आम आदमी पार्टी के दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है, लेकिन जमानत के बाद वह फिर जेल जाएंगे और विपक्षी पार्टी के नेता जश्न मना रहे हैं और इसे देश के लोकतंत्र और संविधान की जीत बता रहे हैं। यह कैसी जीत है?

Aam Aadmi Party's Delhi CM Arvind Kejriwal

आम आदमी पार्टी के दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है, लेकिन जमानत के बाद वह फिर जेल जाएंगे और विपक्षी पार्टी के नेता जश्न मना रहे हैं और इसे देश के लोकतंत्र और संविधान की जीत बता रहे हैं। यह कैसी जीत है?
आम आदमी पार्टी के दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है, लेकिन जमानत के बाद वह फिर जेल जाएंगे और विपक्षी पार्टी के नेता जश्न मना रहे हैं और इसे देश के लोकतंत्र और संविधान की जीत बता रहे हैं। यह कैसी जीत है?

NBL, 11/05/2024, Lokeshwar Prasad Verma Raipur CG: Aam Aadmi Party's Delhi CM Arvind Kejriwal has got bail from the Supreme Court, but after bail he will go to jail again and the opposition party leaders are celebrating and calling it a victory of the country's democracy and constitution. What kind of victory is this? पढ़े विस्तार से.... 

दिल्ली शराब घोटाला मामले की जांच के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जेल भेज दिया है। और आम आदमी पार्टी के नेताओं की काफी कोशिशों के बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को जमानत दे दी है, वो भी कुछ दिनों के लिए ही। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को फिर से तिहाड़ जेल जाना पड़ेगा 2 जून को और इधर विपक्षी दलों के नेता जश्न मना रहे हैं और कह रहे हैं कि ये लोकतंत्र और संविधान की जीत है दिल्ली के सीएम केजरीवाल को न्याय मिला है, जबकि आज केजरीवाल को न्याय नहीं बल्कि अग्रिम जमानत मिली है चुनाव प्रचार के लिए। सुप्रीम कोर्ट की नजर में दिल्ली के सीएम केजरीवाल अभी भी शराब घोटाला मामले में आरोपी हैं। इसलिए कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को फिर से जेल जाने की तारीख दे दी है। लेकिन आज देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं, इसलिए विपक्षी दलों के नेताओं की जिम्मेदारी है कि वो ऐसा माहौल बनाएं कि शराब घोटाले में फंसे दिल्ली के सीएम केजरीवाल जीत गए हैं, इसलिए दिल्ली के सीएम केजरीवाल का जमानत पर जेल से बाहर आना विपक्षी दलों के नेताओं के लिए लोकतंत्र और संविधान की जीत हो सकती है। जबकि यह देश के लोकतंत्र और संविधान की जीत कैसे है, यह तो चोर चोर मोसरे भाई जैसे लोग ही बता सकते हैं।

आज देश में लोकसभा चुनाव हैं और दिल्ली के सीएम केजरीवाल को प्रचार के लिए जमानत मिलना आम आदमी पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि देश में चुनाव चल रहे हैं, अब सीएम केजरीवाल अपने पक्ष में क्या कहेंगे और अपनी जमानत को अपनी जीत कहने की बजाय इसे देश के लोकतंत्र और संविधान की जीत कहेंगे और आम आदमी पार्टी के पक्ष में वोट करने की अपील करेंगे, लेकिन क्या ये वही केजरीवाल हैं जो अन्ना हजारे के आंदोलन से निकले सच्चे नेता अरविंद केजरीवाल हैं या ये दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल हैं जो दिल्ली शराब घोटाले में संदिग्ध आरोपी हैं और आज जेल से जमानत पर बाहर हैं।

उनके जनकल्याण के वादों से प्रभावित होकर दिल्ली की जनता ने उन्हें अपना दिल दिया और दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया। कांग्रेस जैसी पुरानी पार्टी को दरकिनार कर दिल्ली के पूर्ण मुखिया बने अरविंद केजरीवाल के लिए ये ईश्वर का तोहफा है मुफ्त की राजनीति देना। क्या अरविंद केजरीवाल वाकई बहुत ईमानदार हैं? क्या उनका विजन देश हित में है? क्या दिल्ली शराब घोटाले में उनकी संलिप्तता केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी द्वारा उनकी छवि खराब करने के लिए गढ़ी जा रही कहानी है या फिर वह वाकई दिल्ली शराब घोटाले के मास्टरमाइंड हैं, तभी तो देश की सर्वोच्च अदालत ने उन्हें बरी करने की बजाय जमानत दे दी है, वो भी सिर्फ कुछ दिनों के लिए, सीएम साहब केजरीवाल जी कुछ तो गड़बड़ है, इसीलिए आप जमानत पर हैं।

आज विपक्षी पार्टी के नेता जेल से जमानत मिलने पर भी ईमानदार नजर आ रहे हैं, क्योंकि जमानत मिलना विपक्षी पार्टियों के लिए बहुत बड़ी जीत है, क्योंकि उनके जैसे महान सोच वाले नेता देश के लोकतंत्र को प्रभावित करते हैं, क्योंकि उनके झूठे दावे भी देश के कुछ लोगों को सच्चे लगते हैं, जमानत पर जेल से बाहर आने से कोई बेदाग नहीं हो जाता, जबकि सभी जांच एजेंसियों को कोर्ट में चुनौती देना और जीतना ईमानदारी से बाहर आना कहलाता है, जबकि दिल्ली के सीएम केजरीवाल जेल से जमानत पर बाहर हैं और उन पर दाग अभी भी हैं, तो इसे देश के लोकतंत्र और संविधान की जीत कैसे कहा जा सकता है, जबकि उसी संविधान ने आपको जमानत के साथ जेल जाने का समय भी दिया है। और देश में विपक्षी पार्टियों के नेता यह दुहाई देते रहेंगे कि एक ईमानदार नेता आम आदमी पार्टी के दिल्ली के सीएम केजरीवाल को न्याय मिल गया, जबकि न्याय मिलना अभी बाकी है।

