CG News : सावधान! तीस से ज्यादा तरीकों से हो रही साइबर ठगी, वीकेंड में साइबर ठगी दोगुना, रिश्तेदार बनकर लगते हैं चपत....

इंटरनेट जितना हमारे लिए सुविधाजनक है उतना ही घातक भी है। देशभर में साइबर ठगों का आंतक तेजी से बढ़ता जा रहा है। ना जाने कितने ही लोग रोजाना इन साइबर ठगों का शिकार हो जाते है।

CG News : सावधान! तीस से ज्यादा तरीकों से हो रही साइबर ठगी, वीकेंड में साइबर ठगी दोगुना, रिश्तेदार बनकर लगते हैं चपत....
CG News : सावधान! तीस से ज्यादा तरीकों से हो रही साइबर ठगी, वीकेंड में साइबर ठगी दोगुना, रिश्तेदार बनकर लगते हैं चपत....

रायपुर। इंटरनेट जितना हमारे लिए सुविधाजनक है उतना ही घातक भी है। देशभर में साइबर ठगों का आंतक तेजी से बढ़ता जा रहा है। ना जाने कितने ही लोग रोजाना इन साइबर ठगों का शिकार हो जाते है। साइबर ठग पलक झपकते ही लोगों के बैंक अकाउंट खाली कर देते है। रायपुर शहर में भी रोजाना 10 से 15 पीड़ित साइबर ठगी से जुड़ी शिकायतें लेकर पुलिस के पास पहुंच रहे हैं।


क्राइम ब्रांच यूनिट के साथ यूनिट की कांस्टेबल बबीता देवांगन भी किसी की मेहनत की कमाई कोई न छीन पाए, इस उद्देश्य के साथ साइबर ठगों के मंसूबों पर पानी फेर रही हैं। अपनी सूझबूझ और जागरूकता से वे अब तक कई प्रकरण में लाखों रुपये ठगों के खाते में ट्रांसफर होने से बचाए हैं। उनके इस कार्य के चलते विभाग के साथ ही कई संगठन और संस्थाएं उनका सम्मान कर चुके हैं। 30 से अधिक तरीकों की ठगी का अध्ययन पिछले आठ वर्षों से साइबर ठगी के मामलों की जांच करते हुए कांस्टेबल बबीता ठगी के 30 से अधिक तरीकों से परिचित हो चुकी हैं।


खास बात यह है कि उन्होंने साइबर से जुड़ी पढ़ाई नहीं की है। साइबर ठगी के मामलों के लंबे अध्ययन से वे इस तरह के अपराध को तुरंत भांप लेती हैं। उनका कहना भी है कि साइबर यूनिट के साथ काम करते हुए हाईटेक ठगी में काफी बेहतर स्टडी हो चुकी है।

क्राइम यूनिट में स्मार्ट फोन और इंटरनेट के हाईटेक फीचर्स के बीच ठगों का तोड़ निकालना चुनौती थी, लेकिन जब वह फोन कॉल्स और वालेट ट्रांजेक्शन का डाटा खंगालने में जुटीं तो सफलता मिलती गई। बबीता ने बताया कि इस काम में इतनी जटिलता होती है कि टीम के मदद के बिना ठग को जान पाना मुश्किल होता है। इसमें टीम और कांस्टेबल रवि प्रभाकर का भी पूरा सहयोग रहता है।


वीकेंड में साइबर ठगी दोगुना कांस्टेबल बबीता ने बताया कि सोमवार से शुक्रवार तक साइबर ठगी से जुड़ी 10 से 15 शिकायतें आती हैं, लेकिन शनिवार और रविवार को यह आंकड़ा दोगुना हो जाता है। वीकेंड में ठग रिश्तेदार बनकर और बैंक बंद होने का कारण बताकर बैंक में जमा राशि उठा ले जाते हैं। इस तरह के काल सबसे ज्यादा राजस्थान क्षेत्र से आते हैं। इसके बाद झारखंड का नंबर आता है। उन्होंने बताया कि साइबर अपराध में वीडियो कॉल ठगी का एक नया तरीका बनकर तेजी से उभरा है।


जागरूकता की कमी या फिर शर्मिंदगी के कारण लोग इसकी गिरफ्त में आ जा रहे हैं। साइबर अपराधी लोगों की इसी हिचकिचाहट का फायदा उठाकर उनसे फिरौती की मांग करते हैं। मुख्य रूप से इस तरह के झांसे सबसे ज्यादा, बचने की जरूरत आधार कार्ड बैंक से जोड़ना है, लॉटरी फंसी है, इनाम की राशि मिलेगी, एटीएम कार्ड की वैलिडिटी खत्म हो गई है।

ऑनलाइन खरीदी में भारी छूट, फेक ईमेल के जरिए ऑनलाइन ट्रेडिंग, ऑनलाइन मोबाइल टावर बिजनेस, सिम कार्ड की वैधता खत्म हो गई, जॉब ऑफर, आर्मी से हूं या रिश्तेदार हूं, मदद चाहिए आदि काल के जरिये ठग फांसते हैं शिकार।