CG Election Results : छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित 90 विधायकों में से 17 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज, छह के खिलाफ गंभीर मामले…जानिए किनके-किनके नाम शामिल…
छत्तीसगढ़ में तीन दिसंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे आए हैं। इसके साथ ही नवनिर्वाचित विधायकों का बही-खाता भी एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने पेश कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, नवनिर्वाचित 90 विधायकों में से 17 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।




रायपुर। छत्तीसगढ़ में तीन दिसंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे आए हैं। इसके साथ ही नवनिर्वाचित विधायकों का बही-खाता भी एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने पेश कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, नवनिर्वाचित 90 विधायकों में से 17 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। हालांकि, यह 2018 में निर्वाचित होकर आए 24 दागी विधायकों से कम है।
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में किए गए विश्लेषण में 90 विधेयकों में से 17 (19%) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 2018 में 24 विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले और 13 विधायकों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए थे।
भाजपा के 54 विधायकों में से 12 (22 प्रतिशत) और कांग्रेस के 35 विधायकों में से पांच (14 प्रतिशत) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसी तरह, भाजपा के चार (7 प्रतिशत) विधायक हैं और कांग्रेस के दो (6 प्रतिशत) विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक दर्ज हैं। रिपोर्ट के अनुसार, निवर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (पाटन सीट), देवेन्द्र यादव (भिलाई नगर) और अटल श्रीवास्तव (कोटा) के नाम भी इस लिस्ट में शामिल है।
इसी तरह पूर्व मंत्री राजेश मूणत (रायपुर शहर पश्चिम) और दयालदास बघेल (नवागढ़), शकुंतला सिंह पोर्ते (प्रतापपुर), उधेश्वरी पैकरा (सामरी), ओपी चौधरी (रायगढ़), विजय शर्मा (कवर्धा सीट), विनायक गोयल (चित्रकोट-एसटी) और आशाराम नेताम (कांकेर-एसटी) भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों में से हैं, जिन पर रिपोर्ट के अनुसार आपराधिक मामले चल रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में, 90 निर्वाचित विधायकों में से 24 (27 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए थे, जिनमें से 13 (14 प्रतिशत) गंभीर आरोपों का सामना कर रहे थे।
एड़ीआर रिपोर्ट में विधायकों के आपराधिक पृष्ठभूमि के अलावा संपत्तियों की जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ के 90 नवनिर्वाचित विधायकों में से 72 करोड़पति हैं, जबकि 2018 में 68 विधायक करोड़पति थे। वर्तमान में 72 करोड़पति विधायकों में से भाजपा के 43 और कांग्रेस के 29 विधायक करोड़पति हैं।
यही नहीं नवनिर्वाचित विधायकों की औसत संपत्ति 5.25 करोड़ रुपए है, जबकि 2018 में प्रति विधायक औसत संपत्ति 11.63 करोड़ रुपए थी। भाजपा के 54 विधायकों की औसत संपत्ति 5.70 करोड़ रुपए है, जबकि कांग्रेस के 35 विजेता उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 4.70 करोड़ रुपए है. वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के एकमात्र विधायक की औसत संपत्ति 26.03 लाख रुपए है।