CG- ट्विटर पर पूर्व मंत्री से 'गलती से मिस्टेक': विश्व पर्यटन दिवस पर पूर्व मंत्री चंद्राकर ने नक्शा CG का डाला पर ट्वीट पर लिख गए राजस्थान.... कांग्रेस प्रवक्ता ने ली मौज.... ”छत्तीसगढ़ियों से भाजपा को इतनी नफ़रत क्यों है भाई”.... फिर जो हुआ.....

CG- ट्विटर पर पूर्व मंत्री से 'गलती से मिस्टेक': विश्व पर्यटन दिवस पर पूर्व मंत्री चंद्राकर ने नक्शा CG का डाला पर ट्वीट पर लिख गए राजस्थान.... कांग्रेस प्रवक्ता ने ली मौज.... ”छत्तीसगढ़ियों से भाजपा को इतनी नफ़रत क्यों है भाई”.... फिर जो हुआ.....

रायपुर 27 सितम्बर 2021। आज विश्व पर्यटन दिवस है। विश्व पर्यटन दिवस की दी शुभकामनाएं देते वक्त पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर से ट्विटर पर थोड़ी सी चूक हो गई। भाजपा के तेज तर्रार विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के ट्वीटर हैंडल में एक शब्द की चूक ने उन्हें कांग्रेस के निशाने पर ला दिया है। यूज़र्स तीखा तंज कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह ने भी रिट्वीट कर मौज ले ली है। अजय चंद्राकर ने खुद ही चूक देखकर ट्वीट डिलीट कर दिया और नया ट्वीट सुधार कर किया।

 


 लेकिन कांग्रेस के लिए अजय चंद्राकर की चूक “मौजा ही मौजा” का सबब बन गई। बता दें आज पर्यटन दिवस के मौके पर पूर्व मंत्री और सदन में और सदन के बाहर अपने तीखे तल्ख़ तेवर से सत्ता को हलाकान परेशान करने वाले वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर से चूक हो गई। ट्वीट के साथ उन्होंने छत्तीसगढ का नक़्शा तो पोस्ट किया पर लिखने में चूक हो गई। उन्होंने छत्तीसगढ की जगह राजस्थान लिख दिया। 

 

अजय चंद्राकर ने लिखा की विश्व पर्यटन दिवस की शुभकामनाएं।”अतिथि देवों भव:” के भाव के साथ आइए हम दुनिया भर में भारत और राजस्थान की संस्कृति प्राकृतिक सुंदरता विरासत और ऐतिहासिक वास्तुकला को बढ़ावा देने का संकल्प लें” इस चूक पर कांग्रेस ने मौज लेने में कोई कमी नहीं छोड़ी। हैश टैग में भी गो छत्तीसगढ था। दरअसल यह लिखने में हुई विशुद्ध चूक थी। पर शायद चूँकि यह अजय चंद्राकर हैं इसलिए तुरंत मुद्दा बन गया। 

 

 

कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह ने रिट्वीट कर तंज किया। कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह ने री ट्वीट करते हुए लिखा कि विश्व पर्यावरण दिवस पर छत्तीसगढ़ में 10 वर्षों तक मंत्री रहने वाले अजय चंद्राकर जी अपने राज्य के बजाय राजस्थान की कला संस्कृति को बढ़ावा देने का संकल्प ले रहे हैं! छत्तीसगढ़ियों से भाजपा को इतनी नफरत क्यों है भाई? 

 

 

ट्वीट डिलीट करने के बाद अजय चंद्राकर ने गलती सुधारते हुए फिर से एक ट्वीट किया और उसमें लिखा कि विश्व पर्यटन दिवस की शुभकामनाएं। "अतिथि देवो भव:" के भाव के साथ, आइए हम दुनिया भर में भारत और छत्तीसगढ़ की संस्कृति, प्राकृतिक सुंदरता, विरासत और ऐतिहासिक वास्तुकला को बढ़ावा देने का संकल्प लें। #WorldTourismDay 

 

 


मुख्यमंत्री ने भी दी प्रदेशवासियों को विश्व पर्यटन दिवस की शुभकामनाएं

 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 27 सितम्बर को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। सीएम बघेल ने अपने बधाई संदेश में कहा है कि छत्तीसगढ़ पर्यटन की संभावनाओं से परिपूर्ण राज्य है। जहां प्राकृतिक सौंदर्य के मनोरम स्थलों के साथ धार्मिक और पौराणिक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व के अनेक स्थल हैं। नदियां, झरने, जल प्रपात, सघन वनों से आच्छादित पर्यटन स्थल बरबस ही पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। छत्तीसगढ़ के अनेक स्थल हमारी प्राचीन पौराणिक और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े हुए हैं। राज्य सरकार का पूरा ध्यान यहां के पर्यटन को विकसित करने की ओर केंद्रित है। 

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्राचीन दंडकारण्य वन और माता कौशल्या की जन्म-स्थली हमारे गौरव हैं। इंद्रावती नदी पर चित्रकोट जलप्रपात, सिरपुर का प्रसिद्ध लक्ष्मण मंदिर और बस्तर का दशहरा पूरे देश में प्रसिद्ध है। ऐसी मान्यता है कि छत्तीसगढ़ की रामगढ़ की पहाड़ियों में महाकवि कालीदास ने मेघदूत की रचना की है। यहां सबसे प्राचीन नाट्यशाला है। बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ का पर्यटन परिदृश्य एवं सांस्कृतिक परंपरा अनोखी है। छत्तीसगढ़ के पौराणिक महत्व और उसकी खूबसूरती से देश-दुनिया का परिचय कराने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। यहां के पर्यटन केन्द्रों को विकासित किया जा रहा है। भगवान रामचंद्र अपने वनवास के दौरान प्राचीन छत्तीसगढ़ (दक्षिण कोसल) के जिन क्षेत्रों से गुजरे थे, उसे राम वनगमन पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित किया जा रहा है। कोरिया से लेकर सुकमा तक इस पर्यटन परिपथ का निर्माण किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत देश-विदेश के पर्यटकों को उच्च स्तर की सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी।  

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजिम में लगने वाले मेले को राजिम पुन्नी मेला के नाम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा से जोड़ कर नया स्वरूप दिया गया है। जल एवं साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में सतरेंगा का विकास एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसके साथ ही राज्य में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन कर छत्तीसगढ़ को विश्व पटल पर स्थापित करने का प्रयास किया गया है।