CG - तेजी से पैर पसार रही ये बीमारी : 15 दिनों मे 6 लोगो की हुई मौत, इस जिले में मिले सबसे ज्यादा मरीज, अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग.....

छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू तेजी से अपना पांव पसार रहा है। प्रदेश में स्वाइन फ्लू से 15 दिनों में 6 लोगों की जान भी जा चुकी है। स्वाइन फ्लू (H1N1 वायरस) से पिछले 24 घंटे में पीड़ित 2 लोगों की मौत हो गई।

CG - तेजी से पैर पसार रही ये बीमारी : 15 दिनों मे 6 लोगो की हुई मौत, इस जिले में मिले सबसे ज्यादा मरीज, अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग.....
CG - तेजी से पैर पसार रही ये बीमारी : 15 दिनों मे 6 लोगो की हुई मौत, इस जिले में मिले सबसे ज्यादा मरीज, अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग.....

राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू तेजी से अपना पांव पसार रहा है। प्रदेश में स्वाइन फ्लू से 15 दिनों में 6 लोगों की जान भी जा चुकी है। स्वाइन फ्लू (H1N1 वायरस) से पिछले 24 घंटे में पीड़ित 2 लोगों की मौत हो गई। मनेंद्रगढ़ में 41 साल के शख्स की और राजनांदगांव में 37 साल के युवक की मौत हो गई। इसके अलावा 10 दिन पहले राजनांदगांव में ही 4 साल की बच्ची ने दम तोड़ दिया था।

स्वाइन फ्लू (H1N1 वायरस) से अगस्त महीने में ही 6 लोगों की मौत छत्तीसगढ़ में हो चुकी है। पहली मौत 9 अगस्त को कोरिया जिले में एक महिला की हुई थी। इसके अलावा प्रदेश में एक हफ्ते में 29 पीड़ित मिले हैं जिनमें से 26 तो सिर्फ बिलासपुर से ही हैं।

बिलासपुर जिले में सबसे ज्यादा मरीज

छत्तीसगढ़ में पिछले एक सप्ताह में स्वाइन फ्लू के 29 मरीज मिले हैं, जिनमें से 26 बिलासपुर क्षेत्र के हैं। इनमें से 6 ने होम आइसोलेशन पूरा कर लिया है और वे स्वस्थ हैं। तीन अभी होम आइसोलेशन में हैं और एक को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया है। वर्तमान में 14 मरीजों का इलाज अलग-अलग अस्पताल में चल रहा है।

अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग

छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग ने स्वाइन फ्लू को लेकर पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी किया है। स्वाइन फ्लू के लिए आइसोलेशन वार्ड जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में बनवाया गया है। सर्दी, खांसी और कफ के साथ तेज बुखार से पीड़ितों का स्वाइन फ्लू टेस्ट कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

क्या होता है स्वाइन फ्लू (H1N1)

स्वाइन फ़्लू (H1N1) एक संक्रमण है जो इन्फ़्लूएंज़ा वायरस के कारण होता है। इसे स्वाइन फ़्लू इसलिए कहते हैं क्योंकि यह सूअरों को प्रभावित करने वाले फ़्लू वायरस के समान है। स्वाइन फ़्लू वायरस, सूअरों में फ़ेफड़ों की बीमारी का कारण बनता है। यह वायरस इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है। जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो श्वसन बूंदों के ज़रिए यह संक्रमण फैलता है। इसके अलावा, वायरस से दूषित सतहों को छूने और फिर चेहरे को छूने से भी संक्रमण हो सकता है।