Dairy Farming: इन नस्लों की गाय पालन से अमीर बन सकते हैं किसान, जानिए देसी गाय की 5 उन्नत नस्लों को....
Dairy Farming: Farmers can become rich by rearing cows of these breeds, know about 5 advanced breeds of desi cow.... Dairy Farming: इन नस्लों की गाय पालन से अमीर बन सकते हैं किसान, जानिए देसी गाय की 5 उन्नत नस्लों को....




Dairy Farming :
नया भारत डेस्क : भारत के गावों में पशुपालन का व्यवसाय एक अच्छी आमदनी का जरिया है. यहां के किसान गाय, भैंस और बकरी पालन से बढ़िया मुनाफा हासिल करते हैं. गाय पालन से दो प्रकार से पैसा कमाया जा सकता है। पहला- गाय का दूध और उससे बने उत्पाद जैसे घी, दही, छाछ, पनीर आदि बेचकर अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। दूसरा- गाय के गोबर और गौमूत्र को जैविक खाद बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे किसानों का रायायनिक खाद पर होने वाला खर्च बचेगा जो एक तरह से आपके लिए इनकम ही होगी। इस तरह किसान भाई गाय पालकर उसके दूध, गोबर और गोमूत्र से काफी अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं। अब प्रश्न उठता है कि गाय पालन के लिए किस नस्ल का चयन किया जाए ताकि अधिक मुनाफा मिल सके। तो आज हम आपको गाय की उन चुनिंदा 5 नस्लों के बारे की जानकारी दे रहे हैं, जो आपकी इनकम को बढ़ा सकती हैं। तो आइए जानतें हैं इन 5 नस्लों की खासियत, दूध देने की क्षमता और कीमत की पूरी जानकारी। (Dairy Farming)
1. गिर गाय (Gyr Cattle) :
यह गाय भारतीय मूल की देसी नस्ल की गाय है। गिर गाय की एक ऐसी खास नस्ल है जो अधिक दूध देने के लिए जानी जाती है। इस नस्ल का मूल स्थान गुजरात के दक्षिण काठियावाड़ के गिर जंगलों को माना जाता है। इसी कारण से इस गाय का नाम गिर पड़ा है। इसे कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे- गुजराती, काठियावाड़ी, सूरती, सोरठी, देसन आदि। इस नस्ल की गाय का शरीर लाल रंग का होता है। इसके शरीर पर गहरे लाल या चॉकलेटी रंग के धब्बे पाए जाते हैं। ये आकार में अन्य देसी गायों की तुलना में बड़ी होती है। इस नस्ल की गाय के कान लम्बे एवं नीचे की तरफ लटके होते हैं। यह गाय विभिन्न जलवायु एवं गर्म क्षेत्रों में भी आसानी से रह सकती है। (Dairy Farming)
गिर गाय की कीमत और दूध की मात्रा :
ये गाय ब्यात में 1200 से 1800 किलोग्राम तक दूध देती है। यदि प्रतिदिन दूध की मात्रा देखी जाए तो ये गाय प्रतिदिन 12 लीटर से अधिक दूध देती है। इसकी भारतीय बाजार में कीमत 20 हजार से लेकर 25 हजार रुपए तक होती है। बता दें कि गिर गाय की कीमत दूध देने की क्षमता, गाय की उम्र और उसके स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। (Dairy Farming)
2. साहीवाल गाय (Sahiwal Cattle) :
साहीवाल नस्ल की गाय भी देसी नस्ल की गाय है। इसका मूल उद्गम पाकिस्तान माना जाता है, लेकिन ये भारत में काफी पाली जाती है। ये भी अच्छी दूध उत्पादन क्षमता के लिए पहचानी जाती है। इसका शरीर गहरा, चमड़ी ढीली होती है इसका सिर और सींग छोटे होते हैं। इसका शरीर लंबा और गठिला होता है। इसका रंग लाल और गहरे भूरे रंग का होता है। इस गाय की सबसे बड़ी खासियत ये है इन गायों में गर्मी सहने की अच्छी क्षमता होती है और ये स्वभाव से भी अच्छी होती है। इसलिए साहीवाल गाय का पालन कम लागत पर किया जा सकता है। (Dairy Farming)
