हर-हर महादेव : आज है सावन का पहला सोमवार;जानें पूजा- विधि, महत्व और सामग्री की पूरी लिस्ट…
Har Har Mahadev: Today is the first Monday of Sawan; Know the complete list of worship method, importance and material सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को है । इस दिन शिवालयों में भगवान शिव की पूजा-अर्चना, जल व दूध से अभिषेक होगा। इसके लिए शिव मंदिरों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। वहीं कांवरिए भी नदियों से जल भरकर मंदिर पहुंचेंगे। खरौद, नवागढ़ , पीथमपुर व तुर्रीधाम में इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है।




Har Har Mahadev: Today is the first Monday of Sawan; Know the complete list of worship method, importance and material
सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को है । इस दिन शिवालयों में भगवान शिव की पूजा-अर्चना, जल व दूध से अभिषेक होगा। इसके लिए शिव मंदिरों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। वहीं कांवरिए भी नदियों से जल भरकर मंदिर पहुंचेंगे। खरौद, नवागढ़ , पीथमपुर व तुर्रीधाम में इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है।
सावन सोमवार पर अंचल के शिवालयों में हर-हर महादेव और ऊं नमः शिवाय गूंजेगा। इसके लिए मंदिरों में तैयारियां पूरी हो गई है। खरौद के लक्ष्मणेश्वर मंदिर, पीथमपुर के कलेश्वरनाथ मंदिर, तुर्रीधाम के शिव मंदिर, जांजगीर के सेंधवार महादेव, चंदनियापारा स्थित शिव मंदिर में सुबह से ही श्रद्घालुओं की भीड़ उमड़ेगी इसके लिए मंदिरों में सापᆬ-सपᆬाई व रंग रोगन कर लिया गया है। नवागढ़ में किरीत, नेगुरडीह, मिसदा, केरा, धुरकोट, धाराशिव, अवरीद, बुड़ेना सहित आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
इसी तरह लक्ष्मणेश्वर मंदिर खरौद में भी सुबह से शिव भक्तों की कतार लगेगी। सोमवार को भीड़ खरौद में दिखेगी। यहां भी सुबह से शाम तक श्रद्घालुओं का तांता लगेगा। सक्ती ब्लाक के तुर्रीधाम में भी श्रद्घालु भोलेनाथ का अभिषेक करने पहुंचेंगे। तुर्रीधाम स्थित शिव मंदिर में शिव लिंग के ऊपर से हमेशा जल की धारा निकलती है, इसलिए इस गांव का नाम तुर्री पड़ा है। शिवालयों में जल चढ़ाने बड़ी संख्या में श्रद्घालु कांवर लिए बोल बम और हर-हर महादेव के जयकारा के साथ नदियों से जल भरेंगे और पैदल यात्रा कर शिवलिंग में जल चढ़ाएंगे। महानदी और हसदेव नदी के संगम स्थल देवरी (केरा) से जल भरकर श्रद्घालु नवागढ़ पहुंचेगे। इसी तरह हसदेव नदी केराझरिया चांपा से जल भरकर कांवरिए पीथमपुर और नैला गौशाला के पास सिद्घ महादेव में चढ़ाएंगे। शिवरीनारायण के महानदी से जल भरकर श्रद्घालु लक्ष्मणेश्वर मंदिर में जलाभिषेक करेंगे।
आइए जानते हें सावन के पहले सोमवार की पूजा- विधि, महत्व और सामग्री की पूरी लिस्ट…
- सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
- शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं।
- भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें।
- भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें।
- भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
- भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें।
सावन के पहले सोमवार में भगवान शिव की पूजा के लिए फूल, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री शामिल करें.