मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बाबा जयगुरुदेव के वार्षिक भंडारा कार्यक्रम में पहुंच कर लिया बाबा उमाकान्त महाराज से आशीर्वाद...




मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बाबा जयगुरुदेव के वार्षिक भंडारा कार्यक्रम में पहुंच कर लिया बाबा उमाकान्त महाराज से आशीर्वाद
महाराज के आशीर्वाद से विधायक से मुख्यमंत्री बनने की यात्रा को याद करते हुए मांगी आगे के लिए भी कृपा
उज्जैन : बाबा जयगुरुदेव के 12वें में वार्षिक भंडारा कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मक्सी रोड स्थित बाबा उमाकांत जी महाराज के आश्रम पर पहुंचकर वक़्त के पूरे समर्थ सन्त सतगुरु बाबा उमाकान्त महाराज से आशीर्वाद लिया।
ये गुरु महाराज के भंडारा कार्यक्रमों में बराबर आते रहे हैं, और प्रसाद लेते रहे हैं। अतीत को याद करते हुए महाराज जी ने बताया कि जब मक्सी रोड स्थित आश्रम बन रहा था और बाबा जयगुरुदेव का भंडारा कार्यक्रम था तब ये विधायक थे, बराबर बाबा जयगुरुदेव जी के भंडारा कार्यक्रम में आते रहने और प्रसाद लेने का इनको फल मिला।
उससे यह शिक्षा मंत्री बने। पिछले भंडारा पर्व पर इन्होंने बताया कि ये भोपाल में जरूरी काम छोड़कर भाग कर भंडारा कार्यक्रम में आये थे और प्रसाद लेकर के गए। और ऐसी दया गुरु महाराज की इन पर हुई की यह मुख्यमंत्री बन गए। ये प्रेमी है, धार्मिक है, शाकाहारी है, नशा मुक्त हैं। ऐसे व्यक्ति के हाथ में प्रदेश की बागडोर आई है। यह कुछ करके दिखाएंगे, उस शक्ति के लिए हम भी गुरु महाराज से प्रार्थना करेंगे।
मुख्यमंत्री ने किया आभार व्यक्त
मुख्यमंत्री ने महाराज के सतसंग में आये हुए लाखों श्रद्धालुओं के जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि इस सिंहस्थ की नगरी में 12 साल के बाद कुम्भ भरता है लेकिन आप प्रेमी तो हर साल कुम्भ भर देते हो। मैं आप सब को प्रणाम करता हूँ। किसी भी नगर का मान सम्मान उसके भौतिक विकास से नहीं बल्कि पवित्र आत्माओं की उपस्थिति से होती है।
इतनी पवित्र आत्माओं, भक्तों को पूज्य महाराज जी ने उज्जैन बुलाया, मैं धन्य हो गया, सरकार धन्य हो गयी। मैं आप सबको सरकार की तरफ से प्रणाम करता हूँ। महाराज जी के शाकाहारी नशामुक्ति अभियान से प्रेरणा लेते हुए सरकार के कदमों को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने बताया कि सरकार ने खुले में मांस के विक्रय को प्रतिबंधित किया है।
पाठ्यक्रम में अच्छे शिक्षाप्रद धार्मिक प्रसंग भी जोड़े गए हैं। बिना किसी भेदभाव, जाति पाती पूछे, सबको समान मानते हुए आश्रम के भोजन भंडारों में सबको प्रेम से भोजन खिलाये जाने की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने महाराज द्वारा सबको मानवता के संस्कार देने के लिए पुनः प्रणाम किया। महाराज जी के आशीर्वाद से विधायक से मुख्यमंत्री बनने की यात्रा को याद करते हुए भविष्य में भी महाराज जी से कृपा, आशीर्वाद की करबद्ध याचना करते हुए जयगुरुदेव के उद्बोधन से समापन किया।