उत्तम प्रजाति मानव को ही माना जाता है और इसी कारण से हमारा यह फर्ज बनता है कि हम मानव जाति के साथ-साथ अन्य जीवों की भी मदद करें और उन्हें भी उनका जीवन जीने के लिए छोड़ें।
इस पूरे दुनिया भर में लोग खुद की जरूरतों को पूरा करने के लिए अन्य जीवों की बलि चढ़ा दे रहे हैं और यही दुनिया का सबसे बड़ा विनाश भी होगा। यदि दुनिया से मानवता खत्म हो जाएगी तो दुनिया बहुत ही जल्द विलुप्त के कगार पर होगी।
मानवता सभी के दिलों में है परंतु उसे जागरूक करना और लोगों के प्रति संवेदनशील करना यह आपकी जिम्मेदारी होती है। इस पूरे ब्रह्मांड में सिर्फ और सिर्फ मानव ही एक ऐसा जीव है, जो सोच सकता है, समझ सकता है और किसी भी कार्य को करने से उसके लाभ हानि को भी सोच सकता है।
परंतु मानो ऐसा नहीं कर रहे हैं, बल्कि वह खुद की जरूरतों को पूरा करने के लिए संवेदना और मानवता को पूरी तरह से त्याग दे रहे हैं।
मनुष्य के अंदर अच्छे लोग और बुरे लोगों का फर्क विवेचन होता है और इसी कारण से मनुष्य को हमेशा एक सज्जन व्यक्ति की तरह अपनी मानवता को निभाना चाहिए और यह कार उन सभी लोगों को पूरी जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए। आज के समय में लोग अपनी जिम्मेदारी से भागते हैं और इसीलिए मानवता को त्याग देते हैं।
इस पूरे ब्रह्मांड में प्रत्येक खंड अपना अपना एक इतिहास बनाता है और इन सभी इतिहास में मानवता एक बार नहीं बल्कि हजारों बार खंडित हुई है, यह सिर्फ और सिर्फ मनुष्य के लोभ लालच इत्यादि के कारण हो रहा है। यह दुनिया यदि खंडित हो रही है तो इसका सीधा-सीधा कारण कुकर्मी लोग और अत्याचारी लोग होते हैं, जो मानवता की भावना अपने दिल में बिना रखे लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं।
लोग खुद को अच्छा दिखाने के लिए और खुद को ऊपर ले जाने के लिए अनेकों तरह से लोगों का हक छीन लेते हैं और ऐसे में धनी लोग गरीबों का भी हक छीन ते रहे हैं और यही दुनिया का सबसे बड़ा विनाश है।
दोस्तों मानवता का महत्व इस पूरे ब्रह्मांड में बहुत ही बड़ा है और मानवता को इस दुनिया भर में सबसे उच्च श्रेणी का सम्मान मिलता है, जो भी व्यक्ति लोगों के लिए दया दिखाता है और उनकी मदद करता है, उसे मानवता का प्रतीक कहां जाने लगता है। इस पूरे दुनिया भर में मानवता के प्रतीक के रूप में सर्वोपरि राजा हरिश्चंद्र आते हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर राजा हरिश्चंद्र तो सत्य के पुजारी थे तो वह मानवता के प्रति कैसे हुए? तो हम आपको बता देना चाहते हैं, राजा हरिशचंद्र सत्य के पुजारी होने के साथ-साथ मानवता के जीते जागते स्वरूप थे।
आइए हम सभी लोग जानते हैं कि आखिर मानवता का क्या महत्व है।
मानवता इस पूरे संसार में लोगों को एक साथ जोड़े रखती है।
दुनिया पर विजय प्राप्त करने के लिए आप सभी लोगों को मानवता का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि मानवता को ध्यान में रखते हुए आप सभी लोग दुनिया के हर एक देशों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।
जब कोई इंसान बिना लालच के किसी भी इंसान की मदद कर देता है तो यह मानवता ही होती है।
किसी भी व्यक्ति को खाना खिलाना, पानी पिलाना और बुरे समय में उसकी मदद करना मानवता का ही एक स्वरूप है।
यदि आप किसी निर्धन व्यक्ति की मदद कर देते हैं तो वह व्यक्ति आपको भर भर के आशीर्वाद देता है और गरीबों का आशीर्वाद बहुत जल्द लगता है।
दोस्तों दान पुण्य करना मानवता की सबसे बड़ी निशानी होती है और दान धर्म दुनिया की सबसे बड़ी सत्य भी है।
मनुष्य का एक धर्म मानवता भी होता है, जिसे स्वयं ईश्वर का आशीर्वाद माना जाता है।
दुनिया में मानवता क्यों है जरुरी?...
