CG News : छत्तीसगढ़ सरकार की नई उद्योग नीति से प्रदेश में बन रहा औद्योगिक विकास के लिए अच्छा माहौल....प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए पूंजी निवेश को मिल रहा प्रोत्साहन....

CG News : A good environment for industrial development is being created in the state due to the new industrial policy of the Chhattisgarh government छत्तीसगढ़ सरकार की औद्यौगिक नीति से प्रदेश में पूंजी निवेश को बढ़ावा मिल रहा है।

CG News : छत्तीसगढ़ सरकार की नई उद्योग नीति से प्रदेश में बन रहा औद्योगिक विकास के लिए अच्छा माहौल....प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए पूंजी निवेश को मिल रहा प्रोत्साहन....
CG News : छत्तीसगढ़ सरकार की नई उद्योग नीति से प्रदेश में बन रहा औद्योगिक विकास के लिए अच्छा माहौल....प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए पूंजी निवेश को मिल रहा प्रोत्साहन....

CG News : A good environment for industrial development is being created in the state due to the new industrial policy of the Chhattisgarh government

रायपुर, 25 सितम्बर 2022/ छत्तीसगढ़ सरकार की औद्यौगिक नीति से प्रदेश में पूंजी निवेश को बढ़ावा मिल रहा है। उद्योग के लिए अनुकूल माहौल मिलने से नए उद्योग आ रहे हैं। नए उद्योगों की स्थापना से प्रदेश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ रही है। इज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने नई औद्यौगिक नीति 2021-2024 में उद्योगों की स्थापना से जुड़े नियमों को सरल बनाया है। जिसमें उद्योगों को विभिन्न स्वीकृतियां प्रदान करने के लिए एकल खिड़की प्रणाली लागू की गई है, कठिन प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। 

 

राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला वर्ग के उद्यमियों द्वारा 5 करोड़ रुपए के पूंजीगत लागत तक के नवीन उद्योगों की स्थापना के लिए 25 प्रतिशत, अधिकतम सीमा 50 लाख रुपए मार्जिन की राशि अनुदान दिए जाने का प्रावधान, ओबीसी वर्ग के लिए औद्योगिक क्षेत्रों में 10 प्रतिशत भूखण्ड आरक्षण का निर्णय किया है, जबकि पहले की औद्योगिक नीति में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए कोई प्रावधान नहीं था। सरकार द्वारा भूमि आवंटन भू-प्रब्याजी में 30 प्रतिशत और भू-भाटक में 33 प्रतिशत की कमी भी की गई है। ऐसे ही अनेकों सेवाओं के लिए ऑनलाइन सुविधा भी प्रदान की गई है। उद्योगों के लिए जमीन आवंटन और जमीन को फ्री होल्ड करने के व्यावहारिक प्रावधान करने समेत अनेकों कदम उठाए गए हैं जिससे प्रदेश में उद्योग एवं व्यवसाय के लिए अच्छा माहौल बन रहा है। 

 

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में विभिन्न सेक्टरो में उद्योगों को न केवल बढ़ावा मिल रहा है बल्कि प्रदेश में औद्योगिक विकास की संभावनाओं को गति और उद्योग से जुड़े हर सेक्टर में नवाचार को प्रोत्साहन भी मिल रहा है। प्रदेश में विगत पौने चार सालों में कुल 2 हजार 2 सौ 18 औद्योगिक इकाईयां स्थापित हुई हैं, जिनमें 21 हजार 4 सौ 57.29 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। इन उद्योगों में अब तक 40 हजार 3 सौ 24 लोगों को नियमित रोजगार का जरिया मिला है। छत्तीसगढ़ सरकार की उद्योग हितैषी नीतियों के कारण प्रदेश में जहां नए-नए उद्योग स्थापित हो रहे हैं वहीं शहरों के साथ-साथ गांवों में भी बदलाव की नई बयार आ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसंस्करण की लघु इकाइयां स्थापित की जा रही हैं, स्थानीय उपलब्धता के आधार पर प्रसंस्करण, पैकेजिंग की सुविधा भी दी जा रही है, जिसका लाभ उद्योग और व्यापार जगत को भी मिल रहा है। अब तक प्रदेश में 4 सौ 86 खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित हुई हैं, जिनमें 930 करोड़ 88 लाख रुपए के पूंजी निवेश के साथ ही 4 हजार 635 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। 

 

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उद्योग विकास के लिए जिस तरह से नीतियों का क्रियान्वयन किया जा रहा है उसकी तारीफ भारत सरकार भी कर रही है। हाल ही में केंद्रीय उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा की गई स्टेट्स स्टार्टअप रैंकिंग में छत्तीसगढ़ को स्टार्टअप्स ईको सिस्टम के विकास के लिए एस्पायरिंग लीडर के रूप में सम्मानित किया है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कई सराहनीय पहल की गई है। जिनमें स्टार्टअप पॉलिसी की स्थापना, स्टार्टअप्स के लिए करों में छूट और अनुदान का प्रावधान, इन्क्यूबेटर्स की स्थापना और उनका उन्नयन प्रमुख पहल है। इन्क्यूबेटर्स के माध्यम से स्टार्टअप्स के लिए को-वर्किंग स्पेस, मेटरशिप, फंडिंग और प्रौद्योगिकी सपोर्ट के प्रावधान किए गए हैं।

 

उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने 177 एमओयू किए हैं। जिसमें 89 हजार 597 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश प्रस्तावित है,  इनमें से 90 से अधिक इकाईयों ने उद्योग स्थापना की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जबकि 11 इकाईयों ने व्यवसायिक उत्पादन प्रारम्भ कर दिया है, जिसमें 1513 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश एवं राज्य के 2 हजार 515 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त हुआ है। राज्य की औद्योगिक इकाईयों को 423.15 करोड़ स्थायी पूंजी निवेश अनुदान की राशि राशि प्रदान किया गया है। राज्य की औद्योगिक इकाईयों को विगत साढ़े तीन सालों में राशि रू. 140.97 करोड़ ब्याज अनुदान राशि प्रदान की गई है।

 

नवीन फूडपार्क की स्थापना के लिए 146 विकासखण्डों में से 112 विकासखण्डों में भूमि का चिन्हांकन किया जा चुका है और चिन्हांकित विकासखण्डों में से 52 विकासखंडों में शासकीय भूमि का हस्तांतरण आदेश भी जारी किया जा चुका है। अब तक कुल 10 नवीन फूडपार्क के स्थापना की स्वीकृति दी जा चुकी है। जिसमें से सुकमा जिले के ग्राम सुकमा में 5,900 हेक्टेयर शासकीय भूमि पर फूडपार्क की स्थापना के लिए अधोसंरचना विकास कार्य पूरा किया जा चुका है, स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से क्षेत्रीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर फूडपार्क तैयार किया जाएगा। राज्य सरकार एथेनाल प्लांट की स्थापना को भी प्रोत्साहित कर रही है। कवर्धा जिले में जल्द ही कृषि आधारित एथेनाल प्लांट की शुरुआत होगी, जहां गन्ने से एथेनाल बनाया जाएगा। सरकार ने औद्योगिक नीति 2019-24 में उच्च प्राथमिकता उद्योगों की श्रेणी में एथेनाल प्लांट की स्थापना को शामिल किया गया है, जिसे सामान्य उद्योगों से 10 प्रतिशत अधिक औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन प्राप्त होंगें। प्लांट्स की स्थापना से क्षेत्रीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आर्थिक समृद्धि का आधार बनेगा।