CG- पटवारी सस्पेंड: किसान ने की पटवारी की शिकायत... मुख्यमंत्री ने पटवारी को तत्काल निलंबित करने के दिये निर्देश... अधिकारियों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने के भी दिए निर्देश....
Chhattisgarh patwari suspended




Chhattisgarh patwari suspended
कोरबा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंट-मुलाकात के लिए कोरबा जिले के कटघोरा विधानसभा के ग्राम नोनबिर्रा पहुंचे। तिवरता (हरदी बाजार) के किसान रमेश कुमार जांगड़े ने वन अधिकार पट्टा अब तक नहीं मिलने की बात कही, उन्होंने बताया कि विशेष ग्राम सभा में तीन पीढ़ी से भूमि पर काबिज होने का साक्ष्य सिद्ध हो गया है, इसके बावजूद भी पट्टा नहीं मिला। उनकी बात सुनकर मुख्यमंत्री ने कल तक उन्हें वन अधिकार पट्टा देने के अधिकारियों को निर्देश दिए और पटवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री द्वारा जाति प्रमाण पत्र के बारे में पूछे जाने पर आरती चौहान, उर्तला ने बताया कि उसका सर्टिफिकेट नहीं मिल पा रहा, इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रकरण को देखकर जाति प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए। ग्राम दमिया की रहने वाली चंद्रवती जगता और उनकी मां ने बताया कि उन्हें 30 साल से पट्टा नहीं मिला। जिसे सुनकर मुख्यमंत्री ने प्रकरण की जांच करने एसडीएम को निर्देशित किया।
तेंदूपत्ता संग्रहण के बारे में पूछे जाने पर मनशीला पैकरा ने बताया कि बेटे के 12वीं में फर्स्ट डिवीजन आने पर प्रोत्साहन योजना के तहत छात्रवृत्ति मिली। सैलागांव की रहने वाली रेखा विश्वकर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि 300 क्विंटल से ज्यादा खाद बनाया, इससे हुई आमदनी से सभी सदस्यों ने 26-26 हजार रुपए बांटा और सोने का झुमका लिया।
मुख्यमंत्री बघेल के कोरबा जिले के नोनबिर्रा पहुंचने पर हेलीपैड पर जनप्रतिनिधियों, अधिकारी कर्मचारियों एवं आमजनों ने पुष्प गुच्छ, गुलदस्ता भेंटकर उनका आत्मीय स्वागत किया। साथी ग्रामीणों ने तेंदू फल और सूत धागा के माला पहनाकर मुख्यमंत्री बघेल का अभिनंदन किया। साथ ही हेलीपैड पर ग्राम रेंकी के ग्रामीणों ने करमा नृत्य कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। पारंपरिक धुन और मांदर की थाप पर करमा नृत्य ने मुख्यमंत्री बघेल का मन मोह लिया।
मुख्यमंत्री के स्वागत में भारी संख्या में ग्रामीणजन हेलीपैड पर मौजूद रहे। मुख्यमंत्री बघेल ने सभी जनता का स्वागत स्वीकार करते हुए सभी का अभिवादन किया। जनजाति सदस्यों द्वारा खुशी के अवसर पर करमा नाच किया जाता है। आदिवासी संस्कृति की विशेष पहचान करमा नृत्य जनजाति सदस्यों द्वारा फसल कटाई की खुशी और त्योहारों पर किए जाने वाला विशेष नृत्य है।