साहीवाल गाय की कीमत और दूध की मात्रा
साहीवाल गाय से 10 से 16 लीटर तक दूध प्राप्त किया जा सकता है। यह अपने एक दुग्धकाल के दौरान औसतन करीब 2227 लीटर दूध दे सकती है। इसके दूध में वसा की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। अब इसकी कीमत की बात करें तो साहीवाल गाय की कीमत करीब 70 से 75 हजार रुपय से शुरू होती है। गाय की कीमत उसके दूध की मात्रा और स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। (Dairy Farming)
3. लाल सिंधी गाय (Red Sindhi Cattle) :
इस गाय के शरीर का रंग गहरा लाला होता है। इसकी ऊंचाई मध्यम होती है। इसका सिर चौड़ा और मोटे सींग होते हैं। इसकी पूंछ लंबी होती है और टांगे छोटी होती है। इसकी त्वचा ढीली होती है। यह नस्ल सभी प्रकार की जलवायु और मौसम को सहन करने की क्षमता रखती है। इस नस्ल की खास बात ये हैं कि इस नस्ल को बीमारी कम लगती है। इस गाय का लाल नाम सिंधी इसलिए है कि इस नस्ल की गाय का जिला पहले सिंध था जो अब पाकिस्तान में है। इस गाय को कई और नामों से भी जाना जाता है जैसे- रेड कराची, सिंधी और माही इसके अन्य नाम हैं। (Dairy Farming)
लाल सिंधी गाय की कीमत और दूध की मात्रा :
यह गाय प्रति ब्यांत में औसतन 1600 लीटर दूध देती है। दूध में 5.0 प्रतिशत वसा की मात्रा होती है। इसकी नस्ल की गाय की कीमत 15 हजार से लेकर 80 हजार रुपए तक होती है। इसकी कीमत इसके दूध देने की क्षमता और स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। (Dairy Farming)
4. कांकरेज गाय (Kankrej Cattle) :
गाय की कांकरेज नस्ल गुजरात के बनासकांठा जिले की नस्ल है। यह गाय आकार में बड़ी होती है। इसके सींग लंबे होते हैं। इसका चेहरा छोटा और नाक थोड़ा ऊपर उठा हुआ है। इसके कान बड़े और लटके हुए होते हैं। कांकरेज गाय हलके भूरे से लेकर सलेटी के रंग में पाए जाते हैं। इनके शरीर के बाल छोटे और मुलायम होते है। इस नस्ल की सबसे बड़ी खासियत ये हैं कि इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है। यह उच्च तापमान को आसानी से सहन कर लेती है। (Dairy Farming)
कांकरेज गाय की कीमत और दूध की मात्रा :
कांकरेज गाय की दूध देने की क्षमता भी अच्छी होती है। इस नस्ल की गाय प्रतिदिन 8 से 10 लीटर तक होती है। ये साल भर में 1750 लीटर तक दूध दे सकती है। इस नसल की गाय एक ब्यांत में औसतन 1800 किलो दूध देती है। इसके दूध में 4.8% वसा की मात्रा होती है। ये गाय अपने एक दुग्ध काल में औसतन 1738 किलोग्राम और अधिकतम 1800 किलो दूध दे सकती है। कांकरेज गाय की बाजार में कीमत एक लाख रुपए के आसपास होती है। (Dairy Farming)
5. थारपारकर गाय (Tharparkar Cattle) :
थारपारकर नस्ल को सर्वश्रेष्ठ भारतीय गायों की नस्लों के रूप में पहचाना जाता है। इस नस्ल की गाय का रंग सफेद या धूसर होता है। इसकी पीठ के ऊपर हल्के सलेटी रंग की धारियां होती हैं। इसका सिर मध्यम आकार का और माथा चौड़ा होता है। इसके मोटे और मध्यम आकार के होते हैं। इसके कान चौड़े होते हैं। इसकी पूंछ पतली और लंबी होती है। ये गाय मुख्यत: राजस्थान के जोधपुर और जैसलमेर में पाई जाती है। इस गाय का उत्पत्ति स्थान बाडमेर का मालाणी क्षेत्र माना जाता है। इसलिए इसे यहां मालाणी नस्ल के नाम से भी जाना जाता है। (Dairy Farming)