PHOTO तीजा-पोला की तैयारी : मुख्यमंत्री निवास में शुरू हुई तीजा-पोला की तैयारी…CM बघेल बोले- श्रीमती जी ने ठेठरी, खुरमी और चूरमा जैसे पारंपरिक पकवान कर रही तैयार…CM ने गृह मंत्री शाह को दिया नेवता,देखे फ़ोटो…

Chhattisgarh Preparations for Teeja-Pola: Preparations for Teeja-Pola started at the Chief Minister's residence छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्योहार तीजा-पोला करीब है महिलाएं तीजा का उपवास करती हैं। मायके जाती हैं।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल तैयार कर रही हैं प्रदेश में सबसे अधिक पसंद किए जाने वाला व्यंजन खुरमी।

PHOTO तीजा-पोला की तैयारी : मुख्यमंत्री निवास में शुरू हुई तीजा-पोला की तैयारी…CM बघेल बोले- श्रीमती जी ने ठेठरी, खुरमी और चूरमा जैसे पारंपरिक पकवान कर रही तैयार…CM ने गृह मंत्री शाह को दिया नेवता,देखे फ़ोटो…
PHOTO तीजा-पोला की तैयारी : मुख्यमंत्री निवास में शुरू हुई तीजा-पोला की तैयारी…CM बघेल बोले- श्रीमती जी ने ठेठरी, खुरमी और चूरमा जैसे पारंपरिक पकवान कर रही तैयार…CM ने गृह मंत्री शाह को दिया नेवता,देखे फ़ोटो…

Chhattisgarh Preparations for Teeja-Pola: Preparations for Teeja-Pola started at the Chief Minister's residence

नया भारत डेस्क : छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्योहार तीजा-पोला करीब है महिलाएं तीजा का उपवास करती हैं। मायके जाती हैं।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल तैयार कर रही हैं प्रदेश में सबसे अधिक पसंद किए जाने वाला व्यंजन खुरमी। इसे शक्कर पारे के तौर पर भी देशभर में जाना जाता है। मैदे से तैयार होने वाले कुरकुरे स्नैक्स फ्लेवर हल्के मीठे होते हैं। खुद मुख्यमंत्री ने पत्नी की किचन में काम करते हुए तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की हैं।

 

 

पत्नी के लिए बोले बघेल मुख्यमंत्री ने अपनी पोस्ट में लिखा - तीजा-पोला की तैयारी। श्रीमती जी ने ठेठरी, खुरमी और चूरमा जैसे पारंपरिक पकवान तैयार कर दिए हैं। शादी के बाद से ही मैंने उन्हें हर तीज त्योहार पर इतनी ही लगन से पकवान अपने हाथों से बनाते देखा है। इस लोक पर्व पर घरों में ठेठरी, खुरमी, चौसेला, खीर, पूड़ी, बरा, मुरकू, भजिया, मूठिया, गुजिया, तसमई जैसे कई छत्तीसगढ़ी पकवान बनाए जाते हैं। इन पकवानों को सबसे पहले बैलों की पूजा कर भोग लगाया जाता है। इसके बाद घर के सदस्य प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।

 

 

 

छत्तीसगढ़ी में इस त्यौहार को पोरा या पोला कहा जाता है। इस दिन से महिलाओं को तीज के लिए मायके आने के लिए लिवाने जाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। बच्चे मिट्‌टी नांदिया-बैल व पोरा-चक्की से खेलने में मगन हो जाते हैं। राजधानी रायपुर में कई स्थानों पर बैल दौड़ का आयोजन किया जा जाता है।

पोला प्रमुखत: किसान भाइयों का ही त्योहार है। बेटियों को तीज का त्योहार मनाने के लिए ससुराल से मायके लाने का सिलसिला पोला के दिन से शुरू हो जाता है। पिता या भाई जब ससुराल पहुंचते हैं तो तीजहारिनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहता। दरअसल वे मायके आकर पोला के तीन दिन बाद पति के दीर्घायु के लिए तीज का व्रत रखती हैं। इस पर्व के पहले दिन रात कड़ू (कड़वे) भात यानी करेला की सब्जी खाने की परंपरा बरसों से चली जा आ रही है।