मन की चंचलता को कैसे कम करें? पढ़े विस्तार से..।




NBL,. 23/022022, Lokeshwer Prasad Verma,... इस उत्तर के लिए, आपको मन को समझने की आवश्यकता है, और जाने आगे विस्तार से...।
मन हर समय विचारों से भरा और चलायमान रहता है। विचार प्रक्रिया ही मन का एकमात्र कार्य है। जब हम कुछ काम करते हैं तो उस समय मन काम से संबंधित विचारों के साथ केंद्रित होगा लेकिन जब मन ध्यान में कुछ भी नहीं कर रहा होता है तो मन कहीं भी केंद्रित नहीं होता है, तब भी विचार प्रक्रिया चलती रहती है।
अगर हमारे द्वारा मेहनत और अच्छे कर्म न किये जाएँ तो हमारा मन स्वतः ही अव्यवस्थित और मलिन हो जाता है। अव्यवस्थित मन शरीर पर अपना शासन चला कर हम से दुष्कर्म कराता चला जाता है और बाद में दुःख का कारण बनता है।
गीता मे अव्यवस्थित मन की तुलना बेलगाम घोड़े से की गयी हैै। मन को लगाम से बांधने के लिए ही और व्यवस्थित करने के लिये ही ध्यान किया जाता है ताकी जब हम चाहें और जहाँ भी हम चाहें मन को लगा सकें। और जिसका मन व्यवस्थित है उसे ही जीवन में सफलता और ख़ुशी मिलती हैै।
ध्यान द्वारा मन को व्यवस्थित कर के अच्छे कर्मों में लगाने से ही मन की चंचलता काम की जा सकती है। आलस्य त्याग कर मेहनत करने और सफलता का बार बार प्रयास करने से चाहे हम कितनी बार भी हारें लेकिन फिर से प्रयास करते रहने से जीत सुनिश्चित हो जायेगी ऐसा मेरा पूर्ण विश्वास है।
आशा करता हूँ के इस जवाब से आपकी मदद हुई।