बुज़ुर्ग पक्षकार से फ़ीस नहीं लिया बल्कि धोती कुर्ता देकर सम्मान किया, रुपए-पैसे की वज़ह से कोई न्याय से वंचित ना हो
Did not take fee from the elderly party but respected by giving dhoti kurta




रायपुर,छत्तीसगढ़ । दिनांक 7 अक्टूबर 2022।ग़्राम उड़नताल बिलासपुर निवासी बुजुर्ग प्यारेलाल डहरिया अपने बेटे क़े सुनील डहरिया को छुड़ाने के लिए आज जिला एवं सत्र न्यायालय रायपुर पहुंचे थे । बुजुर्ग प्यारेलाल का आरोप हैं की रेल्वे सुरक्षा बल पोस्ट भाटापारा के द्वारा उनके बेटे को संदेह के आधार पर घर से गिरफ़्तार क़िया जब वह खेत से निंदाई का काम ख़त्म क़र घर मेन सो रहा था ।
रेलवे बल के झूठे मामला बना देने के कारण उसका बेटा जेल में हैं जबकि वह खेती किसानी और राज मिस्त्री का क़ाम करता हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता भगवानू नायक, अधिवक्ता विवेक तनवानी ने आरोपी सुनील डहरिया की ओर से माननीय ज़िला एवं सत्र न्यायालय के समक्ष धारा 439 सीआरपीसी का ज़मानत आवेदन प्रस्तुत किया है और आगामी दिनांक 11 अक्टूबर को मामले की पैरवी करेंगे।
इस दौरान बुज़ुर्ग प्यारेलाल की माली हालत को देखते हुए अधिवक्ता ने अपना फीस नहीं लिया बल्कि बुज़ुर्ग पक्षकार को ग़ोल बाज़ार से नया धोती कुर्ता और गमछा देक़र सम्मान किया । इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता भगवानू नायक ने कहा रुपए-पैसे के कारण कोई भी व्यक्ति न्याय से वंचित नहीं होना चाहिए, समाज के अंतिम छोर के अंतिम व्यक्ति को न्याय मिले इसके लिए सिर्फ़ सरकार ही नहीं प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है। देश और समाज की सेवा करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम वकालत का पेशा हैं। इस दौरान विशेष रूप से अधिवक्ता उर्वशी घोष भी उपस्थित थी।