CG कांग्रेस पदाधिकारियों ने की पिटाई VIDEO: आपस में भिड़े युवा कांग्रेस के नेता.... प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में नेता की पिटाई.... धक्के मारकर सर्किट हाउस से निकाला बाहर.... वहीं पत्रकारों के सवालों से मंत्रीजी के छूटे पसीने.... देखें VIDEO......

CG कांग्रेस पदाधिकारियों ने की पिटाई VIDEO: आपस में भिड़े युवा कांग्रेस के नेता.... प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में नेता की पिटाई.... धक्के मारकर सर्किट हाउस से निकाला बाहर.... वहीं पत्रकारों के सवालों से मंत्रीजी के छूटे पसीने.... देखें VIDEO......

डेस्क। सरगुजा जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट में बच्चों की मौत के मामले ने ऐसा तूल पकड़ा कि एक तरफ तो स्वास्थ मंत्री को अपने दिल्ली के कार्यक्रम को रद्द कर विशेष विमान से अम्बिकापुर पहुंचना पड़ा। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री औऱ सरगुजा के साथ बलरामपुर जिले के प्रभारी मंत्री शिव डहरिया को अपने सभी काम काज छोड़कर सडक मार्ग से ही अम्बिकापुर पहुंचना पड़ा। वहीं सरगुजा में प्रभारी मंत्री शिव डहरिया की मौजूदगी में युवा कांग्रेस के पदाधिकारी आपस में भिड़ गए। 

युवा कांग्रेस पदाधिकारियों ने प्रदेश मीडिया सह प्रभारी आदर्श बंसल की पिटाई कर दी। तुम भाजपाई हो कहते हुए बसंल को धक्के मारकर सर्किट हाउस से बाहर निकाल दिया गया। पिटाई के वक्त सर्किट हाउस के अंदर प्रभारी मंत्री और अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी मौजूद थे। मामले की जानकारी लगते ही कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने बाहर निकलकर आनन-फानन में मामले को शांत कराया। आदर्श बंसल के पिता मुरारी लाल बंसल भारतीय जनता पार्टी में वरिष्ठ नेता है। आदर्श बंसल का कहना है कि उनके साथ कांग्रेस के कुछ लोगों ने यह बोलकर विवाद किया कि तुम भाजपाई हो।

वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है आदर्श बंसल को रूम से कांग्रेसी पदाधिकारी निकल रहे हैं। पूरे मामले को जिला अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने शांत कराया। तब जाकर मामला शांत हुआ। वहीं प्रेस कांफ्रेस में मंत्री शिव डहरिया के माथे से उस वक्त पसीने छूटने लगे जब पत्रकारों ने उनसे बलरामपुर जिले में विशेष पण्डो जनजाति के लोगों की मौत के मामले में एक सवाल पूछा गया। पण्डो जनजाति की मौत के मामले में पहले तो पत्रकारों ने मंत्री जी से पूछा कि आप उनकी मौत के मामले में तो एक बार भी बलरामपुर नहीं गए। तो उनका जवाब था कि हर जगह जाना संभव नहीं है। 

वहां पर पूरा प्रशासनिक अमला लगा है, और उस मामले में हमने कलेक्टर तक को हटा दिया है। कुल मिलाकर अपनी सरकार की संवेदनशीलता जाहिर कर मंत्री जी दूसरे सवाल की प्रतिक्षा में थे। इतने में ही पत्रकारों की तरफ से जो सवाल आए उससे मंत्री जी माथे का पसीना पोंछने के अलावा कुछ नहीं कर पाए। क्योंकि मंत्री जी से ये सवाल पूछा गया था कि आप बलरामपुर जिले के भी तो प्रभारी मंत्री हैं। तो उस गांव का नाम ही बता दीजिए, जहां पण्डो जनजाति के लोगों की मौत हुई है।