CG - अपील : कृपया प्रदेश के सभी जिला, तहसील प्रेस क्लब और समस्त पत्रकार संघ/संगठन द्वारा यह ज्ञापन आज ही देना सुनिश्चित करें...

CG - अपील : कृपया प्रदेश के सभी जिला, तहसील प्रेस क्लब और समस्त पत्रकार संघ/संगठन द्वारा यह ज्ञापन आज ही देना सुनिश्चित करें...
CG - अपील : कृपया प्रदेश के सभी जिला, तहसील प्रेस क्लब और समस्त पत्रकार संघ/संगठन द्वारा यह ज्ञापन आज ही देना सुनिश्चित करें...

अपील : कृपया प्रदेश के सभी जिला, तहसील प्रेस क्लब और समस्त पत्रकार संघ/संगठन द्वारा यह ज्ञापन आज ही देना सुनिश्चित करें।

प्रति 
पुलिस महानिदेशक
छत्तीसगढ़ शासन 
रायपुर छत्तीसगढ़ 

द्वारा - पुलिस अधीक्षक जिला

विषय। बस्तर के पत्रकारों को फर्जी मामले में फंसाए जाने की उच्च स्तरीय जांच बाबत। 

महोदय,

             विदित हो कि 10अगस्त को बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा और सुकमा जिले से 4 पत्रकार साथी बप्पी राय,धर्मेंद्र सिंह ,मुकेश सिंह और निशु त्रिवेदी  सुकमा जिले के कोंटा सीमा में  रेत तस्करी से संबंधित खबर कवरेज करने गए हुए थे, जहा कोंटा थाना प्रभारी ने पहले तो पत्रकारों से दुर्व्यवहार किया जिसके बाद पत्रकारों को सीमावर्ती आंध्र प्रदेश की पुलिस से गांजा तस्करी के फर्जी मामले में फंसवाकर उनके खिलाफ झूठा मामला बनाया गया है। पूरे घटनाक्रम में कुछ प्रमुख बिंदु है जिससे ये पूर्णतः साबित होता है कि मामले में कोंटा पुलिस की संलिप्तता है और पत्रकारों को कोंटा थाना प्रभारी के इशारों पर फंसाया गया है, उत्तर बस्तर पत्रकार संघ आपको निम्न बिंदुओं से अवगत करवा रहा है जिसकी जांच से सच्चाई सामने आ सकती है, और निर्दोष पत्रकारों को बचाया जा सकता है, कृपया इन बिंदुओं पर जांच की जाए।

1.जब पत्रकारों ने अवैध रेत तस्करी करते वाहनों को रोका और उनके पास से मिले कागजात से साबित हुआ कि रेत छत्तीसगढ़ से आ रहा है, उसके बाद भी कोंटा के थाना प्रभारी ने किसी तरह की कार्यवाही नही की और पत्रकारों से दुर्व्यवहार करते हुए जो करना है कर लो जैसे शब्दों का प्रयोग किया।

2. जिन दो संदिग्ध लोगो को रात में कोंटा थाना प्रभारी के साथ देखा गया था वो इस घटना के बाद से लापता है, उनकी तलाश की जाए, उन्हें सामने लाया जाए, ये वही दो लोग है जिन पर पत्रकारों को शक है कि थाना प्रभारी के साथ मिलकर कार में गांजा रखा है। और देर रात तक थाना प्रभारी के साथ देखे गए फिर लापता हो गए। इनके पकड़े जाने से मामले का खुलासा हो सकता है। 

3. जिस होटल में पत्रकार रुके हुए थे वहा सीसीटीवी लगी हुई है, लेकिन जिस दौरान पत्रकार रुके उसी दौरान की फुटेज कैसे गायब हो गई, साफ संदेह है थाना प्रभारी ने ये काम जबरन करवाया है। इसकी भी जांच हो। 

4. मामले की जांच सुकमा एसपी स्वयं देख रहे थे और उन्होंने प्रारंभिक जांच के बाद ही कोंटा थाना प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया जिससे साफ है इस थाना प्रभारी की कुछ तो संलिप्तता का पता एसपी को चला है। 

हमारा पत्रकार संगठन आपसे निवेदन करता है कि उक्त बिंदुओं विशेष जांच दल गठित कर पूरे मामले की जांच करवाई जाए और दोषी थाना प्रभारी जिसने पुलिस की छवि खराब की है उसे सेवा से बर्खास्त किया जाए।  साथ ही बस्तर अंचल में कई दफा अपनी जान दांव पर लगाकर जवानों की मदद करने वाले उन्हें नक्सलियों के चंगुल से छुड़वाकर लाने वाले हमारे निर्दोष पत्रकारों को इस झूठे मामले से बचाया जाए। 

                                भवदीय