BIG NEWS: केंद्रीय कैबिनेट का फैसला.... मोदी सरकार का देश के किसानों को तोहफा..... खरीफ की फसलों के लिए 62% तक बढ़ी एमएसपी......




नई दिल्ली। मोदी सरकार ने एक बार फिर किसानों को राहत देते हुए खरीफ फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने का फैसला किया है। इसका फैसला बुधवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया। केंद्र सरकार ने बुधवार को बाजार सत्र 2021-22 के लिए खरीफ की फसलों पर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) बढ़ाने को अनुमति दे दी। केंद्र ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी तिल (452 रुपये प्रति कुंतल) में की गई है। इसके बाद तुअर और उड़द (दोनों 300 रुपये प्रति कुंतल) आते हैं।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने खरीफ की फसलों पर 50 फीसदी तक एमएसपी बढ़ाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पिछले सात साल से किसानों के हित में फैसले ले रही है और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए चर्चा करने के लिए हर वक्त तैयार है। तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य पिछले साल के मुकाबले 72 रुपये बढ़कर 1940 रुपये प्रति कुंतल हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल यह राशि 1868 रुपये प्रति कुंतल थी।
नरेन्द्र सिंह तोमर ने आगे कहा कि पीएम मोदी जी के नेतृत्व में किसानों के क्षेत्र एक के बाद एक निर्णय लिए गए, जिससे किसान की आय बढ़े। खेती फायदे का सौदा हो इसके लिए काम किया गया। किसानों को खरीफ़ सीजन के लिए एमएसपी का फैसला लिया गया है। धान, बाजरा और अरहर की MSP में बढ़ोतरी की गई। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले दिन जब रिफॉर्म के बारे में बात हुई थी तो एमएसपी को लेकर बहुत बात हुई थी. उस वक्त भी हमने कहा था MSP है और आने वाले समय में भी जारी रहेगी। इसलिए सरकार MSP का एलान कर रही है।
उल्लेखनीय है कि एमएसपी वह दर होती है जिस दर से सरकार किसानों से खाद्यान्न खरीदती है। कैबिनेट ने रेलवे की संचार व सिग्नल प्रणाली उन्नत करने के लिए पांच मेगाहर्ट्ज के 4जी स्पेक्ट्रम को मंजूरी दे दी। इस पर अगले पांच साल में 25 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड में संशोधन के साथ नई निवेश नीति (एनआईपी)-2012 की प्रायोज्यता के विस्तार को भी मंजूरी दे दी गई। रेलवे यातायात ज्यादा सुरक्षित करने के लिए 4G स्पेक्ट्रम का रेलवे को ज्यादा आवंटन किया गया है। अब तक रेलवे 2G स्पेक्ट्रम का उपयोग करती थी। रेलवे यातायात सुरक्षित करने और संचार व्यवस्था को सुधारने के लिए 4G के 5 MHz स्पेक्ट्रम का आवंटन किया गया है।