मौसम अलर्ट: फिर होगी बारिश.... कड़ाके की ठंड के बीच इन राज्यों में बरपेगा भारी बारिश का कहर.... IMD ने दी चेतावनी.... 11 राज्यों में इस तारीख से हो सकती है बारिश.... बढ़ेगी ठंड.... जानें CG में कैसा रहेगा मौसम......




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रायपुर। छत्तीसगढ़ में उत्तर से हवाओं का आगमन प्रारंभ हो गया है तथा छत्तीसगढ़ में मुख्यतः आकाश साफ है। इसलिए प्रदेश में कल दिनांक 2 जनवरी को मौसम शुष्क रहने की संभावना है तथा अधिकतम तापमान में मामूली वृद्धि के साथ ही न्यूनतम तापमान में अगले 3 दिनों में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट होने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम भारत की ओर आ रहे सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में 4 जनवरी से 7 जनवरी के बीच जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अधिकांश स्थानों पर बारिश या बर्फबारी हो सकती है। एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है। इसके प्रभाव से, हम अगले 48 घंटों में इस क्षेत्र में छिटपुट वर्षा या हिमपात की उम्मीद कर रहे हैं।
4 जनवरी से, एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तर-पश्चिम भारत की ओर बढ़ेगा।इसके प्रभाव में 4-7 जनवरी तक पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र जैसे जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में ज्यादातर जगहों पर बारिश या बर्फबारी हो सकती है। यह राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ बौछारें डालेगा। वहीं पारा गिरने के भी आसार जताए जा रहे हैं। भारतीय मौसम विभाग(आईएमडी) ने कई इलाकों में बारिश की चेतावनी जारी कर दी है।अगले दो दिनों तक तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के कुछ हिस्सों में भारी बारिश जारी रहेगी।
निचले स्तरों में तमिलनाडु के तट से दूर तेज उत्तर-पूर्वी हवाएं चल रही हैं। एक चक्रवाती परिसंचरण मध्य क्षोभमंडल स्तर पर श्रीलंका तट से दूर बंगाल की दक्षिण-पश्चिम खाड़ी के ऊपर बना हुआ है। चेन्नई सहित कुछ जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होगी। आईएमडी के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में 3 जनवरी तक शीत लहर जारी रहेगी। दिल्ली में शनिवार की सुबह धुंध हुई है। दिल्ली में आज सुबह घना कोहरा छाए रहने से विजिबिलिटी कम हुई। यह पश्चिमी विक्षोभ पूर्व की ओर बढ़ेगा और इसकी तीव्रता कम होगी लेकिन वर्षा की गतिविधि पूर्वी भारत की ओर बढ़ेगी।जैसे-जैसे पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पूर्व भारत के पास आता है, तापमान बढ़ता है। इसलिए, उत्तर पश्चिम भारत में कुछ स्थानों पर हम जो शीत लहर की स्थिति का अनुभव कर रहे हैं, वह धीरे-धीरे कम हो जाएगी।