आदिवासी श्रमिक की मौत मां के बाद 3 मासूम के सर से उठा पिता का भी साया

आदिवासी श्रमिक की मौत मां के बाद 3 मासूम के सर से उठा पिता का भी साया
आदिवासी श्रमिक की मौत मां के बाद 3 मासूम के सर से उठा पिता का भी साया

रायपुर

औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा की फार्च्यून फेक्ट्री में काम करने वाले आदिवासी श्रमिक महेश कोल उम्र 40 साल की मृत्यु हो गई....मृत्यु का कारण तो अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन आदिवासी श्रमिक की मृत्यु से उसके तीन मासूम बच्चों के सर से मां के बाद पिता का साया भी उठ गया है....मृतक के बच्चो से जब न्यूज नया भारत ने मोबाइल से संपर्क किया तो उन्होंने बताया की सालभर पहले उनकी मां का निधन हो गया था पापा फेक्ट्री में मजदूरी कर घर का खर्च चलाते थे....कुछ दिन पहले मां की बरसी मनाने घर आए थे ठेकेदार के पास पैसा रुका था ठेकेदार से कुछ दिन पहले बात हुई तो बोले ठेकेदार बुलाया है पुराना पैसा देगा वहीं काम करूंगा और पापा चले गए....मृतक छत्तीसगढ़ के गौरेला जिले का निवासी था मृतक के बड़े भाई से संपर्क करने पर उन्होंने बताया की कंपनी 50 हजार रुपए और गांव तक शव भेजने वाहन की व्यवस्था कर रवाना की है...पिता की मृत्यु के बाद बेसहारा हुए तीन मासूम आदिवासियों का क्या पचास हजार में जीवन चल जायेगा क्या सरकार या फेक्ट्री प्रबंधन उस परिवार के बच्चो को सहारा देंगे।