छत्तीसगढ़ कांग्रेस : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए टीएस सिंहदेव, डीएम को लिखे पत्र में बताई ये वजह.
Chhattisgarh Congress: TS Singhdev did not attend Chief Minister.




NBL, 12/05/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. Chhattisgarh Congress: TS Singhdev did not attend Chief Minister Bhupesh Baghel's program, the reason given in the letter written to the DM.
Chhattisgarh Congress: 9 मई को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र पहुंचे, लेकिन यहां के विधायक और कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए, पढ़े विस्तार से...
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 90 विधानसभाओं के दौरे पर निकले हैं. इस क्रम में वो सबसे पहले सरगुजा संभाग के विधानसभा क्षेत्रों में लोगों से मुलाकात कर रहे हैं. लेकिन 9 मई सरगुजा जिले के भेंट मुलाकात कार्यक्रम में अंबिकापुर के विधायक और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव शामिल नहीं हुए. इस पर अब सवाल उठने लगे हैं कि आखिर क्यों स्वास्थ्य मंत्री मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए.
सरगुजा कलेक्टर को टीएस सिंहदेव की चिट्ठी
9 मई को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र पहुंचे, लेकिन यहां के विधायक और कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव मुख्यमंत्री के भेंट मुलाकात कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सरगुजा जिला कलेक्टर को एक चिट्ठी लिखी. इस चिट्ठी में सिंहदेव ने 12 से 15 मई तक चिंतन शिविर में जाने को वजह बताया. टीएस सिंहदेव यह भी कहा कि सरगुजा जिले का दौरा 18 मई के बाद रखेंगे तो मैं शामिल हो पाऊंगा. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इसकी जानकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कैबिनेट बैठक के दौरान दे दी है, इसके अलावा मुख्यमंत्री के सनावल कैम्प के दौरान भी दूरभाष पर चर्चा कर आग्रह किया है कि 18 मई के बाद सरगुजा का दौरा रखेंगे तो मैं उसमें उपस्थित हो पाऊंगा.
विपक्षी दल बीजेपी ने उठाए सवाल
इधर, बीजेपी नेता गौरीशंकर ने इस मामले को कांग्रेस के भीतर अंदरूनी कलह बताया है. गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि छत्तीसगढ़ की राजनीति उत्तर और दक्षिण के समीकरण जैसे हालात से गुजर रही है. एक तरफ टीएस सिंहदेव बस्तर दौरे पर होते हैं तो वहां कलेक्टर और एसपी को जाने से रोका जाता है. वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल टीएस सिंहदेव के क्षेत्र की तरफ जाते हैं तो टीएस सिंहदेव इस पूरे कार्यक्रम से नदारत होते हैं और आने में असमर्थता जाहिर करते हैं. ये कहीं न कहीं इस बात का संकेत है कि इस प्रदेश में हालात क्या हैं. कुर्सी के लिए चल रही दौड़ का खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है. ये छत्तीसगढ़ की राजनीति के लिए उचित नहीं है.