नीचे बेल्ट में बसे ग्रामीणों को विद्युत विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से अंधेरे में काटनी पड़ रही रात ना इनको अधिकारी का डर ना ही ग्रामीणों की चिंता राम भरोसे चल रहा नीचे बेल्ट में विद्युत विभाग अंधेरा होने का बनाते है बहाना क्या जेईई नहीं सम्भाल पा रहे अपना क्षेत्र जाने पूरा मामला पढ़ें पूरी खबर




बिलासपुर//पचपेड़ी क्षेत्र के विद्युत विभाग की कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से ग्रामीणों को रात रात भर अंधेरे में जीना पड़ रहा है ऐसा नहीं है कि इनको जानकारी नहीं होती ग्रामीण इनको 10 बार फोन लगाकर बताते हैं कि समस्या हो गई है अधिकारी भी इनको सुधार करने के लिए फोन लगाते हैं पर यह कहते हैं जिसके पास शिकायत करना है कर दो क्योंकि अंधेरा हो गया है इसलिए सुधार कार्य नहीं हो पाया ताजा मामला केवटाडीह भुतहा स्थित सब स्टेशन के अंतर्गत आने वाले सोन गांव की है जहां कल शाम बस स्टैंड के पास लाइट बंद हो गई थी तार टूट गया था जिसके वजह से आगे सप्लाई बंद हो गई थी ग्रामीणों द्वारा ऑपरेटर को फोन लगाकर बताया गया कि तार टूट गया है लाइट बंद कर दीजिए नहीं तो कोई अनहोनी हो जाएगी कोई तार की चपेट में आकर अपनी जान गवा बैठेगा तब आपरेटर ने कहा कि जब तक ऊपर से आदेश नहीं आएगा मैं लाइट नहीं बंद कर सकता तब ग्रामीणों ने अधिकारी AE दिब्य को बोलकर किसी तरह लाइट बंद कराया गया अधिकारी ने कहा कि वह कर्मचारियों को भेजकर तार को तुरंत ठीक करवा रहे हैं अधिकारी ने जानकारी जेईई को दिया और जे ईई ने कर्मचारी तुरंत भेजने का आश्वासन भी दिया पर कर्मचारियों ने अधिकारियों को कह दिया कि जाकर ठीक करते हैं थोड़ी देर में पर वे नहीं पहुंचे जब गांव के सरपंच अशोक केवट ने सब स्टेशन में मौजूद कर्मचारी लहरें को फोन लगाया तो उन्होंने पहले कहां कुछ देर में कर्मचारी पहुंच जाएगा उसके बाद बोले कि कर्मचारी चिल्हाटी से आ रहा है इसीलिए टाइम लग रहा है फिर बोला अंधेरा हो गया इसलिए आज काम नहीं हो पाएगा फिर बोला जिस कर्मचारी को मैं भेज रहा था उसने अपना मोबाइल बंद कर दिया है आपको जिसके पास जाना है जाइए जहां शिकायत करना है कर दीजिए पर आज नहीं बन पाएगा अब जरा सोचिए जो कर्मचारी हर महीने सरकार से पैसे ले रहा है पर जिस काम के लिए उसको पैसा मिल रहा है वह वही काम नहीं कर रहा है पर ताज्जुब की बात तो यह है कि इन कर्मचारियों को अधिकारियों से ना डर लगता है और ना ही गांव वालों की चिंता है क्या जेईई ध्रुव अपने कर्मचारियों को नहीं संभाल पा रहे हैं जिसकी खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है और अंधेरे में रात बितानी पड़ रही है सोचने की बात तो यह है कि यह कर्मचारी जनप्रतिनिधियों के साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं तो सोचिए आम आदमी के साथ इनका कैसा रवैया रहता होगा क्या ऐसे कर्मचारियों को यहां रहने का हक है क्यों ना इन जैसे कर्मचारियों को बस्तर भेज दिया जाए जहां इनकी सारी हेकड़ी निकल जाए अब बताइए बेचारे गांव वाले आखिर जाएं तो जाएं कहां राज्य सरकार एक और ग्रामीणों को बिजली से होने वाली समस्याओं से लगातार निजात दिलाने पर जोर दे रही है वहीं दूसरी ओर विद्युत विभाग के कर्मचारी सरकार की सारी योजनाओं की अपनी लापरवाही से धज्जियां उड़ा रहे है और सरकार की छवि को खराब करने का कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे