CG - पर्यटन केंद्र : माकड़ी के उदयपुर पहाड़ से अब भी पर्यटक अनजान, यहां शिकार खेलने आते थे बस्तर राज परिवार के लोग, शीतकाल के साथ ही निखरने लगा उदयपुर पहाड़ का सौंदर्य...

CG - पर्यटन केंद्र : माकड़ी के उदयपुर पहाड़ से अब भी पर्यटक अनजान, यहां शिकार खेलने आते थे बस्तर राज परिवार के लोग, शीतकाल के साथ ही निखरने लगा उदयपुर पहाड़ का सौंदर्य...
CG - पर्यटन केंद्र : माकड़ी के उदयपुर पहाड़ से अब भी पर्यटक अनजान, यहां शिकार खेलने आते थे बस्तर राज परिवार के लोग, शीतकाल के साथ ही निखरने लगा उदयपुर पहाड़ का सौंदर्य...

पर्यटन केंद्र : माकड़ी के उदयपुर पहाड़ से अब भी पर्यटक अनजान, यहां शिकार खेलने आते थे बस्तर राज परिवार के लोग

शीतकाल के साथ ही निखरने लगा उदयपुर पहाड़ का सौंदर्य


हरवेल / माकड़ी : कोंडागांव जिले के माकड़ी ब्लॉक के उदयगिरि डोंगरी का यह विशाल पहाड़ का दृश्य शीतकाल के आगमन के साथ ही अलग दिखने लगा है। पहले पैदल पहाड़ चढ़ते थे अब इस विशाल पहाड़ में चढ़ने के लिए 480 सीढ़ियां बना दी गई हैं। ब्लॉक मुख्यालय मकड़ी से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह पहाड़ उदयपुर डोंगरी के नाम से जाना जाता है जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य से पर्यटकों को आकर्षित करता आ रहा है।

 

यहां का सौंदर्य पूरे शबाब पर रहता है यही कारण है कि इन दिनों यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या भी बढ़ जाती है जबकि बहुत से लोग इस सुंदर पहाड़ी से अब भी अनजान हैं। उदयपुर डोंगरी में यहां के लोग नवाखाई धान की नई फसल आने पर अन्न ग्रहण के साथ ग्रामीण दूसरे दिन डोंगरी में जाते हैं और देवी-देवता की पूजा पाठ करते हैं। यह प्रथा सालों से चली आ रही है। इस विशाल पहाड़ में एक तालाब भी है जिसे देखने भी पहुंचते हैं। इसके अलावा लोगों ने एक भव्य शिवलिंग भी स्थापित किया है, जिसकी लोग अक्सर पूजा-अर्चना करने पहाड़ पर जाते हैं। शिवरात्रि में संख्या हजारों में पहुंच जाती है।

सीढ़ियां बनने से आसानी से बस्तर राज के राजा साल 1850 में आया करते थे ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 1850 और 1890 के बीच बस्तर रिसायत के राजा रानियों के साथ यहां शिकार करने आया करते थे और इसी पहाड़ में रुका करते थे। यहां एक गुफा भी थी जो अब पूरी तरह से पट चुकी है।

ठंड के चलते बादल की सफेद चांदनी से पूरी डोंगरी के ढंक जाने से आकर्षक दृश्य देखने को मिल रहा है। बरसात से लेकर पूरे ठंड पहाड़ में चढ़ने के लिए सीढ़ियां बनाई गई हैं।

लोग चढ़ पाते हैं पहाड़ पर सालों पहले इस पहाड़ में चढ़ने का कोई भी साधन नहीं था। अब सीढ़ियों का निर्माण हो जाने से पर्यटक आसानी से इस ऊंचे पहाड़ पर पहुंचकर चारों ओर आसमान का नजारा और पूरे क्षेत्र में फैले विशाल वनों को देख सकते हैं हर मौसम में यहां पहुंचना सुलभ हो गया है। डोंगरी से जुड़ी धार्मिक मान्यता के साथ-साथ अब यह क्षेत्र पर्यटन स्थल के लिए भी चर्चित हो रहा है। अवकाश के दिनों में आसपास के क्षेत्र के लोग यहां पहुंचकर प्राकृतिक सौंदर्य निहारते हैं। ग्रामीण यहां पर्यटन सुविधाएं बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।