छत्तीसगढ़ के इस गांव में घर में घुस रहे मगरमच्छ, खिलौनों की तरह इनसे खेल रहे है बच्चे....

कोटमीसोनार में सैकड़ों सालों से गांव वाले मगरमच्छ के साथ रहते हैं। बारिश के दिनों में मगरमच्छ के बच्चे गांव की गलियों में ये विचरण करते रहते हैं, लेकिन ऐसे मगरमच्छों को लोग पहले तो अपने घरों में खिलौने की तरह रखते हैं फिर इसे पार्क में छोड़ देते हैं।

छत्तीसगढ़ के इस गांव में घर में घुस रहे मगरमच्छ, खिलौनों की तरह इनसे खेल रहे है बच्चे....
छत्तीसगढ़ के इस गांव में घर में घुस रहे मगरमच्छ, खिलौनों की तरह इनसे खेल रहे है बच्चे....

जांजगीर चांपा। देश के दूसरे नंबर के सबसे बड़े क्रोकोडायल पार्क कोटमीसोनार में पल रहे मगरमच्छ के अंडे बादल के गरजते ही अब फूटने लगे हैं। इसकी वजह से हर वर्ष की तरह इस बार भी मगरमच्छों के बच्चे गांव की गलियों में या लोगों की घरों में घुसने लगे हैं। 

कोटमीसोनार में सैकड़ों सालों से गांव वाले मगरमच्छ के साथ रहते हैं। बारिश के दिनों में मगरमच्छ के बच्चे गांव की गलियों में ये विचरण करते रहते हैं, लेकिन ऐसे मगरमच्छों को लोग पहले तो अपने घरों में खिलौने की तरह रखते हैं फिर इसे पार्क में छोड़ देते हैं।

रविवार को जगात तालाब किनारे निवासरत बिज्जु प्रजापति की बाड़ी में एक छोटा मगरमच्छ का बच्चा मिला। जिसे देखकर बच्चों की भीड़ लग गई ऋषभ प्रजापति मगरमच्छ के बच्चे को पकड़कर अपने परिजन के साथ क्रोकोडायल पार्क में छोड़ा।