Fixed Deposit Rules: मैच्योरिटी से पहले तोड़ी 1 लाख की FD, तो बैंक इतना पैसा करेगा वापिस, लगेगा इतना जुर्माना, जानिए ब्याज और जुर्माने से जुड़े नियम...
Fixed Deposit Rules: If FD of Rs 1 lakh is broken before maturity, then the bank will return this much money, this much penalty will be charged, know the rules related to interest and penalty...




Fixed Deposit Rules :
नया भारत डेस्क : देश में सुरक्षित और सुनिश्चित रिटर्न के लिए लाखों लोग बैंक एफडी कराना पसंद करते हैं. बढ़ती ब्याज दरों के बीच बैंकों ने भी फिक्स्ड डिपॉजिट पर इंटरेस्ट रेट बढ़ा दिए हैं. चूंकि एफडी एक निश्चित अवधि 1 साल या उससे अधिक अवधि के लिए कराई जाती है लेकिन पैसों की जरूरत पड़ने पर कई ग्राहक बीच में एफडी तोड़ देते हैं. ऐसे में उन्हें कम ब्याज मिलता है, साथ ही उस पर पेनल्टी भी देनी होती है. (Fixed Deposit Rules)
अगर आपने किसी बैंक में एफडी करवाई है और उसे पूर्ण होने से पहले बंद कराना चाहते हैं तो आपको फिक्स्ड डिपॉजिट पर वह ब्याज नहीं मिलेगा, जो आपको एफडी कराने पर बताया गया था.
दरअसल बैंक प्रिमैच्योर एफडी विड्रॉल पर ब्याज में कटौती करते हैं, साथ ही मिलने वाले बाकी इंटरेस्ट पर पेनल्टी भी लगाती है. ब्याज और जुर्माने से जुड़े प्रावधानों को लेकर हर बैंक के नियम अलग-अलग हो सकते हैं.
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI के नियमों के अनुसार, मैच्योरिटी से पहले FD तुड़वाने पर ब्याज में 1% तक की कटौती कर ली जाती है, साथ ही उस पर मिलने वाले इंटरेस्ट पर पेनल्टी भी वसूली जाती है. (Fixed Deposit Rules)
अगर आप भारतीय स्टेट बैंक में 5 लाख रुपये तक की FD कराते हैं और उसे मैच्योरिटी से पहले तोड़ते हैं तो आपको 0.50% पेनल्टी देनी होती है. वहीं, यदि एफडी 5 लाख से ज्यादा और 1 करोड़ से कम है तो पेनल्टी 1% होती है.
मान लीजिए आपने 1 वर्ष की अवधि के लिए 1 लाख रुपये की एफडी करवाई, जिस पर आपको 6 फीसदी के हिसाब से ब्याज मिलेगा. अगर आपने 1 साल से पहले एफडी खत्म कर दी तो सिर्फ 5 फीसदी ब्याज मिलेगा. इसके अलावा मिलने वाले ब्याज पर 0.50% की कटौती भी पेनल्टी के तौर पर की जाएगी. इस तरह आपको दोहरा नुकसान होगा और सिर्फ 4.50 फीसदी की दर से इंटरेस्ट मिलेगा. (Fixed Deposit Rules)
चूंकि, जिंदगी में पैसों की जरूरत किसी भी वक्त पड़ सकती है इसलिए बैंकों में जमापूंजी को इमरजेंसी में निकालना पड़ता है. लेकिन इस दौरान ब्याज से जुड़े नुकसान से बचने के लिए ग्राहक 2 तरीके अपना सकते हैं. पहला यह कि एक साथ पूरे पैसे की एफडी नहीं कराएं और छोटी-छोटी रकम के कई फिक्स्ड डिपॉजिट करा लें या फिर कम अवधि की एफडी कराएं. (Fixed Deposit Rules)