आज के गलत राजनीति, मीडिया और धर्म की आधी-अधूरी खिचड़ी पकाना देश और देश की जनता के कल्याण के लिए उचित नहीं है।
Cooking half-baked khichdi of today's wrong politics,




NBL, 15/06/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. Cooking half-baked khichdi of today's wrong politics, media and religion is not proper for the welfare of the country and the people of the country.
आज देश देख रहा है, देश के गंदी राजनीति को और अधर्म से लदे हुए धर्म को और देश के अधूरे ज्ञान में लिप्त मीडिया को जो आज जन हित कल्याण को न देखते हुए, राजीनीति और धर्म को अपने न्युज के फायदे के लिए दो पक्षों को अपने प्लेट फार्म मे बैठा कर इस देश में नफरतो का बीज बो रहे है, पढ़े विस्तार से...
वही आज राजनीति अपने निजी स्वार्थ के लिए देश के धर्म और देश के व्यवसाय को गहरी चोट दे रहे हैं, और अपने राजनीतिक व्यवसाय को उबारने में लगा हुआ है, ताकि हम कैसे सत्ता को प्राप्त कर इन धर्म और मीडिया के आड़ लेकर देश के लोगों को भूलभुलैईया में डाल कर और अपनी गंदी राजनीति को पब्लिक जान न सके, भले ही देश जायें गड्डा में और देश के लोग जायें जहरनुम मे। आज ही वर्तमान में आप देश वासी देख रहे हो एक राजनीतिक नेता को बचाने के लिए पूरे देश के छोटे व बड़े नेता अपने पार्टी के नेता के पास गये हुए हैं दिल्ली मे। सरकारी संस्थाओ को संदेह है कही ये नेता देश मे भ्रष्टाचार व घोटाले मे तो शामिल नहीं होंगे जिससे देश को नुकशान हुआ हों, अब इस पूछताछ का नाम दे रहे हैं राजनीतक द्वैस और उस सरकारी संस्था को वर्तमान सरकार की कठपुतली बता रहे हैं और उनके गरिमा को आघात पहुचा रहे हैं, जब आपसे गलती हुआ ही नहीं है, तो इस जाँच एजेसीयो से किस बात का डर है आपको, इस प्रकार के आपके राजनीती करना व देश के अन्य नेताओ को अपने पास बुलाना क्या ये अच्छी संदेश है देश के लिए जो आप कर रहे हैं, क्या आपको इस देश का जन समर्थन मिल पाऐगा या उल्टा आपको राजनीतक नुकशान होगा इस पर विचार जरूर करें। मै इस लेख मे राजनितीक नेताओ का नाम नहीं लिख रहा हूँ क्योकी देश के लोग समझदार है आप लोग सब जान गए होंगे।
वही आज धर्म का हाल है, धर्म के ठेकेदार का कुछ अपना धर्म नहीं होता है, और धर्म ने ये कहा वो कहा और अपने धर्म को बचाने के लिए मरमिट जाओ ऐसा अनाप शनाप ज्ञान अपने धर्म के लोगों को दे रहे है, इसी धर्म ज्ञान मे भटकर लोग अपने ही नुकशान करवा रहे हैं, क्या अपने धर्म के लोगों का नुकशान को रोकना धर्म नहीं है, चंद पुस्तकिय ज्ञान को लेकर आप धर्म के इस अध्याय मे ये लिखा वो लिखा करके बड़े ज्ञानि बनते हो, जबकि हर ज्ञान व धर्म मे सुरक्षा व सुरक्षित जीवन जीने का ज्ञान लिखा रहता है, उस ज्ञान को अपने लोगों को क्यो नही बताते, जो उन्हें नुकशान होने से बचा सके। हिंसा को ही इनके हथियार क्यो बना देते हो, सुधार की ओर क्यो नहीं जाते, यानि की आप धर्म के आड़ लेकर व्यापार चला रहे हैं, कही न कही से आपके भड़काऊ भाषण व हिंसा फैलाने के एवज मे आप धन कमा रहे हो, धर्म को बेचकर, इस बात को धर्म के मानने वाले लोगों को समझने की जरूरत है, कही ये धर्म ज्ञानि हमे बलि का बकरा तो नहीं बना रहे हैं, और जिस दिन आप लोग इनके चाल समझ गये, उसी दिन आप सुरक्षित है। अपने विवेक का इश्तेमाल करें और अपने धर्म के विवेक हिन व्यक्ति को भी बचायें।