ये मनुष्य मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। यह व्यक्ति दूसरे व्यक्ति में भी मानवता की भावना को खत्म कर रहे हैं जिसके कारण प्रतिदिन मानवता की भावना नष्ट हो रही है और लोगों में क्रूर भावना उत्पन्न हो रही हैं। दिन प्रतिदिन स्वार्थ, क्रूरता, जलन और बदले की भावना मानवता पर हावी होते जा रही हैं।
ऐसे में वह समय दूर नहीं जब धरती से मनुष्य का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। हालांकि इन कपटी और पापी लोगों में अभी भी मानवतावादी लोग हैं, जो लोगों में मानवता की भावना को जागृत करने की कोशिश करते हैं और ऐसे कई मानवतावादी लोग हुए हैं, जिन्होंने लोगों को मानवता का पाठ सिखाया है जैसे कि मदर टेरेसा, महात्मा गांधी, बराक ओबामा और अन्य कई महान लोग हुए, जिन्होंने लोगों को अहिंसा और मानवता का संदेश दीया और लोगों को भाईचारा से रहने का पाठ सिखाया।
आज जिस तरह व्यक्ति केवल अपने स्वास्थ्य के बारे में सोचता है। यदि ऐसा ही स्वार्थ भावना ब्रिटिश काल में हमारे देश के उन सभी क्रांतिकारियों में होता तो यह देश कभी आजाद नहीं हो पाता। यदि उन्होंने केवल अपने जीवन के बारे में सोचा होता तो आज भी हम अंग्रेजों के गुलाम होते।
लेकिन उन्होंने माननीय धर्म को अपनाया और सभी मनुष्य के दुखों को समझते हुए अपने जीवन को निछावर कर दिया। यदि यह स्वार्थ भावना देश के सभी सेनाओं में होता तो वे दिन-रात बॉर्डर पर खड़े होकर देश की रक्षा न कर रहे होते। मनुष्य मानवता के कारण ही तो सुरक्षित है।
मानवता गुण के लाभ...
यदि सभी व्यक्ति हिंदू मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्म से परे केवल एक धर्म मानव धर्म को अपना लेता तो आज दुनिया में किसी भी देश के बीच युद्ध नहीं होता, किसी भी देश के बॉर्डर पर सिपाही नहीं लगाने पड़ते। आज प्रतिदिन न्यूज़ में किसी ना किसी देश में ,किसी भी क्षेत्र में कोई जाति के नाम पर,तो कोई धर्म के नाम पर लड़ाई झगड़ा करता ही रहता है।
हालांकि इससे कुछ मिलता नहीं है लेकिन इसका परिणाम हमेशा बुरा ही होता है। आज दो देशों के बीच में जमीन को लेकर झगड़ा होता है और लाखों लोगों की जान चली जाती हैं। हर व्यक्ति को यह समझना जरूरी है कि कुछ लेकर नहीं आए तो कुछ लेकर कैसे जा सकता है। वह जिस भी चीज के लिए आज एक-दूसरे से झगड़ रहा है वह धरी की धरी रह जाएगी। वह जब तक इस दुनिया में है तब तक ही उस चीज का आनंद ले पाएगा।
आज हर इंसान उस खुशियों को पाने के पीछे भागता है जो उसके पास नहीं है लेकिन जो उसके पास है उसे उसकी कद्र नहीं। आज मनुष्य जिंदगी तो एक रेस की भांति समझ लिया है और इस रेस के मैदान में एक-दूसरे से होड़ लगाते हुए भाग रहा है और वह भागते भागते एक दिन दुनिया से विदा हो जाएगा।
आज के व्यक्ति को समझना जरूरी है कि किस्मत से ज्यादा कुछ नहीं मिलता और आवश्यकता से ज्यादा पाने के लिए लालच भी नहीं करना चाहिए तभी जिंदगी को खुशियों से जिया जा सकता है और मानवता का अस्तित्व बने रह सकता है।
किस तरीके से मानवता अपना कर एक अच्छा मनुष्य बन सकते हैं।
एक अच्छा मनुष्य बनने के लिए अन्य मनुष्य के दुखों को समझना जरूरी है। जरूरत के समय एक दूसरे का साथ देना, एक दूसरे के हित के प्रति सोचना, सबके साथ मिल जुलकर रहना, प्रेम और भाईचारा की भावना रखना ही मानवता है। मानवीय भावना आपको आंतरिक खुशी देती हैं आपकी अंतरात्मा को शांति मिलती हैं।
यह आनंद आपको बाहर से नहीं मिल सकता और यह आनंद पाने के लिए आपको मानवता धर्म को निभाना पड़ेगा। असहाय और गरीब लोगों की मदद करें, भूखे को खाना खिलाएं, निर्दोष बेजुबान जानवरों की हत्या करना छोड़ दें। समाज में प्रेम का संदेश फैलाए। आपसी जलन और बदले की भावना भुलाकर भाईचारा की भावना को विकसित करें।
निष्कर्ष. .
लोगों को क्षमा करने की भावना रखें। क्योंकि जो व्यक्ति दूसरों को क्षमा नहीं करता उसके अंदर बदले की भावना रहती है और बदले की भावना व्यक्ति को कभी भी खुशी नहीं दे सकता। दूसरों को माफ करने वाला व्यक्ति महान होता है। क्षमा करना तो मानवता का धर्म है। इस तरीके एक व्यक्ति अच्छा मनुष्य बन सकता है और मानवता धर्म का पालन कर सकता है।
मानवता ही तो है जिससे व्यक्ति प्रभावित होकर दूसरे मनुष्य की विपदा में मदद करता है, दूसरे मनुष्य के दुखों को अपना दुख समझता है। मानवता मनुष्य को आपसी प्रेम और भाईचारा का संदेश देती है। मानवता मनुष्य को मिल जुल कर रहना सिखाती है। मानवता से ही मनुष्य का जीवन अस्तित्व में रह सकता है। इसीलिए जरूरी है कि हर एक व्यक्ति मानवता को अपनाएं औश्र चारों तरफ शांति फैलाएं।