CG- शिक्षा का महाकुंभ कल से: शैक्षिक समागम में शामिल होंगी ख्याति प्राप्त हस्तियां.... शिक्षा के नए अध्याय की लिखी जाएगी पटकथा.... शिक्षाविदों व बुद्धिजीवियों का होगा जमावड़ा… गुलजार होगा छत्तीसगढ़.....

CG- शिक्षा का महाकुंभ कल से: शैक्षिक समागम में शामिल होंगी ख्याति प्राप्त हस्तियां.... शिक्षा के नए अध्याय की लिखी जाएगी पटकथा.... शिक्षाविदों व बुद्धिजीवियों का होगा जमावड़ा… गुलजार होगा छत्तीसगढ़.....

रायपुर 14 नवम्बर 2021। पं. जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शिक्षा समागम 14 और 15 नवम्बर को साइंस कॉलेज मैदान रायपुर के ऑडिटोरियम में होगा। छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित पं. जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शिक्षा समागम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अतिथि होंगे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि नोबेल पुरस्कार विजेता श्री अभिजीत बनर्जी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सलमान खुर्शीद और श्री अजय माकन होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम करेंगे। इस समागम में छत्तीसगढ़ के अलावा देश के अनेक राज्यों के शिक्षाविद् एवं नवाचारी शिक्षक शामिल होंगे, जो अपने राज्य में संचालित नवाचारी गतिविधियों से परिचित कराएंगे। रायपुर के पं. दीनदयाल उपाध्य्याय ऑडिटोरियम में होने वाले राष्ट्रीय शैक्षणिक कुंभ “जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शिक्षा समागम 2021” के आयोजन को लेकर डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, स्कूल शिक्षा मंत्री, छ.ग. शासन द्वारा शंकर नगर स्थित SCERT भवन में प्रेस वार्ता आयोजित की गई। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कार्यक्रम की संपूर्ण रूपरेखा का विवरण करते हुए इस समागम में आमंत्रित भारत के प्रमुख शिक्षाशास्त्रियों का परिचय देते हुए अन्य राज्यों से आने वाले नवाचारी शिक्षको व छत्तीसगढ़ के शिक्षको द्वारा किये गए नवाचारी प्रयासों का प्रदर्शन स्टॉल के माध्यम से किया जाना बताया गया।सरकार द्वारा शिक्षा के स्तर को उठाने व शिक्षा उन्मुखीकरण हेतु किए जा रहे सरकारी प्रयासो व उनके परिणामस्वरूप मिले सफलता को भी बताया गया। 

कोरोनाकाल में शिक्षा की निरंतरता हेतु विभिन्न नवाचारी गतिविधियां पढ़ई तुंहर दुआर योजनांतर्गत संचालित की गई और छत्तीसगढ़ को देश में एक नई पहचान मिली। शिक्षा मंत्री ने बताया कि स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय से सरकार उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान कर रही हैं जो राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बच्चों के भविष्य निर्माण कर रही हैं। राष्ट्रीय स्तर के इस समागम में विभिन्न राज्यो से नवाचारी शिक्षकों का आगमन हो रहा है, जिनके नवाचारी गतिविधियों व शिक्षाशास्त्रियों के नवीन विचारो का साझाकरण पढ़ई तुंहर दुआर वेब साइट, फेसबुक लाईव, यूट्यूब लाइव द्वारा सीधा प्रसारण कर किया जाएगा। समागम के पहले दिन मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, विशिष्ट अतिथि नोबेल पुरस्कार विजेता श्री अभिजीत बनर्जी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सलमान खुर्शीद, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री विनोद वर्मा, ग्लोबल अलांइस फॉर मॉस एंटरप्रेन्योरशिप के को-फाउंडर श्री मेकिन माहेश्वरी, नेशनल लीडर एजुकेशन एंड स्किल्स के श्री नारायण रामास्वामी शिरकत करेंगे। दूसरे दिन 15 नवम्बर को अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर इंदु प्रसाद, प्रेसिडेंट एंड चीफ एग्जीक्यूटिव सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च यामिनी अय्यर, प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन की सीईओ रुक्मिणी बेनर्जी, लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन के फाउंडर डॉ. धीर जिहिनगरन और नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री बिराज पटनायक व प्रो. ऋषिकेश बी. एस. एजुकेशन लॉ एण्ड पॉलिसी अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी उपस्थित होंगे।