आखिर दिल्ली शराब घोटाले के मास्टरमाइंड दिल्ली के सीएम केजरीवाल पर लगा दाग तो दाग ही है, भले ही विपक्षी पार्टियों और आम आदमी पार्टी के नेता इस दागी नेता की जमानत से संतुष्ट हों, लेकिन देश के लोकतंत्र को बेवजह की इनके उपर सहानुभूति देकर संतुष्ट नहीं होना चाहिए। अगर भ्रष्टाचारियों को देश के लोकतंत्र द्वारा ऐसी ही सहानुभूति मिलती रहेगी तो देश किस दिशा में जा सकता हैं, देश के लोकतंत्र को खुद ही समझ लेना चाहिए कि गलत का साथ देना भी पाप कहलाता है, जो देश के सच्चे देशभक्त ईमानदार लोकतंत्र को नहीं करना चाहिए।

हमारे अपने लोग चाहे कोई भी हों, हमें कभी भी गलत मानसिकता वाले लोगों को अपना हितैषी नहीं मानना ​​चाहिए। उच्च शिक्षा प्राप्त कर और उच्च पद पर बैठे हुए सीएम केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के साथ विश्वासघात किया है, इसीलिए आज वे जेल गए। अब उन्हें ईमानदार नेता कहना उचित नहीं है। कोई भी देश के लोकतंत्र के जनहित की लड़ाई लड़ते हुए जेल नहीं गया है, बल्कि वे अपनी राजनीतिक पार्टी "आम आदमी पार्टी" के विकास के लिए जेल गए हैं। उन्होंने दिल्ली में शराब घोटाला किया है, न कि दिल्ली की जनता के कल्याण के लिए, जिन्होंने उनके द्वारा किए गए घोटाले से लाभ उठाया है या वहां के लोगों के हित में काम किया है। दिल्ली और देश के लोकतंत्र को उनके काले कामों का समर्थन नहीं करना चाहिए।

इसका पुरजोर खंडन करना चाहिए ताकि देश के लोकतंत्र की ताकत इनके जैसे भ्रष्ट लोगों को यह एहसास दिलाए कि हम सच्चे देशभक्त, ईमानदार लोकतंत्रवादी देश के गलत लोगों को दरकिनार करने की ताकत रखते हैं। यह बात सभी भ्रष्ट लोगों पर लागू होनी चाहिए, चाहे वे देश के किसी भी राजनीतिक दल के नेता हों, प्रशासनिक लोग हों, व्यापारी हों या आम लोग हों। सभी के लिए समान कानून होना चाहिए। देश की अदालतों को सख्त कानून के साथ गलत कामों पर फैसला देना चाहिए, ताकि देश के संविधान का डर बना रहे और लोकतंत्र और देश मजबूत बने। आज देश के कई लोकतंत्रवादी सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली के सीएम केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए दी गई अंतरिम जमानत को सही फैसला नहीं बता रहे हैं और यह सही क्यों नहीं है, यह देश के कई लोकतंत्रवादियों की प्रतिक्रिया से खुद देश की सुप्रीम कोर्ट को पता चल जाएगा।

क्या भाजपा के नरेन्द्र मोदी लोकतंत्र के वोटों से देश के प्रधानमंत्री बने हैं या फिर देश की जनता को डराकर और उनसे जबरदस्ती वोट डलवाकर देश के प्रधानमंत्री बने हैं? हर रोज विपक्षी दलों के नेता भाजपा और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तानाशाह कहते हैं और आज दिल्ली के सीएम केजरीवाल जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद जोर-जोर से कह रहे थे कि यह तानाशाह सरकार की हार है और हम ईमानदार आम आदमी पार्टी और दिल्ली के सीएम केजरीवाल की जीत हुई है। कौन सी जीत? जमानत पर जेल से बाहर आए केजरीवाल 2 जून के बाद उसी तिहाड़ जेल में रहेंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल अभी भी दिल्ली शराब घोटाले के संदिग्ध विचाराधीन कैदी हैं, उन पर लगा दाग अभी धुल नहीं पाया है और ऐसे अफवाह फैलाने वाले नेताओं को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत देना राष्ट्रहित में उचित फैसला नहीं है। 

क्योंकि यह जमानत अन्य राजनीतिक दलों के विचाराधीन कैदियों को मौका देने के लिए है जो राजनीतिक दलों से जुड़े हुए नेता, वे भी अपनी पार्टी के चुनाव प्रचार के लिए अपनी जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं और दिल्ली के सीएम केजरीवाल की सहानुभूति जमानत का हवाला दे सकते हैं, जिससे सुप्रीम कोर्ट को जमानत देने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है, इसलिए यह जमानत भविष्य में अवैध हो सकती है और सुप्रीम कोर्ट के जज द्वारा दिया गया फैसला व्यक्तिगत फैसला हो सकता है, जो संविधान के अनुरूप है, अब कोई भी व्यक्ति, जो राजनीतिक दलों से जुड़ा हुआ है, इसे देखकर इस अधिकार की मांग कर सकता है। यह सुप्रीम कोर्ट के लिए एक नई चुनौती होगी और सुप्रीम कोर्ट को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए जो राष्ट्रहित में है क्योंकि अब कोर्ट पर सवालिया निशान लग रहा है। अब यह जमानत राजनीतिक नेताओं के लिए वरदान साबित हो सकती है?