अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यूरोपीय संघ (EU) के प्रतिनिधिमंडल को गुरुवार को संबोधित किया, नकवी ने कहा; देश में जबरन धर्मांतरण का अधिकार नही.
Abbas Naqvi addressed the European Union (EU) delegation on Thursday,




NBL, 29/04/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. Minority Affairs Minister Mukhtar Abbas Naqvi addressed the European Union (EU) delegation on Thursday, Naqvi said; There is no right of forced conversion in the country.
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यूरोपीय संघ (EU) के प्रतिनिधिमंडल को गुरुवार को संबोधित किया। नकवी ने कहा कि भारत में सभी समुदायों के धार्मिक स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार पूरी तरह से सुरक्षित हैं, लेकिन किसी को भी जबरन धर्मांतरण का संवैधानिक अधिकार प्राप्त नहीं हैं, पढ़े विस्तार से..
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
यूरोपीय संघ की मानवाधिकार मामले के विशेष प्रतिनिधि इमोन गिल्मोर समेत छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने नकवी से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, नकवी ने प्रतिनिधिमंडल से कहा, ''भारत में सभी समुदायों के धार्मिक स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार पूरी तरह से सुरक्षित हैं लेकिन किसी को भी जबरन धर्मांतरण का संवैधानिक अधिकार प्राप्त नहीं हैं।''
"'इस्लामोफोबिया का भूत' खड़ा कर रहे कुछ लोग"
नकवी ने कहा, ''कुछ लोग प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ एजेंडा चलाते हैं और 'इस्लामोफोबिया का भूत' खड़ा करते हैं। लेकिन यह लोग 2014 से भेदभाव की एक भी घटना नहीं बता पाते हैं। कुछ छिटपुट आपराधिक घटनाओं को सांप्रदायिक रंग देने की नाकाम कोशिश होती रही है।''
'केंद्र सरकार की नौकरियों में अल्पसंख्यकों की भागीदारी बढ़ी'
सूत्रों के मुताबिक, मंत्री ने इस प्रतिनिधिमंडल को बताया, ''मोदी सरकार ने 8 वर्षों में अल्पसंख्यक वर्गों के 5 करोड़ 20 लाख छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी है। 2014 में केंद्र सरकार की नौकरियों में अल्पसंख्यकों की भागीदारी सिर्फ 4 प्रतिशत थी, जो अब बढ़ कर 10 प्रतिशत से अधिक हो गयी है।''
'भारत में आतंकी संगठन जड़े जमाने में सफल नहीं'
सूत्रों ने बताया कि नकवी ने जोर देकर कहा, ''अलकायदा और आईएसईएस जैसे आतंकवादी संगठनों ने यूरोपियन देशों सहित कई देशों में अपनी जडें जमाई थी, लेकिन भारत में ये आतंकी संगठन अपनी जड़े जमाने में सफल नहीं हो पाए। यह भारत की सांस्कृतिक सहअस्तित्व, अनेकता में एकता की ताकत व भारतीय मुसलमानों के सरकार और समाज के प्रति विश्वास का परिणाम है।