 

 

समागम में नवाचारी गतिविधियों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी जिसको अतिथियों के द्वारा राज्य के अलावा विभिन्न राज्यों के नई नई शैक्षिक पद्धतियों, नवाचारी गतिविधियों जो छात्रों को जल्दी सीखने और समझने में मददगार होती है, उसका अवलोकन करेंगे एवं देश के विभिन्न राज्यों से आये शिक्षाविद और शिक्षक समझकर अपने अपने राज्य के शैक्षिक गतिविधियों में शामिल कर अध्यापन कराएंगे जिससे छात्रों को नई-नई नवाचारी गतिविधियों में माध्यम से सीखने और समझने में काफी मदद मिलेगी। इस दो दिवसीय समागम में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से देश व राज्य के प्रमुख बुद्धिजीवी, शिक्षाविद् शामिल होंगे, जिसमें 2019 में अर्थशास्त्र विषय में नोबल पुरस्कार विजेता श्री अभिजीत बनर्जी अपने विचारों को लेकर शिरकत करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा समागम में छत्तीसगढ़ की शैक्षणिक उपलब्धि, नवाचारी प्रयास, कोरोना के समय में भी शिक्षा की निरंतरता को बनाए रखने हेतु किए गए अद्वितीय और अथक प्रयास को प्रदर्शनी, प्रस्तुतिकरण, संकलन के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। इस राष्ट्रीय शिक्षा कुंभ में देश के विभिन्न राज्यों से आए शिक्षकों को अपने विचार और नवाचारी गतिविधियों को प्रदर्शित करने का अवसर भी मिलेगा, जहाँ विभिन्न राज्यों की परंपरा, संस्कृति, भाषा, बोली का भी समागम होगा।

कोरोनाकाल में जहाँ सांसे रुक रही थी, विश्व व देश थम गया था, वहीं छत्तीसगढ़ में चलायमान रही तो शिक्षा जैसे-पढ़ई तुंहर दुआर योजना ने संजीवनी प्रदान की और विभिन्न माध्यमों से (ऑनलाइन क्लास, मोहल्ला कक्षा, बुल्टू के बोल, पेटी वाली दीदी, छतरी वाले गुरूजी) पढ़ाई जारी रही। ‘स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल’ ने गरीब व असमर्थ पालकांे और बालकों का जीवन ही बदल दिया है, जहाँ अंग्रेजी माध्यम से उच्च स्तरीय निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही हैं। ‘महतारी दुलार योजना’ ने कोरोनाकाल में खोए हुए अपनो के दर्द पर मरहम लगाया और शिक्षा से वंचित होने के भय के पहले ही सरकार ने उनके आंसू पोछने का काम किया है,जहां प्रतिमाह बच्चो को छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है और उनका प्रवेश किसी भी स्कूल में कराने पर शिक्षा का सभी खर्च छत्तीसगढ़ सरकार वहन कर रही है। इस राष्ट्रीय शिक्षा समागम का उद्देश्य शिक्षा का उन्मुखीकरण कर शिक्षकों को नए विचारों और नवाचार से जोड़ना है, साथ ही छत्तीसगढ़ में किए जा रहे शैक्षणिक कार्याे का राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन व अन्य राज्यों के शिक्षकों के नवीन विचारों को अपनाकर शैक्षणिक स्तर को उन्नत व अधिक प्रभावी बनाना है।